🌹🙏💫💫💫💫💫💫💫🇮🇳💫💫💫💫💫💫💫🌹✍️ बीते तीन चार दिनों मैं पारिवारिक यात्रा पे रहा। ससुराल के सुख का आनंद लिया। और कुछ अपने संबंधियों से मुलाकात भी की। मैं अपने जन्मस्थान पे हमेशा जाता हूं और वहां भी गया। वहां मेरी रूह बसती है। हां वहां भी गया जहां जाकर मुझे आत्मिक शांति और अध्यात्म का अनुभव होता है। मां मुझे अपने दर पे आने देती है। मेरे मन की सभी तृष्णाएं और सब अहंकार वहां हवन कुंड में स्वाह हो जाते है। मैं "मां श्री नयना देवी जी" की बात कर रहा हूं। और ये सत्य है । आप की जहां श्रद्धा आस्था होती है ये सब अपने आप दूर हो जाते है। और एक बात , ईश्वर सब को समय समय पे आइना किसी न किसी रूप में दिखाते रहते है। आस्थावान को इशारा मिलता है और सुधार होता है। बाकी की आंख पे पट्टी बंध जाती है। आज महाभारत में दिए ज्ञान को समझने की जरूरत है। जान लीजिए भगवान स्वयं अपने भक्तों का अभिमान दूर करते हैं , फिर वह चाहे उनकी अर्धागिनी सत्यभाभा हों, प्रिय गोपियां हों, अभिन्न मित्र अर्जुन हो, वाहन गरुड़ हो या भक्त नारद हो । भगवान अकिंचन को ही प्राप्त होते हैं अभिमानी को नहीं। अर...