🌹🙏🏼❣❣❣❣🇮🇳❣❣❣❣✍🏼🌹
कवि मन क्या कहता है?
कवि मन भाव गढ़ता है।
कवि मन सच बोलता है।
कवि मन दिल खोलता है।
कवि मन दर्पण देता है।
कवि मन तर्पण करता है।
कवि मन व्यंग करता है।
कवि हर रस दर्शन देता है।
कवि मन मस्त रहता है।
कवि मन मलंग बनता है।
कवि मन खोजता जाता है।
कवि मन मन पड़ता रहता है।
कवि मन समुंदर को कुंजल में लेता है।
कवि मन शब्द बांधता है।
कवि मन वाणी में रस देता है।
कवि मन खेल खेलता है।
कवि मन दिमाग पकड़ता है।
कवि मन एकाग्र होता है।
कवि मन व्यग्र होता है।
कवि मन चेतन रहता है।
कवि मन विवेचन करता है।
कवि मन काल देखता है।
कवि मन इतिहास गढ़ता है।
कवि मन चंचल होता है।
कवि मन मोह लेता है।
कवि मन सकून में रहता है।
कवि मन निश्छल होता है।
कवि मन सीधा होता है।
कवि मन शन्ति दूत होता है।
कवि मन भाषा सिंचित है।
कवि मन दिशा बताता है।
कवि मन दृश्य बनाता है।
कवि मन आत्मविभोर करता है।
क्या बताऊँ कवि मन क्या होता है?
कवि मन क्या कहता है?
जरा सुनते जाईये कवि मन काल दिशा देश संदेश देता है।
जो आज है उसकी सुनाता है।
फिर पूछते हो कवि मन क्या कहता है?
बताऊ न बताऊ समझ गए कवि मन सबमे रहता है।
कुछ न कुछ हमेशा सच भाव संग कहता है।
जय हिंद।
💫****🙏🏼****✍🏼
शुभ रात्रि।
🌹🌹🌹🌹🌹❣🌹🌹🌹🌹🌹
🌹🙏❣❣❣❣❣🇮🇳❣❣❣❣❣✍🌹 भारतीय संविधान भाग 5 अनुच्छेद 52 से 62 तक आज हम बात करेंगे।संक्षिप्त में इस भाग को जान लेते है। भाग 5:-इस भाग में अनुच्छेद 52 से 151 तक शामिल है। भारत के राष्ट्रपत...
Comments
Post a Comment