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नादानियां बहुत है जिंदगी की किसे देखें किसे छोड़े।
आज़ाद तो हुए हम मगर तन्हा तन्हा किसे पकड़े किसे छोड़े।
ख्वाईशें बहुत है इस जिंदगी से किसे जियें किसे छोड़े।
मासूमियत भी भरी है जिंदगी में किससे कहें कैसे छोड़े।
हैवानियत कभी सवार होती है कैसे निकालें कैसे छोड़े।
जख्म बहुत लिए क्यों दिखाएं क्यों न दिखाएं बस छोड़े।
सीखने को बहुत मिला जिंदगी किसे सीखे किसे छोड़े।
दुआएं बहुत ली और दी कब लगी नही लगी चलो छोड़े।
मकसद बहुत बनाये जिंदगी कब पूरे हुए अधूरे रहे छोड़े।
रिश्तों की कमान कई बार हाथ आयी फिसली चलो छोड़े।
मन दौड़ता रहा पकड़ने की कोशिश करते रहे चलो छोड़े।
मुरादें लेकर समय बहुत मुक़दस आया गया चल छोड़े।
रहम तक़दीर से बहुत हुए न हुए चलते रहे चल रे छोड़े।
इनाम बरबस आ खड़े हुए अचानक फुर्र हुए चल छोड़े।
नेमते बहुत थी जिंदगी में मिलती छूटती गयी चल छोड़े।
यारियां दिल से लगी कब छूटी कब टूटी रूठी चल छोड़े।
रश्क बहुत हुए जिंदगी में कब घटे कब बड़े चल छोड़े।
दीन बहुत दिखे जिंदगी में कृपा मिली न मिली चल छोड़े।
खुशियों ने दामन हर बार थामा हर बार झटका चल छोड़े।
इतने रंगों से सरोवार है जिंदगी कुछ लगे कुछ छूटे चल छोड़े।
रंगों को त्यौहार फिर आया है चलो रलमिल मना के छोड़े।
जिंदगी के रंगों को गुलाल बना उड़ा के मन की कर छोड़े।
जो रंग हवा हो गये उनको छोड़ तन भी भीगा भीगा के छोड़े।
होली का त्यौहार है दोस्तों चल रंगों से मौज मना के छोड़े।
हैप्पी होली।
जय हिंद।
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शुभ रात्रि।
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🌹🙏❣❣❣❣❣🇮🇳❣❣❣❣❣✍🌹 भारतीय संविधान भाग 5 अनुच्छेद 52 से 62 तक आज हम बात करेंगे।संक्षिप्त में इस भाग को जान लेते है। भाग 5:-इस भाग में अनुच्छेद 52 से 151 तक शामिल है। भारत के राष्ट्रपत...
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