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दर्शक जब तुम बहुत कलात्मक दिखतेे हो तो जोश दिलाते हो।
दर्शक जब तुम बहुत नकारत्मक दिखते हो तो उत्साह गिराते हो।
दर्शक जब तुम बहुत भावात्मक दिखते तो उमंग से भर जाते हो।
दर्शक जब तुम बहुत आलोचक होते तो गलती करते दौड़ा बाहर करते हो।
दर्शक जब तुम हो बहुत गम्भीर नज़र आते तो घबराहट ले लाते हो।
दर्शक जब तुम हो बडे उतेजक शोर शोर कर न जाने किसका दिल दहलाते हो।
दर्शक जब तुम मार्गदर्शक बनते हो मन को बड़े सुहाते हो।
दर्शक जब तुम घोतक होते हो तो कभी लक्ष्य बन सामने आते हो।
दर्शक तुम जब शांत हो जाते हो तूफान आने अंदेशा बन जाते हो ।
दर्शक जब तुम गम्भीर सोच मुद्रा में जाते हो न जाने क्या कर जाते हो।
दर्शक जब तुम दुघर्टना के समय होते हो तो मृत्यु तुल्य से हो आते हो।
दर्शक तुम संगरक्ष क्यों नही हो जाते हो कुछ हिस्सा बन जाते हो।
दर्शक तुम मूक वाणी की परिभाषा से क्यों बाहर नही आते हो।
आज दर्शक दर्शक रहेगा येही रोज़ रोज अपने को कहलवाते हो।
दर्शक चलो हृदय परिवर्तन से तुम्हे जीवंत करते है और दर्शक से योग्य तुम्हे बनाते है।
जय हिंद।
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शुभ रात्रि।
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🌹🙏❣❣❣❣❣🇮🇳❣❣❣❣❣✍🌹 भारतीय संविधान भाग 5 अनुच्छेद 52 से 62 तक आज हम बात करेंगे।संक्षिप्त में इस भाग को जान लेते है। भाग 5:-इस भाग में अनुच्छेद 52 से 151 तक शामिल है। भारत के राष्ट्रपत...
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