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दोस्त बहुत मचलते है मुझसे लड़ते झगड़ते है।
अपने मतवाले पन के लिये मुझसे उलझते है।
जब भी प्रेमशब्द से धोते है कुछ खास लगते है।
कोस कोस न थकते है बड़े सयाने कहलाते है।
अपनी ढपली अपना ढोल जबरदस्ती बजाते है।
मौका मिलते ही कम्बलं कुटाई करवाते है।
हक़ समझ के अपना गाली गुफ्तार कर जाते है।
जबरदस्ती के चोट दे चालाक हमदर्द बन जाते है।
सारे मन की टोह ले प्रिय को ले उड़ जाते है।
जिस पे दिल आये वहीं से राह भटकाते है।
तरसते दिल को आंखों में पढ़ और तरसाते है।
मौज भी लेते है दिल खोल के यार बनाते है।
जो सफा न पढ़ा हो जबरदस्ती याद करवाते है।
इम्तिहान में जितना मुश्किल हो पास करवाते है।
दुख कुछ भी हो हंसते हंसते समय कटवाते है।
नाराज गर्लफ्रैंड को भीबमना सौंप जाते है।
हल्का भी खरोंच लग जाये दिल से सहलाते है।
सारे खेल खेल के अखण्ड पाखण्ड रच जाते है।
मगर हर मोड़ पे राहों में पहले खड़े मिल जाते है।
खूब खींचेते कान मेरे गाली दे दोस्ती निभा जाते है।
हर दुख दर्द के ये साथी खुशी खुशी सब दे जाते है।
मन के मीत दूर होकर भी साथ हमेशा निभाते है।
अब क्या कहूँ यारो दोस्त तो आखिर दोस्त होते है।
हल्की सी आवाज़ करो तुरन्त आ धमकते है।
दो सुनाते लगाते पिटाई याद कराते खड़े हो जाते है।
येही एहसास है के दोस्त मुझे हमेशा याद आते है।
छोटी छोटी खुशियाँ हर पल बिन मांगे दे जाते है।
जय हिंद।
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शुभ रात्रि।
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🌹🙏❣❣❣❣❣🇮🇳❣❣❣❣❣✍🌹 भारतीय संविधान भाग 5 अनुच्छेद 52 से 62 तक आज हम बात करेंगे।संक्षिप्त में इस भाग को जान लेते है। भाग 5:-इस भाग में अनुच्छेद 52 से 151 तक शामिल है। भारत के राष्ट्रपत...
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