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Showing posts from April, 2019

भारतीय संविधान भाग 1।

🌹🙏❣❣❣❣❣🇮🇳❣❣❣❣❣✍🌹 आज आपको भारतीय संविधान का भाग एक पढ़ाते है।इसमे संघ के नाम की प्रस्तावना और राज्यक्षेत्र का विस्तृत उल्लेख किया गया है। 1. संघ का नाम और राज्यक्षेत्र-- (1) भारत, अर्थात् इंडिया, राज्यों का संघ होगा । [1][(2) राज्य और उनके राज्यक्षेत्र वे होंगे जो पहली अनुसूची में विनिर्दिष्ट हैं|] (3) भारत के राज्यक्षेत्र में,–       (क) राज्यों के राज्यक्षेत्र, [2][(ख) पहली अनुसूची में विनिर्दिष्ट संघ राज्यक्षेत्र, और]       (ग)  ऐसे अन्य राज्यक्षेत्र जो आर्जित किएं  जाएं समाविष्ट होंगे । 2. नए राज्यों का प्रवेश या स्थापना–संसद्, विधि द्वारा, ऐसे निबंधनों और शर्तों पर, जो वह ठीक समझे, संघ में नए राज्यों का प्रवेश या उनकी स्थापना कर सकेगी । [3]2क. [सिक्किम का संघ के साथ सहयुक़्त किया जाना।]--संविधान (छत्तीसवां संशोधन) अधिनियम, 1975 की धारा 5 द्वारा (26-4-1975 से) निरसित। 3. नए राज्यों का निर्माण और वर्तमान राज्यों के क्षेत्रों, सीमाओं या नामों में परिवर्तन–संसद्, विधि द्वारा– (क) किसी राज्य में से उसका राज्यक्षेत्र अलग करके अथवा दो या अधिक राज्यों को या राज्यों के भागों

भारत का संविधान- उद्देशिका या प्रस्तावना।

🌹🙏❣❣❣❣❣🇮🇳❣❣❣❣❣✍🌹 भारत के संविधान की आत्मा के प्रथम दर्शन उसके उद्देशिका या प्रस्तावना में हमे मिलते है। जब संविधान रचा गया तो विश्व में मौजूद लोकतांत्रिक व्यवस्थाओं का बारीकी से आंकलन किया गया।जो व्यक्तित्व आंकलन  कर रहे थे वे सब बहुत प्रतिभशाली और उच्च व्यक्तित्व के मालिक थे।देश के प्रथम प्रधानमंत्री का पूरा जिम्मा था के एक बेहतर संविधान की रचना की जा सके।जो इस देश को सामाजिक न्याय के साथ तरक्की की राह पे ले जा सके।ये आज हम प्रत्यक्ष देख रहे है।तो चलिये उद्देशिका या प्रस्तावना को जानते है... हम, भारत के लोग, भारत को एक संपूर्ण प्रभुत्वसंपन्न समाजवादी पंथनिरपेक्ष लोकतंत्रात्मक गणराज्य बनाने के लिए, तथा उसके समस्त नागरिकों को: सामाजिक, आर्थिक और राज। नैतिक न्याय, विचार, अभिव्यक्ति, विश्वास, धर्म और उपासना की स्वतंत्रता, प्रतिष्ठा और अवसर की समता, प्राप्त कराने के लिए,  तथा उन सब में,  व्यक्ति की गरिमा और राष्ट्र की एकता और अखण्डता सुनिश्चित कराने वाली, बन्धुता बढ़ाने के लिए, दृढ़ संकल्प होकर अपनी संविधानसभा में आज तारीख 26 नवम्बर 1949 ईस्वी (मिति मार्गशीर्ष शुक्ल सप्तमी, संवत

भारतीय संविधान सभा।

🌹🙏❣❣❣❣❣🇮🇳❣❣❣❣❣✍🌹 मुझे हमेशा ये एहसास रहा है के भारतीय संविधान के बनाने को आमजन द्वारा बहुत कम समझा गया है।ये कैसे बना कोन कौन महानुभावों ने इसके लिखे जाने को मजबूत आधार दिया।कुछ एक को लोग जानते है बाकी सब भूली बिसरी यादें है।मैंने अब इसे समझने के प्रयास शुरू किये है।पढ़ता जाऊंगा और आप से सांझा करूँगा।ये पूर्ण भारत का दिल है।इसमें आत्मा कैसे डली इसे आप जाने।ये एक आदमी का मात्र काम नही था।इसका।श्रेय बहुत बृद्ध बुद्धिमान उर स्वतंत्रता के मतवालों को जाता है।इसका आधार बहुत मजबूत बनाया गया है।जनता सर्वोपरि है।चलिये जाने इसके बारे में।आज आप संविधान सभा के सदस्यों को जानेंगे।ध्यान से पढ़ियेगा।बहुत से नाम आप को जाने पहचाने भूले बिसरे लगेंगे।आज का लेख उन्ही सब को समर्पित है।आज़ाद भारत के प्रथम प्रधानसेवकों ने इस देश को क्या दिया शायद हमे समझ आये। पहले कुछ इसकी शुरुआत के विषय मे जाने। द्वितीय विश्वयुद्ध की समाप्ति के बाद जुलाई 1945 में ब्रिटेन में एक नयी सरकार बनी। इस नयी सरकार ने भारत सम्बन्धी अपनी नई नीति की घोषणा की तथा एक संविधान निर्माण करने वाली समिति बनाने का निर्णय लिया। भारत की आज़ाद

भोजपुरी कहावते।

🌹🙏❣❣❣❣❣🇮🇳❣❣❣❣❣✍🌹 आज कुछ प्रचलित कहावतों पे इतिहास टटोल रहा था। तभी एक बहुत बेहतर लेख मिला पढ़ने को। प्रभाकर पाण्डेय जी द्वारा संकलित चले गांव की और।हमारे समाज मे जब भी कभी शब्दो के जरिये संदेश देना होता है तो उसमें समाज के बहुआयामी अनुभव तजुर्बे शब्दों में पिरो कर हमारे सामने रखें जाते है।जिससे लोग समझ भी जाये और बुरा भी न माने और संदेश भी चला जाये। भोजपुरी भाषा पूर्वांचल में बोली जाती है।यहां के लोग बहुत मीठी टीका टिप्पणी सहज भाव से कर जाते है। यहां आज कल चुनाव का माहौल है।बोलियों का इस्तेमाल हर नुक्कड़ सभाओं में होता है।नेता भाषण भी देता है और उसमें छुपा संदेश।तो आज ये संकलन आप से सांझा कर रहा हूँ।अनुवाद में हिंदी अवधी सब बोलियां अपना रंग बखेरेंगी।आनंद लीजिये समझ निकालिये अपने बच्चोंसे सांझा कीजिये। यहां तीन सौ एक भोजपुरी कहावतें हिंदी अनुवाद एवं अर्थ सहित। प्रस्तुत हैं तीन सौ एक भोजपुरी कहावतें विशेषकर देवरियाई (देवरिया जनपद की) जनता द्वारा बोली जानेवाली। ये कहावतें पाण्डेय जी ने अपने गाँव और आसपास के क्षेत्रों में सुनी हैं। ये कहावतें अभोजपुरी महानुभावों की समझ में भी आएँ,