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Showing posts from June, 2018

किशमिश।

🌹🙏🏼🎊🎊🎊🎊🎊🎊🎊✍🏼🌹 आज का मेवा किशमिश।जब छोटे थे तो सुनते थे बेहतरीन किशमिश अफगानिस्तान से आती है।उस वक़्त पता ज्यादा नही होता ।खाने से मतलब है आये कहीं से भी।फिर एक बार महारष्ट्र जाना हुआ।अंगूरों की जबरदस्त खेती देखी।और फिर मौका लगा साई के दर्शन का।वहां ज्ञात हुआ बहुत लंबे समय से किशमिश यहां बनाई जा रही है।महाराष्ट्र इसमे अग्रणी राज्य है।खैर आज इसी पे संकलित लेख पढ़िये.... किशमिश सूखे अंगूरों को कहा जाता है। पारम्परिक रूप से बड़े अकार के अंगूरों की किशमिश को मुनक्का कहा जाता है। किशमिशों के वज़न का ६७% से ७२% शक्कर होता है, जो अधिकतर ग्लूकोस और फ़्रूक्टोस के रूप में होता है। इनका ३% भाग प्रोटीन और ३.५% भाग पाचन में मददगार फ़ाइबर (रेशा) होता है।ख़ुबानियों और आलू बुख़ारों की तरह इनमें लाभदायक प्रति आक्सीकारक (ऐंटी- ऑक्सिडॅन्ट​) की बहुत मात्रा होती है लेकिन ताज़े अंगूरों की तुलना में विटामिन सी कम होता है। इनमें सोडियम कम होता है और कोलेस्टेरॉल बिलकुल नहीं होता।अनुसन्धान में कुछ संकेत मिलें हैं कि अधिक रक्तचाप (ब्लड प्रेशर) वाले मरीज़ों द्वारा किशमिशों का सेवन करने से उनके रक्तचाप

चिलगोजे।

🌹🙏🏼🎊🎊🎊🎊🎊🎊🎊✍🏼🌹 दिवाली पे सूखे मेवे देने का प्रचलन उत्तर भारत मे काफी समय से है।मेवों की बात बादाम से शुरू हुई थी तो सोचा और आगे बढ़ाई जाये।चकरी आज से कुछ 25 30 वर्ष पीछे ले जाते है।डॉयफ्रूइट के डब्बे मैं ज्यदातर चार खाने होते थे।एक खाना बादाम दूसरा काजू तीसरा किशमिश और चौथा चिल्गोज़ों का।सर्दिया बड़े मजे से कटती थी।जितने डब्बे आते सब के डॉयफ्रूइट अलग कर पैकेट बना फ्रिज में रख देते।फिर इस्तेमाल होता हलवे में गाजर के हलवे में खीर में और चिलगोजे खाये जाते धूप में बैठ कर छील छील के।बड़ा मजा आता था भुने चिलगोजे खाने में।आज का संकलन चिल्गोज़ों पे ही है आप की नज़र.... चिलगोजा का नाम आपने बहुत कम सुना होगा, लेकिन यह आपके शरीर के लिए बहुत ही फायदेमंद है| चिलगोजा चीड़ फल का बीज होता है, जिसका रंग लाल भूरा होता है| भारत में इसका प्रयोग एक मेवे के तरह किया जाता है| यह बहुत ही शक्तिवर्धक है, इसलिए इसकी तुलना बादाम से की जाती है| औषधियों गुणों से भरपूर चिलगोजा ना केवल अच्छे स्वास्थ्य बल्कि सौन्दर्य में भी मदद करता है| अंग्रेजी में चिलगोजा को पाइन नट्स कहा जाता है| इसका सेवन बहुत समय पहले से

बादाम।

🌹🙏🏼🎊🎊🎊🎊🎊🎊🎊✍🏼🌹 हम बादाम का सेवन भिन्न भिन्न तरीकों से करते है।हमारे यहां तो ये रोज रात को भिगो के रख दिये जाते है और सुबह भीगे बादाम का सेवन दूध के साथ किया जाता है।इसका गर्मियों मैं शर्बत भी बनाया जा सकता है।भून के तल के भी खाये जा सकते है।इसकी बर्फी भी बनाई जा सकती है।हरे बादाम भी खाए जा सकते है।बेहद शक्ति वर्धक होते है बादाम।इसके बहुत से गुण मनुष्य के शरीर के लिए लाभकारी है।आज इसी से जुड़ी जानकारी आप के समक्ष है।बादाम आप के खाने का हिस्सा होना चाहिये ये महसूस होता है। बादाम (अंग्रेज़ी:ऑल्मंड, वैज्ञानिक नाम: प्रूनुस डल्शिस, प्रूनुस अमाइग्डैलस) मध्य पूर्व का एक पेड़ होता है। यही नाम इस पेड़ के बीज या उसकी गिरि को भी दिया गया है। इसकी बड़े तौर पर खेती होती है। बादाम एक तरह का मेवा होता है। संस्कृत भाषा में इसे वाताद, वातवैरी आदि, हिन्दी, मराठी, गुजराती व बांग्ला में बादाम, फारसी में बदाम शोरी, बदाम तल्ख, अंग्रेजी में आलमंड और लैटिन में एमिग्ड्रेलस कम्युनीज कहते हैं।[आयुर्वेद में इसको बुद्धि और नसों के लिये गुणकारी बताया गया है। भारत में यह कश्मीर का राज्य पेड़ माना जाता है।

आरेगानो।

🌹🙏🏼🎊🎊🎊🎊🎊🎊🎊✍🏼🌹 आज काफी दिनों बाद पिज़्ज़ा खाने का मौका लगा।पिज़्ज़ा सालों से खा रहे है।हर देश के अपने व्यंजन है और उनकी विशेषताएं।पिज़्ज़ा के साथ चिल्ली फ़्लेक्स और आरेगानो मिलता है।आरेगानो को पिज़्ज़ा पे छिड़कते ही पिज़्ज़ा का स्वाद बड़ जाता है।तो आज सोचा इसी पे शोध कर लिया जाये।इसकी जानकारी संकलित की गई आप मित्रों के लिये.... अजवायन के हरे पत्ते को हम Oregano के नाम से जानते है| ओरेगेनो Oregano को ‘पिज्जा हर्ब’ के रुप में भी जाना जाता है। ज्यादातर लोग ओरेगेनो का सिर्फ पिज्जा में स्वाद बढ़ाने वाले तत्व के रुप में जानते हैं। लेकिन ओरेगेनो सेहत के लिए बहुत ही उपयोगी हर्ब में से एक हैं। आइये जानते है ओरगेनो क्या है ?… वानस्पतिक नाम: ओरिगानम वल्गरे ओरगेनो का हिंदी नाम: अजवायन की पत्ती (सथ्रा) विदेशी नाम: French : Origan German : Oregano Greek : Origanon Spanish : Oregano परिवार: लामिएसी वाणिज्यिक अंग: पत्ता एवं मुकुल (कली) ओरेगेनो में मौजूद पोषक तत्व: विटामिन A, C और E कॉम्पलैक्स के साथ जिंक, मैग्निशियम, आयरन, कैल्शियम, पौटेशियम, कॉपर, मैगनीज भी पाया जाता है। ओरगेनो चढनेवाली ज