🌹🙏🏼🎊🎊🎊🎊🎊🎊🎊✍🏼🌹 आज का मेवा किशमिश।जब छोटे थे तो सुनते थे बेहतरीन किशमिश अफगानिस्तान से आती है।उस वक़्त पता ज्यादा नही होता ।खाने से मतलब है आये कहीं से भी।फिर एक बार महारष्ट्र जाना हुआ।अंगूरों की जबरदस्त खेती देखी।और फिर मौका लगा साई के दर्शन का।वहां ज्ञात हुआ बहुत लंबे समय से किशमिश यहां बनाई जा रही है।महाराष्ट्र इसमे अग्रणी राज्य है।खैर आज इसी पे संकलित लेख पढ़िये.... किशमिश सूखे अंगूरों को कहा जाता है। पारम्परिक रूप से बड़े अकार के अंगूरों की किशमिश को मुनक्का कहा जाता है। किशमिशों के वज़न का ६७% से ७२% शक्कर होता है, जो अधिकतर ग्लूकोस और फ़्रूक्टोस के रूप में होता है। इनका ३% भाग प्रोटीन और ३.५% भाग पाचन में मददगार फ़ाइबर (रेशा) होता है।ख़ुबानियों और आलू बुख़ारों की तरह इनमें लाभदायक प्रति आक्सीकारक (ऐंटी- ऑक्सिडॅन्ट) की बहुत मात्रा होती है लेकिन ताज़े अंगूरों की तुलना में विटामिन सी कम होता है। इनमें सोडियम कम होता है और कोलेस्टेरॉल बिलकुल नहीं होता।अनुसन्धान में कुछ संकेत मिलें हैं कि अधिक रक्तचाप (ब्लड प्रेशर) वाले मरीज़ों द्वारा किशमिशों का सेवन करने से उनके रक्तचाप