🌹🙏❣🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳✍🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳❣✍🌹 एक सच चल मैं अपने आप से बोलूं। कितनी बार बुरा सोचा आज मन खोलू। कितनी बार भूलें की सबसे रूबरू हो लूँ। ख्यालों की दुनिया से लुटा कुछ सह लूँ एक सच चल मैं अपने आप से बोलूं। अपनो का दिल दुखाया आज सह लूँ। किसी का विश्वास तोड़ा सजा ले लूँ। किसी की उम्मीद को तोड़ा दुखी हो लूँ। एक सच चल मैं अपने आप से बोलूं। नाजायज चाहतो को थोपा अपना लूँ। वादे न निभाये चल आज वादा कर लूँ। किसी आस से भागा चल आज आस ले लूँ। एक सच चल मैं अपने आप से बोलूं। दम्भ में रहा दम्भ पाया आज मुक्त हो लूँ। लालचों के वश रहा चल त्याग ले लूँ। भगवान से डरता रहा चल आराम ले लूँ। एक सच चल मैं अपने आप से बोलूं। अपनी असलियत से दूर रहा सोचा मिल लूँ। अपनी काबलियत को बोना रखा आज बड़ी कर लूं। कुछ लंबी भी छोड़ी चल आज समेट लूँ। एक सच चल मैं अपने आप से बोलूं। खुदा की मेहरबानियां बहुत है मुझ पे शायद। इसलिए भूला था सब अब तक शायद। जब याद आ ही गयी है अपनी गैरत ले लू शायद। एक सच चल मैं अपने आप से बोलूं। जय हिंद। ✨🌟💫****🙏****✍ शुभ रात्रि। ❣❣❣❣❣🇳🇪❣❣❣❣❣