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Showing posts from May, 2020

एक पत्र -भ्रामक प्रचारकों के नाम।

आदरणीय भ्राता। प्रणाम आप न भ्रामक प्रचार करें न हिस्सा बने। हम अधिकांश मध्यमवर्गीय परिवारों का उदय कांग्रेस के कार्यकाल में हुआ। भारत का समृद्ध लोकतंत्र कांग्रेस के दूरदर्शी नेताओ की सूझ बूझ का नतीजा है जिसके चलते मोदी जी आज प्रधानमंत्री बने। कांग्रेस से जो भी किया इस देश की लिए ही किया। जहां हमारी जन्मभूमि है वो आज समृद्धि के जिस कगार पे है ये कांग्रेस सरकारों की देन ही है।हमारा सारा परिवार सरकारी नौकरी से ही अपने को खड़ा कर पाया और वो समय कांग्रेस राज का ही था।आप राजनीतिक विरोधी हो सकते है पर देशद्रोही और देशभक्ति किसी पार्टी की जागीर नही हो सकती। जो इस धरती पे पैदा हुआ है वो हर इंसान भारतवासी और देशभक्त है। हर इंसान अपने जीवन मे हज़ार झूठ बोलते है छल कपट करते है धोखा देते है।पैसे की लिए हर तरह के काम को आतुर रहते है पर देश पे आंच की बात आये तो हमेशा जान देने को भी तैयार रहते है।  हमे सकरात्मक राजनीति करनी चाहिए। नकरत्नमकता आसानी से आती है और आसानी से ही किसी मे भरी जा सकती है। नज़रिये में सकरात्मकता लाने के लिये यत्न करना पड़ता है। आप कभी खाली समय मे शान्ति से अपनी उम्र के बीते वर्षों म

महर्षि पराशर - एक नाम शोध।

🌹🙏🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🇮🇳🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺✍️🌹 मेरे नाम के साथ पराशर जुड़ा है। मेरा नाम राजीव है जो कमल का ही पर्यावाची है।पराशर का भी कुछ पर्यावाची और मतलब होना चाहिये। ये रोचक जानकारी मुझे कुछ अच्छी और ले गयी। पराशर मेरा गोत्र है और माने तो ऋषि पराशर के वंशज है हम। इसलिए थोड़ा पराशर ऋषि को ही जान ले। ऋषि पराशर के वंश ने ही महाभारत लड़ा। व्यास जी के द्वारा बढ़ाये गये वंश में धर्म युद्ध हुआ। चलिये ये बहुत शोध का विषय है।पहले ऋषि पराशर को ही जान लें। महर्षि पराशर शक्ति मुनि के पुत्र एवं ब्रह्मर्षि वशिष्‍ठ जी के पौत्र थे। माता का नाम अदृश्‍यन्ति था जो उतथ्‍य मुनि की पुत्री थी। महर्षि पराशर जी का जन्‍म अपने पिता शक्ति की मृत्‍यु के बाद हुआ था, तथापि गर्भावस्‍था में ही इन्‍होंने पिता द्वारा कही हुई वेद ऋचायें कंठस्‍थ कर ली थी।कहा ये भी जाता है वे अपनी मां के गर्भ में 12 वर्ष रहे। महर्षि पराशर ने विद्याध्‍ययन अपने पितामह वशिष्‍ठ जी के पास रहकर अपने ही किया। वे वशिष्‍ठ जी को ही अपना पिता समझते थे। एक बार पराशर जी की माता जी ने पराशर से कहा पुत्र जिन्‍हें तुम पिता कहते हो वे वास्‍तव में तुम्‍हारे पिता

दम्भ , दंभ या दर्प।

🌹🙏🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🇮🇳🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺✍️🌹 आज एक शब्द रह रह कर विचारों में आ रहा है।वो है दम्भ या दंभ। बड़ा छोटा सा शब्द है रोज मर्रा की जिंदगी में इसे देखते महसूस करते है।दम्भ महत्व दिखाने या प्रयोजन सिद्ध करने के निमित्त झूठा आडम्बर करने की आदत और कला है।अक्सर खास लोगों के पास होती है।कुछ हम सब मे होती है। जैसे कि अपने आपको औरों से बहुत अधिक योग्य, समर्थ या बढ़कर समझने का भाव। ये सब दम्भी होने के लक्षण हैं।आये बगाहे हमे अपने आसपास और खुद में ये गुण देखने को मिल जाते है। मैंने अपने ऊपर ही इसका शोध किया अपने लिये। थोड़ा ही कम कर पाया।ये बुरी आसुरी प्रवृति या गुण है।इसपर कुछ हद तक काबू किया। दम्भ श्री कृष्ण भी समझा गये कुछ इस तरह। गीता के सोहलवें अध्याय में। मूल श्लोकः दम्भो दर्पोऽभिमानश्च क्रोधः पारुष्यमेव च। अज्ञानं चाभिजातस्य पार्थ सम्पदमासुरीम्।।16.4।। स्वामी रामसुखदास ने इसका मूल अर्थ कुछ ऐसे लिखा ।।16.4।।हे पृथानन्दन ! दम्भ करना, घमण्ड करना, अभिमान करना, क्रोध करना, कठोरता रखना और अविवेकका होना भी -- ये सभी आसुरीसम्पदाको प्राप्त हुए मनुष्यके लक्षण हैं। एक साधु ने इसे ऐसे लिखा ।।16.4।

मर्यादा पुरुषोत्तम - श्री राम।

🌹🙏🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🇮🇳🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺✍️🌹 कुछ दिन पूर्व हमारे अनुज समान प्रिय बंधु ने हमसे एक आवेदन किया। जो बेहतरीन लिखा गया..उसे यहां लिखे बिना रहा नही गया। आप भी पढ़िये। आदरणीय बॉबी भैया,  आशा करता हूं आज आपने रामायण धारावाहिक का अंतिम चलचित्र का दर्शन किया होगा. मुझे ऐसा प्रतीत होता है कि रामायण से हमें शिक्षा मिलती हे की सदाचार, आदर्श जीवन, सेवा भाव एवम् धरम को अपनी जीवन शेली में समिलित करना चाहिए.  भगवान राम हम सब के लिए एक आदर्श हे जिन्होंने अपना समस्त जीवन त्याग, बलिदान एवं धरम को ही समर्पित किया। आपसे एक अनुरोध है कि भगवान राम के इस चरित्र वर्णन को समस्त विश्व में आलोकी करे ताकि हम सब मनुष्य जाति का कल्याण हो।।।। जो प्रिय अनुज ने लिखा इससे ज्यादा की आवश्यकता ही नही है। फिर कुछ संकलन का प्रयास किया जिससे थोड़ा और समझा जा सके। हमारा हिन्दू धर्म बहुत ही समृद्घ है। हमारे जितने भी ग्रंथों महाकाव्यों की रचना की गई वे सब मनुष्य के लिए कल्याणकारी है।हमारे समाज को इनके माध्यम से जीने की राह दिखाई गई है। मैं आस्था से ज्यादा इन्हें ज्ञान का माध्यम मानता हूँ।हमे स्कूल से लेकर घर तक इसकी शिक्