🌹🙏❣️❣️❣️❣️❣️❣️❣️🇮🇳❣️❣️❣️❣️❣️❣️❣️✍️🌹 भिखारी को देखते ही हर व्यक्ति के भाव और वचन अलग अलग होते है। भीख मांगता देख बुरा लगता है। और भिखारी को देख कर दुत्कार भाव जागता है। ये हमारी आज की व्यवस्था का नतीजा है।भीख का नाम सुनते ही हमारे मन में हेय भाव आता है। क्यों? इसलिए कि भीख या भिक्षा मांगने वाला बिना किसी मेहनत के और बिना किसी अधिकार के मुफ्त में कुछ प्राप्त करना चाहता है।ये हम सोचते है।तभी मुफ्त में प्राप्त करने वाले को हम भिखारी कहते हैं। भिखारी का हमारे समाज में बहुत निम्न स्थान है। उसे किसी भी प्रकार की प्रतिष्ठा प्राप्त नहीं है अपितु सब लोग उसे तिरस्कार पूर्ण दृष्टि से ही देखते हैं और वैसा ही उसके साथ व्यवहार भी करते हैं।मगर हमारे यहाँ पर दो शब्द हैं, एक है भिक्षा और दूसरा है, भिक्षावृत्ति। भिक्षावृत्ति को हम भीख मांगना कहते हैं। भिखारी भीख मांग कर अपना व अपने परिवार का भरण पोषण करता है, इसे ही भिक्षावृत्ति कहते है। हमारे देश में भिक्षा को वृत्ति के रूप में अपनाना निकृष्ट कार्य माना जाने लगा है, कहा भी है- मांगन मरण समान है मत कोई मांगों भीख। मांगन ते मरना भला यह सतगुरु की सी