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Showing posts from October, 2019

भारतीय संविधान भाग 9 अनुच्छेद 243 क से ग तक।

🌹🙏❣❣❣❣❣🇮🇳❣❣❣❣❣✍🌹 भारतीय संविधान भाग 9 अनुच्छेद 243 क से ग तक। 243क. ग्राम सभा–ग्राम सभा, ग्राम स्तर पर ऐसी  शक्तियों का प्रयोग और ऐसे  कॄत्यों का पालन कर सकेगी, जो किसी राज्य के विधान-मंडल द्वारा, विधि द्वारा, उपबंधित किए  जाएं  । 243ख. पंचायतों  का गठन–(1) प्रत्येक राज्य में ग्राम, मध्यवर्ती और जिला स्तर पर इस भाग के उपबंधों के अनुसार पंचायतों का गठन किया जाएगा  । (2) खंड (1) में किसी बात के होते हुए  भी, मध्यवर्ती स्तर पर पंचायत का उस राज्य में गठन नहीं किया जा सकेगा जिसकी जनसंख्या बीस लाख से अनधिक है । 243ग. पंचायतों  की संरचना–(1) इस भाग के उपबंधों के अधीन रहते हुए , किसी राज्य का विधान-मंडल, विधि द्वारा, पंचायतों  की संरचना की बाबत उपबंध  कर सकेगा : परंतु किसी भी स्तर पर पंचायत के प्रादेशिक क्षेत्र की जनसंख्या का ऐसी पंचायत में निर्वाचन द्वारा भरे जाने वाले स्थानों की संख्या से अनुपात समस्त राज्य में यथासाध्य एक ही हो । (2) किसी पंचायत के सभी स्थान, पंचायत क्षेत्र में प्रादेशिक निर्वाचन-क्षेत्रों से प्रत्यक्ष निर्वाचन द्वारा चुने हुए व्यक्तियों  से भरे जाएंगे और इस प्रयोजन के

ऊंटनी का दूध।

🌹🙏❣❣❣❣❣🇮🇳❣❣❣❣❣🙏🌹 मैं मधुमेह रोग से ग्रस्त हूँ।गाहे बगाहे प्राकृतिक उपचार की तलाश में रहता हूँ।दूध से भी इसके उपचार में सहायता मिल सकती है।तो तलाशते तलाशते बहुत सारे लेख पड़ डाले।फिर मिला ऊंटनी के दूध पर लेख।आप जान कर आश्चर्यचकित हो जायेंगे के टाइप 1 मधुमेह के रोगियों के लिए ये रामबाण दवाई है।इसके और भी बहुत से फायदे है।लीजिये आप के सामने इसके फायदे। आप सभी ने गाय, भैस, बकरी का दूध तो पिया होगा लेकिन क्या आपने कभी ऊंटनी का दूध पीया है?, जी हां ऐसे कई देश है जहां ऊंटनी का दूध पिया जाता है और सिर्फ पिया ही नहीं जाता बल्कि औषधि के रुप में इसका इस्‍तेमाल किया जाता है। ऊंटनी के दूध के चमत्‍कारी फायदों के वजह से ही इसे सफ़ेद सोना भी कहा जाता है। सउदी अरब के अलावा भारत के कई शहरों में ऊंटनी के दूध का सेवन किया जाता है। राष्ट्रीय उष्ठ अनुसंधान केंद्र, बीकानेर राजस्थान में ऊंटनी के दूध से कई लोगों का मानसिक और कुपोषण का इलाज किया जा चुका है। बीकानेर में ऊंटनी के दूध से बनी आइसक्रीम, फ्लेवर्ड मिल्क, कुल्फी, चाय, कॉफ़ी ,गुलाब जामुन, पेड़े , बर्फी, चॉक्लेट,शुगर फ्री लस्सी भी उपलब्ध है। यहां तक

पांव।

🌹🙏❣❣❣❣❣🇮🇳❣❣❣❣❣✍🌹 बहुत ही अद्भुत है मानव शरीर।इसकी बनावट भी ईश्वर ने कुछ खास खासियतों के साथ की है।मनुष्य का शरीर अद्भुत है, वह उसकी फितरत, उसके स्वभाव से जुड़ी कोई भी बात छिपाता नहीं है। आप क्या सोचते हैं, आपका चरित्र और व्यक्तित्व कैसा है, ये सब बातें आपका शरीर बड़ी ही आसानी से दूसरों को बताता है।हमारा सामुद्रिक शास्त्र इसकी उत्तम व्याख्या करता है। सामुद्रिक शास्त्र के साथ-साथ अब तो कई वैज्ञानिक विश्लेषण भी होने लगे हैं, जिनके आधार पर शारीरिक अंगों का आंकलन कर इंसान के स्वभाव तक पहुंचने के दंभ भरे जाते हैं।खैर ये वैज्ञानिक आंकलन कितने प्रामाणिक होते हैं यह बात तो हम पुख्ता तौर पर नहीं कह सकते लेकिन सामुद्रिक शास्त्र जो भारत की प्राचीनतम विद्याओं में से एक है, जिसकी स्थापनाएं वर्षों के अध्ययन पर जुड़ी हैं, पर भरोसा करने के अलावा हमारे पास दूसरा कोई विकल्प भी नहीं है। यूं तो प्रकृति ने व्यक्ति के शारीरिक आकार के अनुसार ही उसके शरीर के अंगों की बनावट की है। किसी के कान लंबे होते हैं फिर भी उसके शरीर के साथ मेल खाते हैं तो किसी की छोटी आंखें ही खूबसूरत लगती हैं। किसी के भूरे बाल उनकी त्

मोबाइल तू हसीन है।

🌹🙏❣❣❣❣❣🇮🇳❣❣❣❣❣🌹✍ सुना है मोबाइल की दुनिया बहुत हसीन है। सब कुछ हाज़िर सिर्फ एक क्लिक दूर कितना हसीन है। जब चाहे बात करो जिससे करो आह क्या हसीन है। चैट करो गेम खेलो टी वी देखो पिक्चर देखो सब हसीन है। जानकारी ले लो स्कूल का काम कर लो आसान हसीन है। ग्रीटिंग भेजो व्हाट्स एप्प फेसबुक क्या बात है हसीन है। अपनी सेल्फी इंस्टाग्राम पे चिपकाओ देखो कितना हसीन है। लाइक आयें बहुत मन को गुदगुदायें वाह क्या हसीन है। घण्टो आंखें मोबाइल में टकटकी लगायें कितना हसीन है। जैसा सोच मोबाइल तूं वैसा ही परोस जे बहुते हसीन है। का रिश्ते का नाते ओनली बस मोबाइल ही हसीन है। कोनो माँ कोनो बाप अब तो ओनली बस मोबाइल हसीन है। दिन क्या रात क्या तुझमे सब मेरा समाया क्योंकर मोबाइल हसीन है। दिल दिमाग समय तुझको ही दिया है येही सब हसीन है। खेल के मैदान में स्कूल में तूं ही तो दोस्त है तेरा हर पल हसीन है। घर पे बाजार में ट्रेन में मेट्रो में तू ही तो दोस्त गुलज़ार मेरा हर पल हसीन है। मियां अलग बीवी अलग अपने फ़ोन पे मस्त सब कुछ हसीन है। बड़े क्या बूढे क्या सब के सब मोबाइल के शौकीन है क्या हसीन है। सब रिश्तों से उत्तम तू ही मे

रंगशाला।

🌹🙏❣❣❣❣❣🇮🇳❣❣❣❣❣✍❣ एक शब्द आप ने सुना होगा रंगशाला।इंग्लिश में आज कल की जनता को ये आसानी से समझ आता है।हिंदी जरा औखी होती है।खैर रंगशाला को दो रूपों में जान सकते है। रंगशाला का हिंदी में मतलब: 1.भोग विलास का स्थान। 2.वह स्थान जहाँ दर्शकों को अभिनेतागण या नट लोग अपना अभिनय या करतब दिखाते हों।रंगशाला के बहुत सुंदर रूप पौराणिक काल से उपस्थित है।आज कल बहुत सुंदर अत्याधुनिक ऑडोटोरियम बन गए है।रंगमंच (थिएटर) वह स्थान है जहाँ नृत्य, नाटक, खेल आदि हों। रंगमंच शब्द रंग और मंच दो शब्दों के मिलने से बना है। रंग इसलिए प्रयुक्त हुआ है कि दृश्य को आकर्षक बनाने के लिए दीवारों, छतों और पर्दों पर विविध प्रकार की चित्रकारी की जाती है और अभिनेताओं की वेशभूषा तथा सज्जा में भी विविध रंगों का प्रयोग होता है और मंच इसलिए प्रयुक्त हुआ है कि दर्शकों की सुविधा के लिए रंगमंच का तल फर्श से कुछ ऊँचा रहता है। दर्शकों के बैठने के स्थान को प्रेक्षागार और रंगमंच सहित समूचे भवन को प्रेक्षागृह, रंगशाला, या नाट्यशाला (या नृत्यशाला) कहते हैं। पश्चिमी देशों में इसे थिएटर या ऑपेरा नाम दिया जाता है। आप को समय से कुछ उदाहरण

साहेब की व्यंगशाला।

🌹🙏❣❣❣❣❣🇮🇳❣❣❣❣❣✍🌹 साहेब: निर्मले! निर्मला : क्या हुआ साहेब? साहेब: निर्मले! निर्मला: साहेब रो क्यूँ रहे है? साहेब: खुशी के आंसू है पगली। निर्मला: जी साहेब। पर काहे की साहेब? साहेब: निर्मले खट्टू को हरियाणा में खाट मिल गयी। निर्मला : जी साहेब। जे तो है। साहेब : कांडा का कांटा भी निकल गया। निर्मला: पर जहाज़ का तेल मुफ्त में लग गया। साहेब: क्या? निर्मला : कुछ नही साहेब" बेटी पढ़ाओ बेटी बचाओ साहेब"सब मानते है साहेब। साहेब:आज शकुन्तला भी खुश होगी।  निर्मला: ये कौन अब? साहेब : कुछ नही कुछ नही।पुरु वंश की याद आ गई। निर्मला: हैं जे क्या है साहेब? साहेब : इतिहास छोड़ो तुम वाणिज्य रूपी वित्त पे ध्यान दो। निर्मला: क्यों साहेब? साहेब: पगली सोना बिकने को है। दिवाली तुम ही मानोगी क्या? निर्मला : शरमाते हुए ! ऐसे कैसे अकेले अकेले साहेब। सब कुछ बेच के पटाखे चलाऊंगी। साहेब: क्या? निर्मला: कुछ नही कुछ नही। आप के आंसू थम गये साहेब। साहेब: हाँ निर्मले। खट्टू की खाट और फंडू के फंडों को जगह तो मिली। निर्मला: समझी नही साहेब? साहेब: तुम वित्त पे ध्यान दो समझने के लिये भाई है। निर्मला: जी साहेब। अब

राजेन्द्र दा ढाबा।

🌹🙏❣❣❣❣❣🇮🇳❣❣❣❣❣✍🌹 लिखने में रुक तो नही जाता मगर कभी कभी एक अलप विराम सुखद होता है।कल फिर से बापसी हुई।कल दफ्तर के सहयोगियों के साथ दिल्ली की एक मशहूर जगह खाने का मौका मिला।जगह थी सफदरजंग एन्क्लेव क्लब के सामने डी डी ए मार्किट में राजेन्द्र दा ढाबा में। मार्किट में जिधर देखो बस एक ही नाम की दुकानें और खूब सारे लोग मार्किट में वरांडे पार्किंग की दीवार पार्क की दीवार के साथ खड़े होकर खाना खा रहे थे।जवानियों की भीड़ और कुछ परिवार।सब के सब कुछ खास खा रहे थे।हमारे सारे ग्रुप में मुझे छोड़ कर सब मांसाहार के शौकीन थे।वो भी चिकन।भीड़ लगी थी।मगर फिर भी खाना 5 मिनट में मिल गया।पुराने आने जाने वाले अड्डे भी सब जानते है खाने पीने के और कहां खड़े होकर खाना है उसके भी।जैसा ही ढाबे में घुसे बड़ी बडी पतीले उसमे एक तरफ मांसाहार के पकवान दूसरी और शाकाहार।तो हमारे लिए तो दाल आउट बाकी सब चिकन।साथ मे राजिंदर के मशहूर नान।जनाब दाल बेहद स्वादिष्ट और चिकन का मजा शायद चिकन खुराना जैसा। बस फर्क ये था के वहां खुराना साहब पिक्चर में थे यहां दुआ साहब।दोनों पंजाबी।चिकन खाने वाले वैसे हो तारीफें कर रहे थे। कुछ लोग इसे

रावण-एक कथा।

🌹🙏❣❣❣❣🇮🇳❣❣❣❣❣✍🌹 आज कल त्यौहारों की रौनक देखते ही बनती है।रामलीला का मंचन जगह जगह हिन्दू धर्म की पताका को सुशोभित कर फहरा रहा है। हम भी रामलीला देखने गये।रावण दरबार मे बिभीषण को रावण के द्वारा अपमानित करना और लात मारना समझने का प्रयास किया।बचपन से रामलीला देखते आ रहे है।मंच बेहतर हो गये है मगर मंचन का स्तर काफी कुछ गिरा है।भाषा भी अपना स्तर खो सी रही दिखी।खैर आज से राम रावण के युद्ध का मंचन शुरू हो गया। राम रावण के युद्ध का परिणाम दोनों ही जानते थे। राम रावण का युद्ध जब शुरू हुआ तो रावण को सारा आभास अंत की और ले चला। टक्कर बराबर की थी।तीनो लोको में रावण से टक्कर लेने वाला कोई नही था। अमरत्व रावण की नाभि में था।मगर सब का अंत निश्चित है।जैसे हर युग चक्रकाल के आरंभ और समाप्ति पे ब्रह्मा विष्णु महेश का अंत और उदय होता है।मंदोदरी ने  रावण से युद्ध बिभिषिका रोकने का अंतिम प्रयास किया।रावण के द्वारा किये गये अत्याचार और निम्न कृत्य के लिये उसे आगाह किया।उसकी कीर्ति को होने वाले कलंक का आभास दिलाया।पुलत्स्य कुल के समाप्त होनेके संकेत दिये।रावण परम् ज्ञानी था।बिभीषण को अपने से अलग कर पुलत्

जम्मू-कुछ इतिहास के पन्नो से।

🌹🙏❣❣❣❣❣🇮🇳❣❣❣❣❣✍🌹 जम्मू शहर अब एक केंद्रशासित राज्य का भाग बन गया है।बहुत पुराना इतिहास है इस शहर का।जम्मू क्षेत्र कश्मीर घाटी के पड़ोस में एवं दक्षिण-पश्चिम में स्थित है। इस क्षेत्र में डोडा, कठुआ, जम्मू, उथमपुर, राजौरी एवं पुंछ जिले आते हैं।इसके इतिहास के अनुसार जम्मू की स्थापना राजा जम्बुलोचन ने १४वीं शताब्दी ई.पू. में की थी और नाम रखा जम्बुपुरा जो कालांतर में बिगड़ कर जम्मू हो गया। राय जम्बुलोचन राजा बाहुलोचन का छोटा भाई था।बाहुलोचन ने तवी नदी के तट पर बाहु किला बनवाया था और जम्बुलोचन ने जम्बुपुरा नगर बसवाया था। राजा एक बार आखेट करते हुए तवी नदी के तट पर एक स्थान पर पहुंचा जहां उसने देखा कि एक शेर व बकरी एक साथ एक ही घाट पर पानी पी रहे हैं। पानी पीकर दोनों जानवर अपने अपने रास्ते चले गये। राजा आश्चर्यचकित रह गया और आखेट का विचार छोड़कर अपने साथियों के पास पहुंचा व सारी कथा विस्तार से बतायी। सबने कहा कि यह स्थान शंति व सद्भाव भरा होगा जहां शेर व बकरी एक साथ पानी पी रहे हों। तब उसने आदेश दिया कि इस स्थान पर एक किले का निर्माण किया जाये व उसके निकट ही शहर बसाया जाये। इस शहर का नाम

हे बापू।

🌹🙏❣❣❣❣❣🇮🇳❣❣❣❣❣✍🌹 हे बापू तुझे प्रणाम। तेरी वेदना को प्रणाम। तेरे प्रेम को प्रणाम। तेरी सोच को प्रणाम। तेरे ज्ञान को प्रणाम। तेरे विज्ञान को प्रणाम। तेरे आंदोलन को प्रणाम। तेरी समरसता को प्रणाम। तेरी सरलता को प्रणाम। तेरे पहरावे को प्रणाम। तेरी विशालता को प्रणाम। तेरे त्याग को प्रणाम। तेरे कर्मठता को प्रणाम। तेरे जोश को प्रणाम। तेरी अवज्ञा नीति को प्रणाम। तेरे असहयोग को प्रणाम। तेरे आक्रोश को प्रणाम। तेरी सविनय को प्रणाम। तेरी स्वचछता को प्रणाम। तेरी लाठी को प्रणाम। तेरे चश्मे को प्रणाम। तेरी दूरदर्शिता को प्रणाम। तेरे त्याग को प्रणाम। तेरे सर्वधर्म समभाव को प्रणाम। तेरे एकता सूत्र को प्रणाम। तेरे धैर्य को प्रणाम। तेरे आध्यत्म को प्रणाम। तेरी शिक्षाओं को प्रणाम। तेरी प्रेरणा को प्रणाम। तेरी तपस्या को प्रणाम। तेरे आज़ादी के तप को प्रणाम। तेरी करुणा को प्रणाम। तुझमे छुपी विशालता को प्रणाम। तुझे शत शत प्रणाम। तुझसे मिले है राम को प्रणाम। तुझसे मिले पिता स्नेह को प्रणाम। ये राष्ट्र तेरा कृतज्ञ है। तेरे राष्ट्रप्रेम को प्रणाम। तेरी राह पे मिली आज़ादी