🌹🙏🏼❣❣❣❣❣🇮🇳❣❣❣❣❣✍🏼🙏🏼🌹 कभी सोचते है के हम क्या कर रहे है। लगता गुजरता वक़्त ही पास कर रहे है। जिंदगी उलझा ली बिना मंज़िलों के हमने। किस राह दौड़ रहे है कोई खबर नही हमे। किधर उड़ाये ले जा रही हमे ये इसे ही पता। हम कल भी बेखबर थे आज भी बेखबर है। सुबह होते ही रोजमर्रा की राह हो लेते है। अपने समय से कुछ कीमत निकाल लाते है। बहुत बार राहों में कुछ मंज़िलों की धुंधली सी आवाज़ आती है। हम नासमझ उसे हवा की गूंज समझ कही और निकल जाते है। बहुत बार ये सपनो में आ जोश भर जाती है। आंख खुलते ही पता नही कहाँ नदारद हो जाती है। कुछ छोटी सफलता मिलती तो मंज़िल मान लेते है। थोड़ी दूर निकलते वो एक पड़ाव हो रहती बस। फिर जिंदगी की उलझनों से सामना होता है बेवक़्त। फिर न कोई मंज़िल समझ आती है ना कोई राह ही पहचान होती है। ये बहुत विचारने को मन कई बार करता है। मगर वो जगह नही मिलती जहां कुछ देर ठहर सकें। कभी सोचते है के हम क्या कर रहे है। लगता है गुजरता वक़्त बस हम पास कर रहे है। जय हिंद। 🔥****🙏🏼****✍🏼 शुभ रात्रि। 🌹🌹🌹🌹🌹❣🌹🌹🌹🌹🌹