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Showing posts from January, 2019

क्या कर रहे है।

🌹🙏🏼❣❣❣❣❣🇮🇳❣❣❣❣❣✍🏼🙏🏼🌹 कभी सोचते है के हम क्या कर रहे है। लगता गुजरता वक़्त ही पास कर  रहे है। जिंदगी उलझा ली बिना मंज़िलों के हमने। किस राह दौड़ रहे है कोई खबर नही हमे। किधर उड़ाये ले जा रही हमे ये इसे ही पता। हम कल भी बेखबर थे आज भी बेखबर है। सुबह होते ही रोजमर्रा की राह हो लेते है। अपने समय से कुछ कीमत निकाल लाते है। बहुत बार राहों में कुछ मंज़िलों की धुंधली सी आवाज़ आती है। हम नासमझ उसे हवा की गूंज समझ कही और निकल जाते है। बहुत बार ये सपनो में आ जोश भर जाती है। आंख खुलते ही पता नही कहाँ नदारद हो जाती है। कुछ छोटी सफलता मिलती तो मंज़िल मान लेते है। थोड़ी दूर निकलते वो एक पड़ाव हो रहती बस। फिर जिंदगी की उलझनों से सामना होता है बेवक़्त। फिर न कोई मंज़िल समझ आती है ना कोई राह ही पहचान होती है। ये बहुत विचारने को मन कई बार करता है। मगर वो जगह नही मिलती जहां कुछ देर ठहर सकें। कभी सोचते है के हम क्या कर रहे है। लगता है गुजरता वक़्त बस हम पास कर रहे है। जय हिंद। 🔥****🙏🏼****✍🏼 शुभ रात्रि। 🌹🌹🌹🌹🌹❣🌹🌹🌹🌹🌹

बेपरवाह।

🌹🙏🏼❣❣❣❣🇮🇳❣❣❣❣✍🏼🌹 बहुत बेपरवाह हुए अपनी मुसीबतों से। बहुत बेपरवाह हुए अपने दुखों से। बहुत बेपरवाह हुए अपनी सफलताओं से। बहुत बेपरवाह हुए अपनी मुहब्बतों से। बहूत बेपरवाह हुए जिंदगी की रुसवाइयों से। बहुत बेपरवाह हुए बरसते सुखों से। बहुत बेपरवाह हुए मन की बेचैनियों से। बहुत बेपरवाह हुए तन्हाइयों से। बहुत बेपरवाह हुए गुरबातों के दिनों से। बहुत बेपरवाह हुए जीवन की लाचारियों से। बेपरवाह हुए अपनो से मिली बेपरवाही से। सकून तो हमने भी ढूंढे इन बेपरवाहियों में। बस बेपरवाह न हुए अपनो के लिए कभी। बस बेपरवाह न हुए छूटते अपने रिश्तों से कभी। बस बेपरवाह न हुए अपनी मिली असफलताओं से कभी। बस बेपरवाह न हुए अपनी नाकामियों से कभी। बस बेपरवाह न हुए उनके आंसुओं से कभी। बस बेपरवाह न हुए अपनो की जिम्मेवारी से कभी। जिंदगी का असल फसाना रोज लिख रहे हैं। बेपरवाह हर फालतू दूर जाते मसलों से हो रहे है। परवाह हर अपने की कर रहे है जो रोज मुझसे निभा रहे है। इन परवाहियों से शायद अपनी असल जिंदगी तलाश रहे है। कुछ फालतू उलझन सी बस परवाहियों को छोड़ सकूं बापिस ला रहे है। जय हिंद। 🔥****🙏🏼****✍

बेपरवाह।

🌹🙏🏼❣❣❣❣🇮🇳❣❣❣❣✍🏼🌹 बहुत बेपरवाह हुए अपनी मुसीबतों से। बहुत बेपरवाह हुए अपने दुखों से। बहुत बेपरवाह हुए अपनी सफलताओं से। बहुत बेपरवाह हुए अपनी मुहब्बतों से। बहूत बेपरवाह हुए जिंदगी की रुसवाइयों से। बहुत बेपरवाह हुए बरसते सुखों से। बहुत बेपरवाह हुए मन की बेचैनियों से। बहुत बेपरवाह हुए तन्हाइयों से। बहुत बेपरवाह हुए गुरबातों के दिनों से। बहुत बेपरवाह हुए जीवन की लाचारियों से। बेपरवाह हुए अपनो से मिली बेपरवाही से। सकून तो हमने भी ढूंढे इन बेपरवाहियों में। बस बेपरवाह न हुए अपनो के लिए कभी। बस बेपरवाह न हुए छूटते अपने रिश्तों से कभी। बस बेपरवाह न हुए अपनी मिली असफलताओं से कभी। बस बेपरवाह न हुए अपनी नाकामियों से कभी। बस बेपरवाह न हुए उनके आंसुओं से कभी। बस बेपरवाह न हुए अपनो की जिम्मेवारी से कभी। जिंदगी का असल फसाना रोज लिख रहे हैं। बेपरवाह हर फालतू दूर जाते मसलों से हो रहे है। परवाह हर अपने की कर रहे है जो रोज मुझसे निभा रहे है। इन परवाहियों से शायद अपनी असल जिंदगी तलाश रहे है। कुछ फालतू उलझन सी बस परवाहियों को छोड़ सकूं बापिस ला रहे है। जय हिंद। 🔥****🙏🏼****✍

कुछ लम्हे ये भी।

🌹🙏🏼❣❣❣❣🇮🇳❣❣❣❣✍🏼🌹 कभी किसी शख्स की खुशी का कोई भी  पैमाना नही। मिले तो एक मुस्कुराहट से मिल जाये न मिले तो  बेशकीमतीे भी बेकार। न पूछो चाहतो से किस कदर ये इंसान लुटा है। जिधर देखता है बस छला ही जाता है चला जाता है। मुकद्दस बहुत से ख्वाब ये पाल लेता है हसरतों के। न जाने कब चोट लगती हैंऔर ख्वाब टूट जाते है। उम्मीद तो अपनो से होती है के नउम्मीद न करेंगे। मगर हर बार नाउम्मीदी का सबब बस वही अपने होते है। हम अपना समझ उनसे बेतकलुफ़ हों लेते है कभी कभी। न जाने कब ये बेतकलुफी परेशानी की वजह हो जाती है उनकी। हमारे इरादे तो उन्हें हंसाने के ही रहे आज तक। मगर हर बार रोने की वजह हम ही बन जाते हैं। शायद मेरे बोल ही मुझसे रूठ जाते है आजकल। मेरी खुशी को भी कमबख्त आंसुओं में बदल जाते है। फिर सोचता हूँ कोन है अपना जो हंस के सुन ले हर बात मेरी। हंसे मुस्कुराये सोचा लानत भेजो ऐसी सोच पे किसे जरूरत है मेरी। न पहले हम कभी अपने को सही समझ पाए। आज पता चला ये नाकामियों का दौर बहुत लंबा रहा है। हम फिर हंसे मुस्कुराये सोचा क्यों नाकामियों पे पछतायें। जिंदगी घट रही है हर पल बीत रही है चल

मेरा तो।

🌹🙏🏼❣❣❣❣🇮🇳❣❣❣❣✍🏼🌹 तेरी खुशियों के पैमाने बहुत से है। मेरी खुशी तो तेरी इक हंसी ही बहुत। तेरे लिये दुनिया के नज़राने बहुत है। मेरा तो तेरा दीदार ही नज़राना बहुत । तेरे लिए दुनिया में हज़ार रिश्ते है। मेरा रिश्ता तो इक तेरे से ही बहुत। तेरे लिए दुनिया की सौ नेमतें है। मेरी तो इक नेमत तू ही बहुत है। तेरे लिये दुनिया मे फसाने बहुत है। मेरी जिन्दगी का तू ही फसाना बहुत। तेरी नज़र में दुनिया की सौ इबादते है। मेरी इबादत तू ही इस दुनिया मे बहुत। तेरे लिये तो  दुनिया के सौ मसले है। मेरा तो तू ही इकलौता मसला बहुत। तेरे दुनिया में बेशकीमती तोहफे बहुत। मेरा तो बस तू ही इक तोहफा बहुत। तेरे खेलने को दुनिया मे खिलोने बहुत। मेरा तो तू ही एक खिलौना  बहुत। तुझे क्या बताऊँ तेरे लिए तो दुनिया बहुत। मेरी लिए तो तू ही बस मेरी दुनिया बहुत। न कभी अपने को सोच पाया न समझ पाया। जब पाया तो अपने को तुझमे ही डूबा पाया। चाह कर भी दूर न हो सका तेरी परछाई और सायों से। जब भी अपने को तलाशा तो तुझे ही सामने पाया। जय हिंद। 💫****🙏🏼****✍🏼 शुभ रात्रि। 🌹🌹🌹🌹🌹❣🌹🌹🌹🌹👍

मंज़िलों पे।

🌹🙏🏼❣❣❣❣🇮🇳❣❣❣❣✍🏼🌹 ये कोंन सी, मंज़िलों पे बड़ा जा रहा मैं। खुद से जो पूछू ,ये क्या कर रहा मैं। जिधर देखता हूँ ,कुछ जानी सी  ये डगर है। मैं क्या कहूँ ,कुछ होने लगा है मुझे भी। क्या चाहता हूँ ,कुछ कह ही नही पा रहा में। बोल के उनको, कुछ ऐसे बंधा जा रहा मैं। जैसे कोई ,सफर हो सुहाना भरा ये। ऐसे ,अपने मन से ही लगा जा रहा मैं। ये कोंन सी मंज़िलों पे बड़ा जा रहा मैं। कुछ उनकी यादों में ,खोता ही जा रहा मैं। खोने को है देखो ,मेरे दिल का ये समा भी। कहने को तो, मुझको सारी खबर है तुम्हारी। फिर भी हो यू ,बेपरवाह लुटा जा रहा मैं। क्या तुम मुझसे ,इतनी ही बंधी आ रही हो। मैं तो तुम्हारी ,और खींचता ही चला जा रहा हूँ। रोके न कोई ,के मैं मंजिलों पे बड़ा आ रहा हूँ। ये कोंन सी, मंज़िलों पे बड़ा जा रहा मैं। देखो चारों और, तुमसे घिरा जा रहा मैं। अब तो, ये बता दो। ये कोंन सी, मंज़िलों पे बड़ा जा रहा मैं। जय हिंद। 💫****🙏🏼****✍🏼 शुभ रात्रि। 🌹🌹🌹🌹🌹❣🌹🌹🌹🌹🌹

मेरा देश।

🌹🙏🏼❣❣❣❣🇮🇳❣❣❣❣✍🏼🌹 🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳 ये देश मेरा ये देश मेरा। सपनो से सुंदर देश मेरा। देता प्रेम का संदेश ये देश मेरा। चहकता खूबसूरत ये देश मेरा। इसकी मिट्टी सोना उगले । खुशहाल होता किसान मेरा। हिमालय की धारा से सिंचित देश मेरा। हर तन को सहेजता ये देश मेरा। वीरों शूरवीरों की धरती ये। जहां हुए अर्जुन से वीर बहुत। वीरों दानवीरों की धरती  ये। जहां हुए कर्ण से दानवीर बहुत। समय समय पे ललकार मिली। दमन कोशिशें हुई अनेक। फिर भी धर्म ये जिंदा रहा। आततायियों ने कोशिश की अनेक। मंदिर तोड़े मजहब बदले। फूट डालने की कोशिश हुई अनेक। इतिहास बदला पर धर्म न बदला। इसकी मजबूत जड़ें थी अनेक। वेद पुराणों की विद्या से समृद्ध देश मेरा। अनेक विज्ञानों का भंडार भरा। विभिन्न भाषाओं का संसार मेरा। रोज समृद्ध होता इतिहास मेरा। संतो सन्यासियों का लगता मेला नित यहां। गंगा जमुना सरस्वती का संगम जहां। शिप्रा नर्मदा कावेरी रचती इतिहास जहां। धर्म का मेला चारो और लगता यहाँ वहां जहाँ तहाँ। इससे खूबसूरत दुनिया धरती पे कहाँ? चारों ऋतुएं झूमती मिलती हैं यहाँ। हिमालय से मरु और

यादें।

🌹🙏🏼❣❣❣❣🇮🇳❣❣❣❣✍🏼🌹 एक उम्र गुजरी यादें बनाते हुए। एक उम्र गुजरी इन्हें सहेजते हुए। एक उम्र गुजरी इन्हें समझते हुए। एक उम्र गुजरी इन्हें मन मे जीते हुए। एक दरकार थी के यादें सिर्फ मधुर होती एक दरकार थी के ये सिर्फ खुशी देती। एक दरकार थी आंख में आंसू न देती। एक दरकार थी बचपन आज भी जीती। मधुर फलों का रस बन स्वाद है इनका। खूबसूरत झरनों सी निर्झर सदा गिरती ये । नदियों का सा वेग लिये निरन्तर बहती ये। बगीचे सी मोहक सदा महकती रहती ये। पुष्पो की माला बन लुभाती मुझे ये। मेरी हर चाह को सदा जवानी देती ये। मन के हर अंकुर को सिंचित करती ये। बस न पूछो एक उम्र गुजरी यादें बनाते ये। यादों के सहारे ही बहुत है। कुछ खट्टी कुछ मीठी बनती चलती ये। मुझे हर एहसास से गुजारती ये बस न पूछो एक उम्र गुजरी यादें बनाते ये। कभी शान्त होते तो पुकारते इन्हें। कुछ लम्हे मन के भीतर इतराते इन्हें। हम आंख बंद कर लेते जीते इन्हें। बस न पूछो एक उम्र गुजरी यादें बनाते ये। बहुत बार दिल लगे लगते गये। समय की ताल पे यादें बनते गये। हम संजोते गए सहेजते गए इन्हें। बस न पूछो एक उम्र गुजरी यादें बनाते

अपने आप से।

🌹🙏🏼❣❣❣❣🇮🇳❣❣❣❣✍🏼🌹 बहुत सोचते है अपने आप से। बहुत कहते है अपने आप से। बहुत सुनते है अपने आप से। बहुत खुश होते हैअपने आप से। समंदर भी बहुत है नदियां भी बहुत। रास्ते भी अनेक है गलियां भी बहुत। मंज़िले भी अनेक है निशाने भी बहुत। इश्क़ है अपने से इसके तराने भी बहुत। देखते है तो सारी धरती अपनी सी है। देखते है तो सारा आसमां अपना सा है। देखते है तो सारा जमाना अपना सा है। इसलिए मेरी मोहब्बत के अफ़साने बहुत। कीमत समझते है अपनी हम शायद। कीमत समझते है अपनो की शायद। कीमत समझते है रिश्तों की शायद। फिर क्यों हमारी कीमत भूलते मिलते मुझे यूँ सब। जय हिंद। 💫****🙏🏼****✍🏼 शुभ रात्रि। 🌹🌹🌹🌹🌹❣🌹🌹🌹🌹🌹

कवि मन।

🌹🙏🏼❣❣❣❣🇮🇳❣❣❣❣✍🏼🌹 कवि मन क्या कहता है? कवि मन भाव गढ़ता है। कवि मन सच बोलता है। कवि मन दिल खोलता है। कवि मन दर्पण देता है। कवि मन तर्पण करता है। कवि मन व्यंग करता है। कवि हर रस दर्शन देता है। कवि मन मस्त रहता है। कवि मन मलंग बनता है। कवि मन खोजता जाता है। कवि मन मन पड़ता रहता है। कवि मन समुंदर को कुंजल में लेता है। कवि मन शब्द बांधता है। कवि मन वाणी में रस देता है। कवि मन खेल खेलता है। कवि मन दिमाग पकड़ता है। कवि मन एकाग्र होता है। कवि मन व्यग्र होता है। कवि मन चेतन रहता है। कवि मन विवेचन करता है। कवि मन काल देखता है। कवि मन इतिहास गढ़ता है। कवि मन चंचल होता है। कवि मन मोह लेता है। कवि मन सकून में रहता है। कवि मन निश्छल होता है। कवि मन सीधा होता है। कवि मन शन्ति दूत होता है। कवि मन भाषा सिंचित है। कवि मन दिशा बताता है। कवि मन दृश्य बनाता है। कवि मन आत्मविभोर करता है। क्या बताऊँ कवि मन क्या होता है? कवि मन क्या कहता है? जरा सुनते जाईये कवि मन काल दिशा देश संदेश देता है। जो आज है उसकी सुनाता है। फिर पूछते हो  कवि मन क्या कहता है? बताऊ न बताऊ समझ ग

अपनी सहेली।

🌹🙏🏼❣❣❣❣🇮🇳❣❣❣❣✍🏼🌹 उसके अंदाज़ ही अलग है। चाहतें बहुत है पर दबा रखी है। मन उड़ना चाहता है मगर कैद कर रखा है। दिल मचलाता है पर बांध रखा है। मन मे ख्याल उमड़ते उनका गला घोंट रखा है। ऐसे न जाने कोन सी जिंदगी जी रहे है कुछ लोग। अपने को जैसे तिरस्कार भागी रखा है। फिर मन करता कोई तो समझे। फिर दिल करता कोई तो सुने। फिर रूह चाहती कोई तो पास बैठे। इन सब मे इच्छायें बेहद दबी हुई सी है। दिलअपनी कुर्बानियों का हिसाब मांगता फिर रहा है। रिश्ते सब तुममे त्याग ढूंढते है। बाकी सब अपनी अपनी सेवा ढूंढते है। तुम भी किसी का हिसाब दे कंधा ढूंढते हो। फिर सोचते हो बहुत सोचते हो। किस किस के लिए करू। किस किस के लिए जियूँ। किस किस के लिए सहूँ। कोई तो मेरा भी हो जिससे ये सब कहूँ। फिर कहती ही मेरा तोे अंदाज़ अलग है। सब रिश्ते निभाने मुझ में लिखे है। सब की जरूरत मैं हूँ। सब की सेवक भी मैं हूँ। बस मुझे कौन जाने ये कहाँ लिखा है। मन मनोस के रह जाती हूँ। कभी मन मे चीखती चिल्लाती हूँ। अपने से कह अपने से ही सुन लेती हूँ। बस दुनिया के लिये लड़ते खुद से हार जाती हूँ। इसलिये अबला नारी कहलाती हू

दोस्ती।

🌹🙏🏼❣❣❣❣🇮🇳❣❣❣❣✍🏼🌹 कुछ दोस्त खास होते है उनके अंदाज़ बेहद खास होते है। उनकी पसंद नपसंद के बहुतेरे राज होते है। उनकी मर्जी के ख्याल भी बेहिसाब होते है। उनके अंदाज़े बयां भी बेमिसाल होते है। उनके रूठने के तरीके भी लाजवाब होते है। उनके  मूड के भी कुछ खास मूड होते है। उनके चलने के अंदाज़ में भी कुछ खास होता है। उनकी बहस और वो बेहद खासम खास होते है। उनसे जुड़े हर सवाल कुछ बेहतरीन तर्क लिये होते है। उनकी दस्तक हमेशा ही मुस्कुराहट लिए होती है। उनसे मिले रिश्ते सदा वजन लिये रहते है। उनसे जुड़ी कहानियां जिंदगी से लबरेज होती है। उनसे बहुत से मर्जों को आराम आता है। कुछ दोस्त खास होते है उनके अंदाज़ बेहद खास होते है। ये हम सोचते है इसमे तुम्हारा क्या जाता है। दोस्ती ऐसी ही ये मेरा तकाज़ा है। इसमे किसी का या मेरा क्या जाता है। जय हिंद। 💫****🙏🏼****✍🏼 शुभ रात्रि। 🌹🌹🌹🌹🌹❣🌹🌹🌹🌹🌹

तेरे साथ बीते पल।

🌹🙏🏼❣❣❣❣🇮🇳❣❣❣✍🏼🌹 कभी हम ये सोचते है तेरे साथ बीते पल कितने हसीन है। जब तू देख के मुस्कुराती है। जब तू देख के नखराती है। जब तू देख के शर्माती है। सच पूछो तो ये पल मेरे सबसे हसीन है। तेरे चेहरे की ये रौनक। तेरे चेहरे की ये रंगत। तेरे चेहरे का ये रोशन। सच पूछो तो मुझको बहुत लुभाता है। तेरे साथ ये खूबसूरत पल। तेरे आगोश में समय का हर पल। तेरे साथ नाचने गाने के ये पल। न पूछो मुझे कितना अपनी और बुलाते है। तेरे साथ गुजारा ये  वक़्त । तेरे साथ घूमते बीते वो क्षण । तेरे साथ खाये ठंडी हवाओं के वो झोंके । बस न पूछो ये मेरे जीवन के सबसे हसीन है ये पल। कभी हम ये सोचते है तेरे साथ बीते पल कितने हसीन है। तेरी और खींचते बस सबसे हसीं रंगीन है । जय हिंद। 💫****🙏🏼****✍🏼 शुभ रात्रि। 🌹🌹🌹🌹🌹❣🌹🌹🌹🌹🌹

सबसे बुद्धिमान।

🌹🙏🏼❣❣❣❣🇮🇳❣❣❣❣✍🏼🌹 सबे अपने को बुद्धिमान समझने की बुरी बीमारी है। दुख ये है के सारी दुनिया इसकी बुरी तरह मारी है। कुछ अपने को बेहतरीन समझने का शौक सबको है ही। उसपे ये दुनिया को न दिखे कैसे संभब हो सके है भाई। कुछ लॉजिक लगाकर कुछ उम्दा जानकारी जुटा कर दिखा रहे है भाई। कुछ दिमागी खेल कुछ ज्ञानी ज्ञान तो कुछ अपनी हांक साबित कर रहे है। कुछ बेहद चालाक चुप रहकर किले ढा रहे है भाई। कुछ बहुत ध्यान से सुन समझ अगले को पागल भीतर से कह रहे है। बहुत आम है सब एक दूसरे से बेहद ज्यादा समझदार है। ऐसे में कुछ शरीफ भी पाये जाते है जो इनसब से बिना बोले दुत्कारे जाते है। बस प्रॉब्लेम ये है अपने को इनसब से ज्यादा समझदार कहलवाने से घबराते है। हर वक़्त अपनी कमियां अपने को ही गिनवाते है। समझदारों में गरीब सही मगर जमीर से बेहद अमीर हो जाते है। कुछ झुक के  इनसब से बहुत ऊपर उठ जाते है। समझदारों की भीड़ में रहते भी सबसे अलग नज़र आते है। इनके जैसे कुछ को ये सब अच्छे से समझ आते है। दिल से अपना दिल ये मिलाते है सच्चे हितेषी कहलाते है। दुनिया की भीड़ में सीधे साधे बेचारे कहलाते है। यहां अपने को बुद

सेल्फी।

🌹🙏🏼❣❣❣❣🇮🇳❣❣❣❣✍🏼🌹 आज कल सेल्फी लेने का जबरदस्त दौर है। जिसे देखो जिधर देखो सेल्फी ले रहा है। कोई मोटर साईकल चलाते कोई कार में। कोई स्टाइल लेने के लिये सेल्फी ले रहा है। खूब ठंड हो रही है और शादियों की महफिलें सजी है। कैमरे भी चालू है परवाह किसको पड़ी है। एक दौर था फोटू खिंचवाने को लाइन लगती थी। दस्तक की गवाह फोटू ही बस होती थी। एल्बम बनती थी कई दिन देखी जाती थी। क्या दौर आया है इनकी जैसे विदाई सी हो गयी है। हर एक यहां अपनी सेल्फी अपने अंदाज में ले रहा है। कुछ तो सर्दी में भी मौसम जरा गर्म मौसम का लुत्फ ले रहे है। तरह तरह के पोज़ बनाके सब सेल्फी ले रहे है। क्या बच्चे क्या जवान क्या अधेड़ क्या बूढ़े सब सेल्फी के क्रेजी लग रहे है। दूल्हा दुल्हन अपनी मौज बाकी सब अपनी मौज ले रहे है। ये तो शादी की बात थी आज कल तो हर पल सेल्फी हो रहा है। जहां तहां फेसबुक इंस्टा पे लोड हो रहा है। लोग लाइको को लाइन लगा रहे है। वो अलग बात है औरतों को ज्यादा मर्दो को कम आ रहे है। सेल्फी के लिए लोग बेहद क्रेजी  हो रहे है। हर खतरा अपना जीवन दाव पर लगा मोल ले रहे है। कोई पुल पे कोई पटरी पे जि

दिल के रिश्ते।

🌹🙏🏼❣❣❣❣🇮🇳❣❣❣❣✍🏼🌹 दिल के रिश्तों में महक बड़ी होती है। हर पल हर लम्हा हसीन रंगीन होता है। इसकी खुशबू ने मन महकता है। इसकी खुशबू से तन चहकता है। नादानियां कहीं छुप सी जाती है। दिल की ओढ़नी से ढक जाती है। मैं कभी इसे छू भी नही पाती है। महकते रिश्ते की सुगंध सब छुपा जाती है। छोटी छोटी गलतियां नज़रअंदाज़ होती है। कुछ खटाई भी खास मिठास लिये होती है। दिल के रिश्तों मे यादें भी महकती है। जब दूर होते हो  दूरियां और पास ले आती है। तुम ख्यालों में मेरे बेहद करीब होते हो। महक मुझे किसी पल अकेला छोड़ती नही। यादों के साये हर पल महकते रहते है। मैं चहकता  हर पल प्रफुलित महसूस करता हूँ। ये दिलों के रिश्ते है बाबू सर चढ़कर बोलते है। तुम कहीं भी रहो ये हर पल महकते है। जहां तक ये ख्याल जाते तुम्हारी महक ले आते है। दिल के रिश्तों में महक बड़ी होती है। तभी हर पल हर लम्हा हसीन रंगीन होता है। जय हिंद 💫****🙏🏼****✍🏼 शुभ रात्रि। 🌹🌹🌹🌹🌹❣🌹🌹🌹🌹🌹

मन और बुद्धि।

🌹🙏🏼❣❣❣🇮🇳❣❣❣❣✍🏼🌹 मन बुद्धि का राजा है। मन कहता बुद्धि उस और सधती जाती। मन जो कहता बुद्धि मान करती जाती। मन चंचल होता बुद्धि मचला जाती। मन भटकता बुद्धि अपना समझ लोटा लाती। मन को इसकी फिर भी न समझ आती। बुद्धि कुछ बोलती तो मन खौल जाता। बुद्धि समझाती मन डोल जाता। बुद्धि मन का अन्तरदविंद सदैव चलता रहता। कभी मन हावी होता कभी बुद्धि खेल दिखाती। दोनो फिर बातें कर अधिकार मन को सौंपते। कुछ बुद्धि ठंडी होती कुछ मन को आराम मिलता। कुछ मन की बुद्धि सुनता कुछ बुद्धि मन की तामील करती। जब दोनो की बात मिलती तब दोनो हंसते। एक दूसरे से संग मिलते और फतह करते चलते। मन फिर मचलाता और बुद्धि फिर तोलती। एक अदद मुस्कुराहट कशमकश में बदलती। अब बुद्धि हावी होने को होती फिर मन भावो का भँवर फेकता। बुद्धि फसती जाती मन मे डूबने लगती। जो अभी तक ज्ञान का अधिकारी था फिर एक बार हार जाता। बुद्धि ही कहती मन तू ही बुद्धि का राजा है। मन कहता बुद्धि उस और सधती जाती। येही अनवरत है जारी। सब होनी इसी की मारी है। जय हिंद 💫****🙏🏼****✍🏼 शुभ रात्रि। 🌹🌹🌹🌹🌹❣🌹🌹🌹🌹🌹

राजनीति और नेता।

🌹🙏🏼❣❣❣❣🇮🇳❣❣❣❣✍🏼🌹 आजकल राजनीति का बाजार बहुत गर्म है। नेता निकल पड़े है लड़ने को कुछ करने को। इनके मुह खुलते ही एक दूसरे के प्रति फूल बरसते है। कुछ मुद्दे उछलते है और नेता बस भटकाते है। एक दूसरे को  स्पेशल आयना दिखलाते है। जिसमे सब एक दूसरे के हमशक्ल नज़र आते है। रूप रोब रबाब में कोई भी कम नही। कोयले की दलाली में सब काले ही नज़र आते है। बड़े बेशर्म मन से जनता के द्वार हर बार नज़र आते है। जनता भी क्या करे हर बार वही एक से चेहरे नज़र आते है। चुने भी तो किसको सब के सब हमशक्ल नज़र आते है। बड़ी बेआबरू आबरू हो गयी हो जिनसे वो इज़्ज़तदार कहलाते है। सामने से राम राम और पीछे से गालियां खाते है। सब सुनकर भी चुप्पी साध जाते है। वोट पाने की कीमत कहे न कहे समझा ही जाते है। ये नेता भी खास मिट्टी से बने है पक के भी फिर चिकनी मिट्टी हो जाते है। जैसे जली लकड़ी में राख के सिवा कुछ नही। आप की बात मे भी खाक के सिवा कुछ हासिल नही। ये नेता जितना ज्यादा बोलते है उतनी जनता डोलती है। शब्दो के जादूगर है ये बहुत काबिल भी है। जनता झट से बातों में आती है वोट दे जाती है। नेता भी बेहद खुश है थैंक यू