बहुत से व्यक्ति विशेष को जाति को लेकर बेहद भ्रम है। उनमे से एक मेरी जाती वर्ग है।जी मैं ब्राह्मणों की बात कर रहा हूँ।इसी पे पढ़ते पढ़ते सुंदर लेख मिला। प्रश्न था "ब्राह्मण कोंन"? जरूर पढ़िये।वेदों का अध्यन कर उनमें लिखे ज्ञान को उपनिषदों के माध्यम से समझाया गया है। उपनिषद हिन्दू धर्म के महत्वपूर्ण श्रुति ग्रंथ हैं।इनमें परमेश्वर, परमात्मा – ब्रह्मा तथा आत्मा के स्वभाव और संबंध का दार्शनिक तथा ज्ञानपूर्वक वर्णन काया गया है।ब्रह्मा, जीव तथा जगत् का ज्ञान प्राप्त करना ही उपनिषदों की मूल शिक्षा है। वज्रसुचिकोपनिषद ( वज्रसूचि उपनिषद् ) यह उपनिषद सामवेद से सम्बद्ध है ! इसमें कुल ९ मंत्र हैं ! सर्वप्रथम चारों वर्णों में से ब्राह्मण की प्रधानता का उल्लेख किया गया है तथा ब्राह्मण कौन है, इसके लिए कई प्रश्न किये गए हैं ! क्या ब्राह्मण जीव है ? शरीर है, जाति है, ज्ञान है, कर्म है, या धार्मिकता है ? इन सब संभावनाओं का निराकरण कोई ना कोई कारण बताकर कर दिया गया है , अंत में ‘ब्राह्मण’ की परिभाषा बताते हुए उपनिषदकार कहते हैं कि जो समस्त दोषों से रहित, अद्वितीय, आत्मतत्व से संपृक्त है, वह ब्राह