🌹🙏🏼❣❣❣❣🇮🇳❣❣❣❣✍🏼🌹 दोस्तो खुशियों का कभी कोई ठिकाना नही। कभी भी चली जाती है कभी भी लौट आती है। न दिन एक से थे न खुशियां एक सी मिली। कभी कम कभी ज्यादा तो कभी न भी थी। मगर ये दिन तुम्हारा था है और रहेगा। चाहे खुशियां आये जायें स्वाहा हो जायें। मगर हम न विचलित हुए न होंगे न होने देंगे। आज खुशियां दिनों बाद नसीब हुई। खूब मजा लिया दिया पल इसी मे बिता दिया। आज बहुत दिल है चलो दिल की कुछ कहते कुछ सुनाते है। कुछ तुझसे मन की कहते कुछ तेरी सुनते है। कुछ तुझे गा के सुनाते है कुछ तुझ से गवाते है। कुछ तेरे साथ नाचते है कुछ खुद ही थिरकते है। कुछ तेरे साथ अपना भी दिन खुश हसीन बनाते है। कुछ तू दिल सजा कुछ हम दिल के ख्वाब सजाते है। कुछ तेरी रूह मुस्कुराये कुछ मेरी रूह खुश हो जाये। कुछ तेरी हसरतें पूरी हो कुछ हम अपनी कर ले। कुछ तू मेरे साथ खेल कुछ मैं खुद से खेलूं। चल आज फिर बचपन मे एक बार फिर लौट चलें। कुछ दोस्त फिर ढूंढें कुछ और बनाये अपनी दोस्ती पूरी निभाएं। कभी कट्टी हो जायें फिर एक बार अब्बा कर ले। रिश्ता फिर बचपन सा बनायें एक पल रूठे दूजे पल मान जाएं। खूब खुल के खेलें