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Showing posts from November, 2022

इलेक्शन अनाउंस हो चुके है!

🌹🙏♥️♥️♥️♥️♥️♥️♥️🇮🇳♥️♥️♥️♥️♥️♥️♥️🌹✍️ इलेक्शन अनाउंस हो चुके है। सब पहाड़ चढ़ने को चल चुके है। गुजरात में भी गुज्जू भाई फॉर्म में आ चुके है। हिमाचली हिमाचलियत की डपली बजा चुके है। केजरीवाल दौड़ हिमाचल से लगा अब गुजरात भाग चुके है। कांग्रेसी अपनी विरासत के मोह को गले लगा चुके है। भाजपा सब पैंतरे जा अजमा रही है। गुज्जू गोल गोल है  सब पार्टियां फिसल रही है। हिमाचली पहाड़ सा अडिग है सब पार्टियां अपनी चढ़ाई चढ़ रही है। खूब चर्चा हो रही है पार्टियां में और पप्पू की ढूंढ लगी हुई है। गुड लक  है ये हमारा कहीं खो न जाएं मित्रो? यही डर आप भाजप को बस सुबह से शाम लगा हुआ है। पत्रकार भी अब तो हताश से होने लगे है । पप्पू के चलते पैसे न मिलने का डर इन्हे भी अब  सताने लगा है। अरे देखो पप्पू की अपनी खोज यात्रा झंडे गाड़ती चल रही है। मगर इधर चुनावी समर हो रहा है और वर्चस्व की  तालाश सबको लगी हुई है। विश्व को सबसे बड़ी पार्टी आजादी दिला रही है। पप्पू मंद मंद मुस्कुरा रहा है। भारत को सबसे पुरानी पार्टी इतिहास गिना रही है। पप्पू अभी भी  मंद मंद मुस्कुरा रहा है । चोर तो सब है भाई बड़ा कोन है एक दूसरे को य

चंद्रदेव मंद मंद मुस्कुरा रहे है।

🌹🙏♥️♥️♥️♥️♥️♥️♥️🇮🇳♥️♥️♥️♥️♥️♥️♥️✍️🌹 आज चंद्र ग्रहण है।दान का दिवस है। ब्राह्मण तैयार है आपकी जेब पे भार है। शुभ अशुभ का वार है पड़ी ज्योतिषियों की मार है। कुछ की राशि को ग्रहण लग गया बाकी को फल गया। जो बेचारे ग्रहण के सताए है वो भी दान देने आए है। जो शुभ फल खाएं है वो भी हिस्सा लाए हैं। दिमाग को दही करने की दुकान चल पड़ी है। अखबार भी इसी न्यूज से पटी पड़ी है। गृहणियां आज चाव से अखबार पढ़ रही है। हज- बैंड साहब की बत्ती गुल पड़ी है। ये अखबार नवीज कहां से आन पड़ी है। खैर दीप ज्योति घुमाई जा रही है पति से मोह आचनक हुआ है। पति भी खामोश सोच रहा है दान दक्षिणा देने को खड़ा है। सारी बलाएं ये दान ले जाए और ब्राह्मण की गोद भर जाए। हर और आस्था का मेला लगा है। चंद्र देव मुस्कुरा रहे है ब्राह्मण को दान पे दान दिला रहे है। सुबह सुबह खिचड़ी का भोग लगवा रहे है। पति चाय पानी का इंतजार ही कर रहा है। यहां ग्रहण के भोज का दान समान बन रहा है। बड़ी उत्सुकता से पति महोदय देख रहे है। कोई तो कह रहा है.. रुको जरा रुको जरा। तेरा नंबर भी आयेगा जब चंद्रदेव जी मान जायेगा। तभी तो तेरा भोग आयेगा। चल पगले तेरे लि