🌹🙏❣❣❣❣❣🇮🇳❣❣❣❣❣✍🌹 भारतीय संविधान भाग 5 अध्याय 4 अनुच्छेद 144 से 147 तक। यहां न्यायपालिका के उच्चतम न्यायालय में संविधानिक वैद्यता को चुनौती देती याचिकाएं उनके लिए बनती खंडपीठ उनके अधिकार क्षेत्र और सारी व्यवस्था को चलाने के लिए सहायक सेवक का पूरा लेखा जोखा है।न्याय पालिकांक अध्याय इन्ही अनुच्छेदों के साथ समाप्त होता है।चलिये पढ़ें... 144. सिविल और न्यायिक प्राधिकारियों द्वारा उच्चतम न्यायालय की सहायता में कार्य किया जाना--भारत के राज्यक्षेत्र के सभी सिविल और न्यायिक प्राधिकारी उच्चतम न्यायालय की सहायता में कार्य करेंगे । [67]144क. [विधियों की सांविधानिक वैधता से संबंधित प्रश्नों के निपटारे के बारे में विशेष उपबंध ।] संविधान (तैंतालीसवां संशोधन) अधिनियम, 1977 की धारा 5 द्वारा (13-4-1978 से) निरसित । 145. न्यायालय के नियम आदि--(1) संसद द्वारा बनाई गई किसी विधि के उपबंधों के अधीन रहते हुए, उच्चतम न्यायालय समय-समय पर, राष्ट्रपति के अनुमोदन से न्यायालय की पद्धति और प्रक्रिया के, साधारणतया, विनियमन के लिए नियम बना सकेगा जिसके अंतर्गत निम्नलिखित भी हैं, अर्थात् :-- (क) उस न्यायाल