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Showing posts from May, 2018

शिमला मिर्च।

🌹🙏🏼🎊🎊🎊🎊🎊🎊🎊✍🏼🌹 पूरे साल बहुतायत में मिलने और पैदा होने वाली सब्ज़ी है शिमला मिर्च।खूब हरी कच्ची भी स्वादिष्ट।सलाद का अहम हिस्सा।आलू शिमला मिर्च के स्वाद का क्या कहना।प्याज़ के मसाले की भरवां मिर्च ।बेसन में बनी कुरकुरी सी मिर्च।कुछ न पूछो जी।एक खास स्वाद लिए होती है।सब्ज़ियों मैं राजा सी लगती है।आइये संकलित जानकारी आप से सांझा की जाये। शिमला मिर्च, मिर्च की ही एक प्रजाति है जिसका प्रयोग भोजन में सब्जी की तरह किया जाता है। अंग्रेज़ी मे इसे कैप्सिकम (जो इसका वंश भी है) या पैपर भी कहा जाता है। मूलत: यह सब्जी दक्षिण अमेरिका महाद्वीप की है जहाँ ऐसे साक्ष्य मिलते हैं कि इसकी खेती लगभग पिछले 3000 सालों से की जा रही है। शिमला मिर्च एक ऐसी सब्जी है जिसे सलाद या सब्जी के रूप में खाया जा सकता है। बाजार में शिमला मिर्च लाल, हरी या पीले रंग की मिलती है। चाहे शिमला मिर्च किसी भी रंग की हो लेकिन उसमें विटामिन सी, विटामिन ए और बीटा कैरोटीन भरा होता है। इसके अंदर बिल्‍कुल भी कैलोरी नहीं होती इसलिये यह खराब कोलेस्ट्रॉल को नहीं बढ़ाती। साथ ही यह वजन को स्थिर बनाये रखने के लिये भी योग्‍य है।  ल

कुंदरू।

🌹🙏🏼🎊🎊🎊🎊🎊🎊🎊✍🏼🌹 आज एक और मेरी पसंदीदा सब्ज़ी।कुंदरू।ये सब्ज़ी पूरा साल मिलती है।आजकल इसका भी मौसम है।कड़क सब्ज़ी।इसका भजिया बहुत बढ़िया बनाता है।ये भीतर से सफेद या लाल निकलता है।इसकी सूखी सब्ज़ी बनाई जाती है।बेसन से इसके कुरकुरे पन को और मजेदार बनाया जा सकता है।कुछ या कभी कभी ये खट्टे भी निकलते है।पर सब्ज़ी को खा के आनंद मिलता है।हरी सब्जियों की बहार हैं कुंदरू।लीजीये आप के समक्ष एकत्रित संकलित जानकारी। कुंदरू को तिंदूरी भी कहा जाता है। यह ककड़ी वर्ग यानी कुकुरबिटेसी परिवार की सदस्य है। इसे ग्रीष्मकालीन (मार्च से जून) या बरसाती (जून-जुलाई से अक्टूबर-नवंबर) फसल के रूप में उगाया जा सकता है। इसे पुरानी लताओं की कटिंग से बोया जाता है। एक बार उगाए जाने पर सही देखरेख, पोषण एवं पौध संरक्षण के साथ पाँच-छः साल तक इससे फल प्राप्त किए जा सकते हैं। इसी वर्ग के अन्य सदस्यों की अपेक्षा यह कम या अधिक पानी को सहन कर सकती है। यह मूलतः भारत की वनस्पति है इसीलिए देश के अधिकांश प्रांतों में इसे सफलतापूर्वक उगाया जा सकता है। कुंदरू की फसल से अधिक उपज प्राप्त करने के लिए इसकी उन्नत किस्म, पर्याप्त पोष

तोरी।

🌹🙏🏼🎊🎊🎊🎊🎊🎊🎊✍🏼🌹 गर्मीयों मैं मेरी कछ पसंदीदा हरी सब्ज़ियां आती है।तोरी ऐसी ही एक सब्ज़ी है।अपने स्कूल के दिनों में मैं भी अपने घर के पीछे क्यारी मैं इसे लगाया करता था।काली तोरी और सफेद तोरी।सफेद तोरी मोटी और बहुत बडी होती है।काली तोरी पतली लंबी।खाने में दोनों का स्वाद थोडा अलग।मुझे तोरी और प्याज़ की सब्ज़ी देसी घी में बनी बहुत स्वादिष्ट लगती है।आज भी खाता हूं।गर्मियों में तोरी के पूरे मजे।आज की बात होगी तोरी पे। आप को पता ही है के हरी सब्जियां खाने की सलाह सभी डॉक्टर देते हैं। हरी सब्जियों की उचित मात्रा आहार में शामिल करते रहने से ही हमारे शरीर में रक्त के निर्माण के साथ साथ शरीर की रोग प्रतिरोधक  क्षमता भी बढ़ती है। रोगों से लड़ने के लिए हमारे रक्त में हीमोग्लोबिन की मात्रा तय मानक के अनुसार होनी चाहिए। रक्त और हीमोग्लोबिन की मात्रा सही रखने के लिए हरी सब्जियों से बढ़कर कुछ भी नहीं है। गर्मियों में हरी सब्जियों की जरूरत अन्य मौसमों की तुलना में अधिक होती है क्यूंकि गर्मी के दिनों में हमारे शरीर से पसीना और नमक निकलता रहना है इस वजह से रक्त की कमी भी अन्य मौसम की तुलना में ज्याद

भिंडी।

🌹🙏🏼🎊🎊🎊🎊🎊🎊🎊✍🏼🌹 गर्मियों में फलों की खूब बातें हुईं।गर्मियों में सब्ज़ियां भी खास है।कुछ तो बेहद खास और मेरी पसंदीदा।इसमे से भिंडी एक है।मुझे भिंडी नमक लालमिर्च हल्दी मसाले से भर के भून के खाने में बेहद अछी लगती है।फिर एक दिन मध्यप्रदेश के बुरहानपुर में कुरकुरी भिंडी खाने को मिली।वाह क्या स्वाद था।आज तक दुबारा नही खा सका।तीन चार बार वहीं खाई। भिंडी बहुत अलग अलग तरीके से खाई।फिर एक दिन बनखेड़ी मध्यप्रदेश में एक गुड़ बनाने के कोहलू भट्टी पे गये।वहां सूखी भिंडी के चूरे से गन्ने के उबलते रस को साफ किया जा रहा था।प्राकृतिक गुड़ पकाने में सफाई का तरीका।गरम गरम गुड़ खाया।भिंडी का नया इस्तेमाल सीखा।बहुत आनंद आया।सोचा आज चलो भिंडी पे ही ज्ञान संकलित किया जाये।लीजिये आप के समक्ष बेहद खास भिंडी। गर्मियों की सबसे बेहतर सब्ज़ी।घर के छोटी सी क्यारी मैं आप अपने लायक भिंडी लगा सकते है।तो भिंडी प्यारी भिंडी खास भिंडी। भिंडी को इग्लिश में लेडीफिंगर के नाम से क्यों जाना जाता है, क्योंकि यह महिलाओं की उंगली के समान पतली लंबी होती है, जो महिलाओं के लिए भी अच्छी मानी गई है पर इसके अंदर छिपे गुणों के क

चेरी।

🌹🙏🏼🎊🎊🎊🎊🎊🎊🎊✍🏼🌹 आज सुबह फल लेने बाजार जाना हुआ।सीधी नज़र पड़ी चेरी पे।पीली लाल लाल ताज़ा।आज कल चेरी बाजार में आ गई है।ये कश्मीर और हिमाचल में उगाई जाती है।मैंने पहले पहल शायद 1989 मैं इसके बाग देखे थे।खुद हाथ से पेड़ से तोड़कर कर खाई थी।जबसे इसका स्वाद मुह को लग गया।मेंहगा फल है।और इसकी आइस क्रीम शेक और मिठाई बनाने में इस्तेमाल किया जाता है।इसका मुरब्बा खाया जाता है।इसके बारे में कुछ जानकारी संकलित की है।आप के समक्ष है। चेरी प्राचीन समय से ही उपयोग मे आता रहा है। कैस्पियन समुद्र के आस-पास के क्षेत्र और यूरोप में इसका आगमन सैकड़ों साल पहले हो चुका था तथा यूनान में इसकी खेती के ऐतिहासिक साक्ष्य मिलते हैं और आज के समय में चेरी विश्व भर में निर्यात होती है। भारत में चेरी का उपयोग अंग्रेजी काल के समय में माना जाता है और तब से लेकर अब तक भारत के अनेक क्षेत्रों में इसकी बाग़वानी कि जाती है। जम्मू-कश्मीर और मनाली में चेरी का उत्पादन मुख्य रुप से देखा जा सकता  है। प्रकृति के इस अनुपम फल में केवल खूबसूरती ही नहीं, फायदे भी है। इसे खाने से न केवल दिल के रोगी होने पर अंकुश लगता है, बल्कि क

जामुन।

🌹🙏🏼🎊🎊🎊🎊🎊🎊🎊✍🏼🌹 दो तीन दिन पहले सैर करते करते जामुन के पेड़ पे नजर गयी।पेड़ो पे फल लग गए है।जून के मध्य आते आते इसकी फसल आ जायेगी।ये पूरे भारत वर्ष में पाया जाता है।उत्तर भारत में छोटा और मध्यम साइज का जामुन मिलता है दाक्षिण एयर मध्य भारत में आज कल इसकी खेती की जाती है।और बड़ी और मोटी संकर जातियां उगाई जा रही है।ये बाजार में आजकल महंगा फल हो गया है।बचपन में केवल पेड़ से तोड़ कर ही खाये।आज कल कई तरह के जामुन 60 रुपया किलो से ले 300 रुपया किलो तक बाजार में मिलते है।जामुन बहुत नरम और जानदार फल है।जामुन की तासीर ठंडी होती है और इसकी कई देसी विदेशी किस्मे होती हैं | लेकिन सबके धर्म, गुण समान हैं। जामुन का अंग्रेजी नाम Java Plum और Blackberry है | जामुन से भूख बढती है और भोजन पचाती है, शरीर से गंदगी बाहर निकलती है। जामुन नहीं होने पर हम इसका सिरका काम में ले सकते हैं। यह मोटी और पकी हुई अच्छी होती है। इसका खट्टापन और अम्लीय गुण रक्त-दोषों को दूर करते है।ये स्मरण-शक्तिवर्धक  भी है।मस्तिष्क की कोशिकाओं की क्षमता घटने से स्मरणशक्ति कमजोर हो जाती है। जामुन में एंटी ऑक्सीडेन्ट्स विशेष रूप स