Skip to main content

Posts

Showing posts from November, 2019

साहेब की व्यंगशाला। आंसू।

🌹🙏🏻❣❣❣❣❣❣🇮🇳❣❣❣❣❣❣✍🏻🌹 साहेब:निर्मले! निर्मला: जी साहेब साहेब:निर्मले! निर्मला: जी साहेब साहेब: निर्मले! निर्मला : जी साहेब कुछ तो उगलिये। साहेब: निर्मले हाये क्या से क्या हो गया अजीत बेबफा हो गया। निर्मला: न साहेब रोईए मत। साहेब: निर्मले हाये क्या से क्या हो गया फंडू मेरा पिट गया। निर्मला : साहेब इतना रुदन ठीक नही। साहेब: निर्मले हाये क्या से क्या हो गया शेर बेशर्म खा गया। निर्मला : साहेब प्लीज रोईए मत। साहेब: निर्मले हाये क्या से क्या हो गया 105 का पत्ता साफ हो गया। निर्मला: इतना न रोएं आप वरना मैं भी रो दूंगी। साहेब: निर्मल हायेे क्या से क्या हो गया अमित कहां खो गया। निर्मला: देखो साहेब अब मैं सह नही पा रही हूँ। साहेब : निर्मले हाये क्या से क्या हो गया अमित का गुरु पैदा हो गया। निर्मला : साहेब मत रोइये भक्त आहत हो जायेंगे। साहेब : निर्मले हाये क्या से क्या हो गया    ये तलाक़ हो गया। निर्मला : साहेब ये क्या कह रहे है हम कोन मुसलमान है। मत रोइये न। साहेब : निर्मले हाये क्या से क्या हो गया  दो दिन में भांडा फूट गया। निर्मला: साहेब आप रोईए मत फूटने दो निगोड़े को। था ही इस लायक। साहेब

चोर भीड़ पुलिस और मैं।

🌹🙏🏻❣❣❣❣❣❣🇮🇳❣❣❣❣❣✍🏻❣ इंसान वैसे तो बहुत मतलब परस्त कौम है।हर वक़्त हमे इसका एहसास होता रहता है।भीड़ तंत्र भी इसी का हिस्सा है जो कभी कभी बहुत गम्भीर तस्वीर भी पेश करती है। कल बहुत कुछ देखने और शायद अपने लिये और दुनिया के लिए सबक भी। शनिवार दिनांक 23.11.2019 को मैं अपने ग्रह निवास की और हिमाचल राज्य परिवहन की हिमसुता से सफर कर रहा था।दो दिनों की थकान और उसपे फिर सफर मगर आदत है तो शरीर झेल जाता है।हम यात्रा के चंडीगढ़ सेक्टरन-43 बस स्टेण्ड पहुंचे। यहां बस को तकरीबन 30 मिनट रुकना था।बस वॉल्वो थी तो थोड़ा समान जो साथ था उसके रखे का डर कम था।हम थोड़ा नाश्ते पानी के लिये नीचे उतरे।10 मिनट कॉफी पी मूंगफली का सेवन किया।और बस की और चल पड़े।बस में चढ़े ।मेरी सीट सबसे लास्ट में 40 नंबर थी।और अपनी सीट पे जा कर बैठ गये।वहाँ आगे की सीट पे एक आदमी अपना समान ऊपर समान कक्ष में अपना बैग जमा रहा था।उसकी नज़र मुझ पे पड़ी मेरी उसपे।यहां तक सब ठीक था।मेरा लैपटॉप का बैग उसके बिल्कुल साथ रखा था।बैग का मुह उसी व्यक्ति की दिशा में था।मेरा ध्यान उसकी और सहसा ही लग गया।उसने अपना बैग पहले तो जमाने मे काफी देर लगाई।फिर

युद्ध घोर युद्ध भक्त चमचा युद्ध।

🌹🙏🏻❣❣❣❣❣❣🇮🇳❣❣❣❣❣❣✍🏻🌹 एक भक्त और चमचे में बहस हो गया आज कल के हालात देख कर। चमचा: भक्त भाई अमरूद 80 रुपया किलो मिल रहे है? भक्त: सुन बे चमचे मोदी जी बहुत ईमानदार है! चमचा: भक्त भाई प्याज़ कुछ महीनों से बहुत रुला रहा है । क्यों? भक्त : सुन बे चमचे मोदी जी बहुत ईमानदार है! चमचा : भक्त भाई डॉलर बहुत भाग रहा है...क्यों? भक्त :सुन बे चमचे मोदी जी बहुत ईमानदार है! चमचा: भक्त भाई तेल के दाम बढ़ गए है..क्यों? भक्त: सुन बे चमचे मोदी जी बहुत ईमानदार है! चमचा: भक्त भाई अर्थव्यवस्था की हालात बहुत गम्भीर है..क्यों? भक्त: सुन बे चमचे मोदी जी बहुत ईमानदार है! चमचा: भक्त भाई ये दिल्ली पुलिस सड़कों पे नारे क्यों लगा रही है? भक्त: सुन बे चमचे मोदी जी बहुत ईमानदार है! चमचा: भक्त भाई टमाटर की कीमत सर्दियों में भी आसमान छू रही है? भक्त: सुन बे चमचे मोदी जी ईमानदार है! चमचा: भक्त भी बैंक घोटाले बहुत हों रहे है..लोगों की दीवाली भी काली हो गयी..क्यों? भक्त: सुन बे चमचे मोदी जी ईमानदार है! चमचा: भक्त भाई ऑटोमोबाइल बहुत बुरे दौर से गुजर रहा है..क्यों? भक्त: सुन बे चमचे मोदी जी ईमानदार है! चमचा: भक्त भाई दुग्

अनुग्रह एक शांत भाव।

🌹🙏❣❣❣❣❣🇮🇳❣❣❣❣❣✍🌹 बहुत बार हम मन और दिमाग की शांति के नाम पे अपने आप  को अशांत किये रहते है।शांति ढूंढते है और मन को आंदोलित रखते है। जो भीतर है उसे बाहर तलाशते है।मन की शांति के नाम पे अपने चारों और के वातावरण को दूषित भी किये रहते है।और इसका ज्ञान संज्ञान कभी न कर पाते है ना ले पाते है।अपने को अशांत रख दूसरे को शांति के नाम पे अशांत कर देते है।करें क्या? बस ये ही न समझ आता है ना हम समझना चाहते है।साधुत्व शायद इसी की बेहतर तलाश है।अपने चित्त को शान्तं रखो और पहले खुद को आनंद की अनुभूति से ओतप्रोत करो और फिर इसे इत्र की तरह अपने आस पास छिड़क दो।वातावरण महका दो।बोलने में शायद आसान है।है ना?पर मुश्किल भी नही।इसके लिए दो नियम जीवन मे बनाओ। पहला चित को विवाद से दूर रखने के लिये सामने वाले को सुना जाये। चाहे वो मनुष्य हो पालतू जानवर हो पेड़ पौधे हो धरती माँ हो। ये सब अपनी खास भाषा बोलते है।बस सुनने की चाह और आदत इन्हें अपनी बात बोलने का मौका दे देती है। धरती को माँ का दर्जा है।माँ से बेहतर इस दुनिया मे न कोई बोलता है ना ही सुनता है।खैर लंबा विषय है फिर कभी लिखा जायेगा।पहला नियम सुनिए आराम

साहेब की व्यंगशाला...KA

🌹🙏❣❣❣❣❣🇮🇳❣❣❣❣❣✍🌹 साहेब: निर्मले आज मै बहुत खुश हूँ! निर्मला: जी साहेब। साहेब :निर्मले आज मैं बहुत खुश हूँ! निर्मला :जी साहेब। साहेब: पूछो गी नही क्यों? निर्मला:क्यों साहेब? साहेब: आज मैंने एक तीर से कई मार डाले। निर्मला: किसे मार आये साहेब? साहेब: ये न पूछो निर्मले। निर्मला: बता दो न साहेब वकील भी तो गुनाह के हिसाब से करना होगा। साहेब: निर्मले तुम समझी नही? निर्मला: लगता तो ऐसा ही है साहेब। आप को कोन समझ पाया।मेरी क्या हैसियत। साहेब: नही निर्मले ऐसी बात नही।आओ बैठो बताता हूँ। निर्मला : शाह गडु में से किसी को बुलाऊँ? साहेब: अरे न न उनको काम पे भेजा है। निर्मला: सुनाओ साहेब। साहेब: तरकश में एक ही तीर था। निर्मला: हैं? वो कैसे? साहेब: सुनती जाओ। निर्मला: जी साहेब। साहेब: तीर धनुष पे चढ़ाया। धनुष माथे पे लगाया।इसे ब्रह्मास्त्र बनाया।और चलाया। निर्मला: साहेब कहाँ चला आये? मुझे तो पता नही चला। साहेब: तुम रही न वही.... निर्मला: क्या साहेब? साहेब: छोड़ो जाने दो।वित्त का धित कर चुकी हो इसी के चलते।सुनो अब। निर्मला: जी जी साहेब बोलते जाईये।कहानी सुनाते जाईये। साहेब: कहानी? कोन सी? निर्मला: कु

भारतीय संविधान भाग 9 अनुच्छेद 243 घ।

🌹🙏❣❣❣❣❣🇮🇳❣❣❣❣❣✍🌹 भारतीय संविधान भाग 9 अनुच्छेद 243 घ। 243 घ. स्थानों का आरक्षण–(1) प्रत्येक पंचायत में– (क) अनुसूचित जातियों ;और (ख) अनुसूचित जनजातियों, के लिए  स्थान आरक्षित रहेंगे और इस प्रकार आरक्षित स्थानों की संख्या का अनुपात , उस पंचायत में प्रत्यक्ष निर्वाचन द्वारा भरे जाने वाले स्थानों की कुल संख्या से यथाशकक़्य वही होगा जो उस पंचायत क्षेत्र में अनुसूचित जातियों की अथवा उस पंचायत क्षेत्र में अनुसूचित जनजातियों की जनसंख्या का अनुपात उस क्षेत्र की कुल जनसंख्या से है और ऐसे स्थान किसी पंचायत में भिन्न-भिन्न निर्वाचन क्षेत्रों को चक्रानुक्रम  से आबंटित किए जा सकेंगे। (2) खंड (1) के अधीन आरक्षित स्थानों की कुल संख्या के कम से कम एक-तिहाई स्थान, यथास्थिति , अनुसूचित जातियों या अनुसूचित जनजातियों की स्त्रियों के लिए आरक्षित रहेंगे । (3) प्रत्येक पंचायत में प्रत्यक्ष निर्वाचन द्वारा भरे जाने वाले स्थानों की कुल संख्या के कम से कम एक-तिहाई स्थान (जिनके अंतर्गत अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों की स्त्रियों के लिए आरक्षित स्थानों की संख्या भी है) स्त्रियों के लिए  आरक्षित रहेंगे