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वीर कोन ? जो कर्तव्य से वीर हो वीर है। जो मन का साफ हो वो वीर है। जो निर्भीक हो वो वीर है। जो झुझारू हो वो वीर है। जो युद्ध कला में निपुण हो वो वीर है। जो अधिकारों के प्रति सशक्त हो वो वीर है। जो बाधाओं को पार करना जानता है वो वीर है। जो मन को बांधता है वो वीर है। जो इंद्रियों पे विजय पा जाता है वो वीर है। जो सच लिखता है वो वीर है। जो सच बोलता है वो वीर है। जो सच के साथ खड़ा होता है वो वीर है।जो कमजोर को सहारा देने में सक्षम है वो वीर है। जो दीन दुखियों कमजोरों के लिये लड़ता है वो वीर है। जो धर्म रक्षक है वो वीर है। जो समाज सेवी है वो वीर है। जो निर्धनों का सहारा है वो वीर है। जो न्याय प्रिय है वो वीर है। जो न्याय व्यवस्था में न्याय के लिए खड़ा हैं वो वीर है। जो बहु बेटियों बहनों की अस्मत की हिफाज़त करता है वो वीर है।जो ईश्वर की बनाई इस मायानगरी को भेदने की क्षमता रखता है वो वीर है। जो बच्चों को उत्तम ज्ञान देता है वो वीर है। जो अपनी सरहदों की हिफाज़त में लगा है वो वीर है। जो कुटुम्भ का रक्षक है वो वीर है। जो निर्भीक है वो वीर है। जो अपने परिवार को महफूज़ हर हाल में रखता है वो वीर है। जो पर्वतों नदियों आकाश पे विजय प्राप्त करता है वो वीर है। जिसने डर को मिटा दिया हो वो वीर है। जो इस प्रकृति सृष्टि का वफादार है वो वीर है।हर क्षेत्र में उसे साधने वाले वीरों की उपाधि से ही नवाज़े जाते है। ये हर तरफ हर दिशा में अपने अस्तित्व का एहसास कराते है। ये वीर शूर वीर रणवीर कान्तिवीर क्रांतिवीर धनवीर ज्ञानवीर ब्रह्मवीर धर्मवीर कुलवीर राजवीर आदि आदि ख्याति लिए है। इन वीरों की वजह से ही हम बेहतर समाज में सुरक्षित है। आओ हम भी किसी एक वीरता को अपनायें। एक बेहतर समाज के लिए अपना सामाजिक धर्म निभायें। चलो भाई हम सब क्यों न कोई एक वीर बन जायें।
जय हिंद।
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शुभ रात्रि।
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🌹🙏🏼🎊🎊🎊😊🎊🎊🎊✍🏼🌹 आज एक रस्म पगड़ी में गया हमारे प्यारे गोपाल भैया की।बहुत अच्छे योगाभ्यासी थे।रोज सुबह योगा सेवा में योग की कक्षा भी लगाया करते थे।बहुत शुद्ध साफ निर्मल तबीयत के और बेहद अच्छे व्यक्तित्व के मालिक थे। उम्र रही तक़रीबन 56 साल।एक गम्भीर बीमारी ने एक जीवन असमया लील लिया।पारिवारिक संबंध है हमारे।उनके पुत्र को देख के मुझे 26 जुलाई 2009 की याद आ गयी।मेरे पिता जी की मृत्यु हुई और हमारे यहां रस्म पगड़ी तेहरवीं पे ही होती है।ये उत्तर भारत के रस्मों रिवाज का हिस्सा है।पिता के बाद घर मे ज्येष्ठ पुत्र को आधिकारिक रूप से परिवार का मुखिया बनाया जाता है।समाज के सामने और जो पगड़ी बांधी जाती है सारा समाज जो वहां उपस्थित होता है अपने स्पर्श से पगड़ी को अधिकार सौंपता है। थोड़ा संकलित ज्ञान इसपे ही हो जाये।रस्म पगड़ी - रस्म पगड़ी उत्तर भारत और पाकिस्तान के कुछ क्षेत्रों की एक सामाजिक रीति है, जिसका पालन हिन्दू, सिख और सभी धार्मिक समुदाय करते हैं। इस रिवाज में किसी परिवार के सब से अधिक उम्र वाले पुरुष की मृत्यु होने पर अगले सब से अधिक आयु वाले जीवित पुरुष के सर पर रस्मी तरीके से पगड़ी (जिस
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