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आज देहरादून रहने का भाग्य और मौका बना। सुबह सैर करने का भी मौका मिला। देहरादून का मौसम बहुत सुहाना है। ना ज्यादा ठंड है ना गर्मी। पूरा दिन मौसम बेहतरीन है आज कल। सुबह नाश्ता भी यहां के एक अच्छे रेस्ट्रॉन्ट आनंदम में करने को मिला । छोले भटूरे तो अच्छे थे ही साथ ही छाछ भी बढ़िया थी। आटे के लडू स्वादिष्ट थे। कुछ समय पहले यहां से फेनिया ले के गया था। बहुत स्वाद और आनंद से खाई गयी। कहने का मतलब है एक अच्छी साफ सुथरी और हर मानकों पे अच्छी उतरने वाली दुकान है। कभी आप को मौका लगे तो जरूर आइये बल्लू पूरा चौक के पास ही दुकान है। राजपुर रोड पे भी रेस्ट्रॉन्ट है । जब भी मसूरी घूमने का मन हो और देहरादून रुकने का समय मिले तो यहां आ कर जाईये। घंटाघर चौक पे भी कुछ समय बिताइये। यहां एक बेकरी है सनराइज उसका पल्म केक और मिल्क रस बहुत बेहतरीन है घर ले कर जाईये। कुमार स्वीट की चॉकलेट बर्फी खाइये। एलोरा की बटर बाईट टॉफी का मजा लीजिये। देहरादून खाने और मौसम के हिसाब से बेहतरीन जगह है। साल भर मौसम अच्छा रहता है। सामने मसूरी धनौल्टी के पहाड़ों के दर्शन खूबसूरत हैं।देखने के लिये बेहतरीन स्थान आस पास ही मौजूद है । टपकेश्वर महादेव सहस्त्रधारा गुचीपानी गुफाएं राजाजी राष्ट्रीय उद्यान राजपुर रोड शिखर फॉल क्लॉक टावर लच्छीवाला पिकनिक स्पॉट चिड़या घर और भी बहुत कुछ। कुल मिला के एक दिन का पूरा मसाला देहरादून में है। एक दिन और रात व्यतीत कीजये आनंद आएगा। सप्ताहांत व्यतीत करने के लिए बेहतरीन जगह है। जो प्रकृति को पास से देखना चाहते हैं उनके लिए उत्तम स्थान। जो आराम करना चाहते है उनके लिए बेहतरीन स्थान। और जो खाने पीने के शौकीन उनके लिये मजेदार जगह। हर एक को अपनी पसंद की चीज़ मिल जायेगी। खरीदारी करने वालों को दुनिया के बेहतरीन ब्रांड उपलब्ध है। एक बेहतरीन पर्यटक स्थल भी है। बाकी उत्तराखंड की राजधानी तो है ही।साधन संसाधन सम्पन जगह है। जहाज़ रेल बस से पूर्ण रूप से सब जगह से जुड़ी हुई है। आज देहरादून के बारे में लिखने का मन हुआ तो थोड़ा लिख दिया। जब भी आप किसी को मौका मिले देहरादून जरूर घूमिये। पढ़ाई के भी बेहतर संस्थान है दून अकादमी मशहूर है। सेना का बड़ा कैंटोनमेंट है और प्रशिक्षण संस्थान भी। ONGC का प्रधान कार्यालय है। वाडिया हिमालयन संस्थान है। वन अनुसंधान संस्थान जरूर घूम के आना चाहिये। सही मायनों में पूरी पैसा वसूल जगह। अच्छे होटलों की भरमार है। बेहतर महीने नवंबर से जनवरी । कोई प्रश्न मन में आये तो जरूर पूछिये। पूरी कोशिश की जायेगी उत्तर देने की।
जय हिंद।
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शुभ रात्रि।
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🌹🙏🏼🎊🎊🎊😊🎊🎊🎊✍🏼🌹 आज एक रस्म पगड़ी में गया हमारे प्यारे गोपाल भैया की।बहुत अच्छे योगाभ्यासी थे।रोज सुबह योगा सेवा में योग की कक्षा भी लगाया करते थे।बहुत शुद्ध साफ निर्मल तबीयत के और बेहद अच्छे व्यक्तित्व के मालिक थे। उम्र रही तक़रीबन 56 साल।एक गम्भीर बीमारी ने एक जीवन असमया लील लिया।पारिवारिक संबंध है हमारे।उनके पुत्र को देख के मुझे 26 जुलाई 2009 की याद आ गयी।मेरे पिता जी की मृत्यु हुई और हमारे यहां रस्म पगड़ी तेहरवीं पे ही होती है।ये उत्तर भारत के रस्मों रिवाज का हिस्सा है।पिता के बाद घर मे ज्येष्ठ पुत्र को आधिकारिक रूप से परिवार का मुखिया बनाया जाता है।समाज के सामने और जो पगड़ी बांधी जाती है सारा समाज जो वहां उपस्थित होता है अपने स्पर्श से पगड़ी को अधिकार सौंपता है। थोड़ा संकलित ज्ञान इसपे ही हो जाये।रस्म पगड़ी - रस्म पगड़ी उत्तर भारत और पाकिस्तान के कुछ क्षेत्रों की एक सामाजिक रीति है, जिसका पालन हिन्दू, सिख और सभी धार्मिक समुदाय करते हैं। इस रिवाज में किसी परिवार के सब से अधिक उम्र वाले पुरुष की मृत्यु होने पर अगले सब से अधिक आयु वाले जीवित पुरुष के सर पर रस्मी तरीके से पगड़ी (जिस
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