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आज मन फूलों पे आया है। आज कल मौसम बदल रहा है। हवा शीतलता ले रही है। धरा ऊष्मा को संजोय है। एक बेहद खूबसूरत समा बंधने को है। फूलों के लिये उत्तम समय बन रहा है। ज्यादतर बेहतरीन पुष्प इसी वक्त आने शुरू होते है। मेरा प्रिया पुष्प गुलाब है। देसी गुलाब। इसकी महक इसकी खूबसूरती मुझे आकर्षित करती है। इसकी महक सांसों से जहन में उतर आती है। मुग्ध कर देती है। में थोड़ा सा आस्तिक भी हूँ। एक शक्ति में विश्वास भी शायद करता हूँ। और जो मेरा प्रिय है उसे में पुष्प भी अर्पण करने की अभिलाषा रखता हूँ। या यूं कहें देने की कोशिश करता हूँ। गुलाब मेरी सबसे प्रिय भेंट है हृदय से जिससे में आसक्ति प्रेम श्रद्धा रखता हूँ। गुलाब की महक उसके तोड़ने से सूखने तक कई दिनों बराबर बनी रहती है। इसका इत्र आप को महका सकता है। इसका जल गुलाब जल आप की मिठाई लस्सी मैंगो शेक का आकर्षण बड़ा सकता है।इसका गुण आप की आंखों की गंदगी धो सकता है और आंखें भी महकने चमकने लगेंगी। इसका जल त्वचा के लिये भी उत्तम है। इसकी मौजूदगी चेहरे पे आभा तो प्रदान करती ही है एक ताजा पन भी ले आती है। पत्तीयाँ इत्र जल और महक से आप को लुभा के सूख भी जाती है। ये सुखी पत्तीयाँ गुलकंद बना सकती है। चीनी से बनायें या गुड़ से। आप को मधुमेह न हो तो रोज़ एक चमच ढूध के साथ गुलकंद लिजेये। गले से लेकर पेट को दरुस्त रखिये। हम लखनऊ में आज कल डेरा डालें है। पान की दुकान हर गली नुकड़ पे है। मीठा पान शाही पान इसके डलने से महक उठता है। ठाकुर जी को इसका भोग लगाया जाता है।ठाकुर जी भी खुश आप भी खुश। गुलाब की सूखी पतियाँ धूप अगरबत्ती में भी भरपूर इस्तेमाल की जाती है। आंखें इसे देख के महक जाती है सांसे इसकी खुशबू से गुलज़ार हो उठती है। आंखें इसके जल से नहा के आनंद प्राप्त करती है । जुबान इसे कई रूपों में चख के आनंद को प्राप्त होती है। बदन इसकी महक से आकर्षण का केंद्र बन जाता है ।आवाज़ इससे पूरा दम ले लेती है। एक फूल कितने गुण ये मुझे बहुत लुभाते है। शिव मेरे ईष्ट है। मेरी श्रद्धा उनके चरणों में गुलाब स्वरूप चड़ जाती है।दूसरा कनेर पुष्प है पीला सफेद हल्का गुलाबी।।मेरे इष्ट को दूसरी भेंट। आज कल गुलाब की बहार आ चुकी है।आनंद लिया जा रहा है। फूल हज़ारों है। सब की पसंद अलग अलग। सब की खुशबू की चाहत अलग अलग। पर फूल एक खास बात लिए है। वो है आकर्षण दूसरा हमारी अभिव्यक्ति तीसरी हमारी श्रद्धा। आप बिना शब्द बोले एक प्रिय पुष्प के जरिये ये सब व्यक्त कर सकते है। सामने वाले को सम्मानित कर उसे आकर्षण में ले सकते है। गुलाब दुनिया में प्रेम की अभिव्यक्ति का सबसे अच्छा साधन बना हुआ है। आप भी इनसे प्यार करिये। ये पूर्ण जीवन दर्शन दे सकने में सक्षम है। इन्हें घर में लगाईये इन्हें सींचीये । इन्हें बढ़ता देखिये। और जब कालियाँ आने लगे तो इन्हें संवरता देखिये। आप एक खुशी महसूस करेंगे। घर में बगीचे को जैसा स्थान जितना स्थान सम्भव हो दें। एक छोटी बगिया लगाएं । खुद भी महके औरों को भी महकाएँ।
जय हिंद।
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शुभ रात्रि।
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🌹🙏🏼🎊🎊🎊😊🎊🎊🎊✍🏼🌹 आज एक रस्म पगड़ी में गया हमारे प्यारे गोपाल भैया की।बहुत अच्छे योगाभ्यासी थे।रोज सुबह योगा सेवा में योग की कक्षा भी लगाया करते थे।बहुत शुद्ध साफ निर्मल तबीयत के और बेहद अच्छे व्यक्तित्व के मालिक थे। उम्र रही तक़रीबन 56 साल।एक गम्भीर बीमारी ने एक जीवन असमया लील लिया।पारिवारिक संबंध है हमारे।उनके पुत्र को देख के मुझे 26 जुलाई 2009 की याद आ गयी।मेरे पिता जी की मृत्यु हुई और हमारे यहां रस्म पगड़ी तेहरवीं पे ही होती है।ये उत्तर भारत के रस्मों रिवाज का हिस्सा है।पिता के बाद घर मे ज्येष्ठ पुत्र को आधिकारिक रूप से परिवार का मुखिया बनाया जाता है।समाज के सामने और जो पगड़ी बांधी जाती है सारा समाज जो वहां उपस्थित होता है अपने स्पर्श से पगड़ी को अधिकार सौंपता है। थोड़ा संकलित ज्ञान इसपे ही हो जाये।रस्म पगड़ी - रस्म पगड़ी उत्तर भारत और पाकिस्तान के कुछ क्षेत्रों की एक सामाजिक रीति है, जिसका पालन हिन्दू, सिख और सभी धार्मिक समुदाय करते हैं। इस रिवाज में किसी परिवार के सब से अधिक उम्र वाले पुरुष की मृत्यु होने पर अगले सब से अधिक आयु वाले जीवित पुरुष के सर पर रस्मी तरीके से पगड़ी (जिस
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