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आज सुबह फल लेने बाजार जाना हुआ।सीधी नज़र पड़ी चेरी पे।पीली लाल लाल ताज़ा।आज कल चेरी बाजार में आ गई है।ये कश्मीर और हिमाचल में उगाई जाती है।मैंने पहले पहल शायद 1989 मैं इसके बाग देखे थे।खुद हाथ से पेड़ से तोड़कर कर खाई थी।जबसे इसका स्वाद मुह को लग गया।मेंहगा फल है।और इसकी आइस क्रीम शेक और मिठाई बनाने में इस्तेमाल किया जाता है।इसका मुरब्बा खाया जाता है।इसके बारे में कुछ जानकारी संकलित की है।आप के समक्ष है।
चेरी प्राचीन समय से ही उपयोग मे आता रहा है। कैस्पियन समुद्र के आस-पास के क्षेत्र और यूरोप में इसका आगमन सैकड़ों साल पहले हो चुका था तथा यूनान में इसकी खेती के ऐतिहासिक साक्ष्य मिलते हैं और आज के समय में चेरी विश्व भर में निर्यात होती है। भारत में चेरी का उपयोग अंग्रेजी काल के समय में माना जाता है और तब से लेकर अब तक भारत के अनेक क्षेत्रों में इसकी बाग़वानी कि जाती है। जम्मू-कश्मीर और मनाली में चेरी का उत्पादन मुख्य रुप से देखा जा सकता है।
प्रकृति के इस अनुपम फल में केवल खूबसूरती ही नहीं, फायदे भी है। इसे खाने से न केवल दिल के रोगी होने पर अंकुश लगता है, बल्कि कैंसर के खतरे भी कम होते है। चेरी में मेलाटोनिन नामक तत्व भरपूर मात्रा में होता है। यह तत्व हमारे शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करता है। चेरी में एंथोसाइनिन नामक लाल पिगमेंट भी पाया जाता है। यह एंटीऑक्सीडेट की तरह काम करता है। विटमिन सी और एंथोसाइनिन से हमारे शरीर में पाया जाने वाला कोलाजेन मजबूत होता है। डॉक्टरों का कहना है कि चेरी हृदयाघात व कैंसर के खतरे को 50 प्रतिशत कम कर देता है। यह आर्थराइटिस , गठिया और सिरदर्द के इलाज में भी सहायक है। इसके अलावा जी मिचलाने और उल्टी की शिकायत भी इस छोटे से फल से दूर हो सकती है। ब्रोंकाइटिस, अस्थमा और डायरिया के इलाज में भी चेरी मददगार होती है।डाइटीशियन चेरी को विटमिन सी और के का अच्छा स्त्रोत मानते है। इनमें थायमीन, राइबोफ्लैविन, विटमिन बी-6 और पैटोथेनिक अम्ल भी काफी मात्रा में होता है। इसमें नायसिन, फोलेट और विटमिन ए का भी अंश होता है। पोटेशियम और मैगनीज जैसे खनिजों से युक्त चेरी में कॉपर, आयरन, कैल्शियम और फास्फोरस भी संक्षिप्त मात्रा में होते है। 100 ग्राम चेरी में 63 कैलरी होती है। इसके फायदों को देखते हुए ही मई में चेरी डेजर्ट डे मनाया जाता है। रेशे से भरपूर चेरी में पानी और कार्बोहाइड्रेट होता है, लेकिन सैचुरेटेड वसा, कोलेस्ट्रॉल और सोडियम की मात्रा कम होती है।
भाइयो आज कल चेरी बहुतायत में बाजार में आई है।कुछ ही दिन रहेगी। अपने भोजन का अंग जब तक के लिए बनाइये।
जय हिंद।
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शुभ रात्रि।
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🌹🙏🏼🎊🎊🎊😊🎊🎊🎊✍🏼🌹 आज एक रस्म पगड़ी में गया हमारे प्यारे गोपाल भैया की।बहुत अच्छे योगाभ्यासी थे।रोज सुबह योगा सेवा में योग की कक्षा भी लगाया करते थे।बहुत शुद्ध साफ निर्मल तबीयत के और बेहद अच्छे व्यक्तित्व के मालिक थे। उम्र रही तक़रीबन 56 साल।एक गम्भीर बीमारी ने एक जीवन असमया लील लिया।पारिवारिक संबंध है हमारे।उनके पुत्र को देख के मुझे 26 जुलाई 2009 की याद आ गयी।मेरे पिता जी की मृत्यु हुई और हमारे यहां रस्म पगड़ी तेहरवीं पे ही होती है।ये उत्तर भारत के रस्मों रिवाज का हिस्सा है।पिता के बाद घर मे ज्येष्ठ पुत्र को आधिकारिक रूप से परिवार का मुखिया बनाया जाता है।समाज के सामने और जो पगड़ी बांधी जाती है सारा समाज जो वहां उपस्थित होता है अपने स्पर्श से पगड़ी को अधिकार सौंपता है। थोड़ा संकलित ज्ञान इसपे ही हो जाये।रस्म पगड़ी - रस्म पगड़ी उत्तर भारत और पाकिस्तान के कुछ क्षेत्रों की एक सामाजिक रीति है, जिसका पालन हिन्दू, सिख और सभी धार्मिक समुदाय करते हैं। इस रिवाज में किसी परिवार के सब से अधिक उम्र वाले पुरुष की मृत्यु होने पर अगले सब से अधिक आयु वाले जीवित पुरुष के सर पर रस्मी तरीके से पगड़ी (जिस
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