🌹🙏🏼🎊🎊🎊🎊🎊🎊🎊✍🏼🌹
गर्मियों में फलों की खूब बातें हुईं।गर्मियों में सब्ज़ियां भी खास है।कुछ तो बेहद खास और मेरी पसंदीदा।इसमे से भिंडी एक है।मुझे भिंडी नमक लालमिर्च हल्दी मसाले से भर के भून के खाने में बेहद अछी लगती है।फिर एक दिन मध्यप्रदेश के बुरहानपुर में कुरकुरी भिंडी खाने को मिली।वाह क्या स्वाद था।आज तक दुबारा नही खा सका।तीन चार बार वहीं खाई। भिंडी बहुत अलग अलग तरीके से खाई।फिर एक दिन बनखेड़ी मध्यप्रदेश में एक गुड़ बनाने के कोहलू भट्टी पे गये।वहां सूखी भिंडी के चूरे से गन्ने के उबलते रस को साफ किया जा रहा था।प्राकृतिक गुड़ पकाने में सफाई का तरीका।गरम गरम गुड़ खाया।भिंडी का नया इस्तेमाल सीखा।बहुत आनंद आया।सोचा आज चलो भिंडी पे ही ज्ञान संकलित किया जाये।लीजिये आप के समक्ष बेहद खास भिंडी। गर्मियों की सबसे बेहतर सब्ज़ी।घर के छोटी सी क्यारी मैं आप अपने लायक भिंडी लगा सकते है।तो भिंडी प्यारी भिंडी खास भिंडी।
भिंडी को इग्लिश में लेडीफिंगर के नाम से क्यों जाना जाता है, क्योंकि यह महिलाओं की उंगली के समान पतली लंबी होती है, जो महिलाओं के लिए भी अच्छी मानी गई है पर इसके अंदर छिपे गुणों के कारण इसका सेवन बहुतायात में किया जाता है। भारत में इसका सेवन आज के समय में अपनी फिटनेस को बनाए रखने के लिए भी किया जाने लगा है। भिंडी हमारे स्वास्थ के लिए काफी फायदेमंद होती है। क्योंकि इसमें पाये जानें वाले तत्व कई तरह की बीमारियों से छुटकारा दिलानें का काम करते हैं।
भिंडी में फाइबर, फोलेट, पायरीडॉक्सीन, थियामिन, विटामिन सी, विटामिन ए, तांबा, कैल्शियम, पोटेशियम, आयरन, मैग्नीशियम, मैंगनीज, जस्ता और फास्फोरस जैसे पौष्टिक तत्व पाए जाते है। जो हमारे शरीर के लिए उचित गुणवत्ता का काम करते हैं। भिंडी के कुछ खास फायदे।
1. वजन कम करने में सहायक
आज के समय में भिंडी का सेवन लोग अपने वजन को कम करने के लिए कर रहें हैं, इसलिये भिंडी लोगों की पहली पसंद बनती जा रही है। भिंडी फाइबर का एक समृद्ध स्रोत है, इसमें कैलोरी की मात्रा बहुत कम 30 किलो कैलोरी / 100 ग्राम मे मिलती है। इसमें पाया जाने वाला फाइबर परिपूर्णता का अहसास देता है और इसलिए व्यक्ति कम भोजन करता है।
2. दिल की हालत में सुधार
यह बात पूर्ण रूप से स्पष्ट है कि जब अपका वजन सही रहेगा तो आपके शरीर में होनें वाली बीमारीयां भी दूर रहेगी। आपके शरीर की दिल संबंधी बीमारीयों में भी स्वचालित रूप से सुधार होगा। भिंडी में फाइबर पेक्टिन नामक तत्व पाया जाता है जो खून से कोलेस्ट्रॉल को कम करने का काम करता है।
3. हाई ब्लड प्रेशर को ठीक करती है।भिंडी में eugenol फाइबर के गुण पाए जाते है जो शरीर के रक्त में शुगर को बढ़ने से रोकती है। इसके अलावा पाचन क्रिया को सुचारू रूप से चलानें में मदद करती है। पाचन और रक्त में शुगर की समस्या में इसका सेवन करना चाहिए।
4. पाचन को दुरुस्त करना
भिंडी के सेवन से हमारा पाचन तंत्र ठीक रहता है। भिंडी में उच्च मात्रा में फाइबर पाए जाते हैं जो हमारे पाचन तंत्र को ठीक करने में सहायक होते हैं। वहीं इसके सेवन से पेट की आंतों के सूजन में भी राहत मिलती है।
5. इसके सेवन से भ्रूण के विकास में मदद मिलती है।गर्भवती महिलाओं के लिए भिंडी का सेवन करना काफी फायदेमंद साबित होता है, इससे गर्भ में पल रहे बच्चे का विकास होता है। यह गर्भपात से बचाती है। यह माना जाता है कि जो महिलाओं के शरीर में फोलेट की एक पर्याप्त राशि नहीं होती है।उनको इसका सेवन करना चाहिए इससे बच्चा मानसिक रूप से मजबूत बनता है।
6.इसका माकूल सेवन प्रतिरोधक क्षमता बढ़ा देता है।भिंडी में विटामिन सी की भरपूर मात्रा होती है जो हमारे शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत बनाने का काम करती है।
7. एनीमिया कम करना भी इसकी एक खासियत है।
महिलाओं में अक्सर मासिक धर्म के दौरान ब्लड की कमी हो जाती है, इसकी पूर्ति करने के लिए भिंडी की सब्जी सबसे अच्छा स्त्रोत मानी गई है। भिंडी में पाये जानें वाले पोषक तत्व जैसे लोहा, फोलेट और विटामिन के, एनीमिया की रोकथाम के लिए काफी मदद करते है। इससे महिलाओं को शारीरिक कमजोरी भी दूर होती है।
8. स्वस्थ आंखों के लिए
भिंडी में विटामिन ए और बीटा कैरोटीन की भरपूर मात्रा पाई जाती है जो आंख की हर समस्याओं को दूर कर उन्हें स्वस्थ रखने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करती है।
9. रूसी और जूं से निजात दिलाना हैं तो भिंडी के साथ नींबू के रस को मिलाकर सिर पर लगाने से सिर की रूसी के साथ जूं से छुटकारा मिलता हैं।
कितने काम की चीज है ये भिंडी।इसका अपने खाने में गर्मियों में खास कर बहुदा उपयोग करें।अच्छा खायें स्वस्थ रहें।
जय हिंद।
****🙏🏼****✍🏼
शुभ रात्रि।
🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹
🌹🙏🏼🎊🎊🎊😊🎊🎊🎊✍🏼🌹 आज एक रस्म पगड़ी में गया हमारे प्यारे गोपाल भैया की।बहुत अच्छे योगाभ्यासी थे।रोज सुबह योगा सेवा में योग की कक्षा भी लगाया करते थे।बहुत शुद्ध साफ निर्मल तबीयत के और बेहद अच्छे व्यक्तित्व के मालिक थे। उम्र रही तक़रीबन 56 साल।एक गम्भीर बीमारी ने एक जीवन असमया लील लिया।पारिवारिक संबंध है हमारे।उनके पुत्र को देख के मुझे 26 जुलाई 2009 की याद आ गयी।मेरे पिता जी की मृत्यु हुई और हमारे यहां रस्म पगड़ी तेहरवीं पे ही होती है।ये उत्तर भारत के रस्मों रिवाज का हिस्सा है।पिता के बाद घर मे ज्येष्ठ पुत्र को आधिकारिक रूप से परिवार का मुखिया बनाया जाता है।समाज के सामने और जो पगड़ी बांधी जाती है सारा समाज जो वहां उपस्थित होता है अपने स्पर्श से पगड़ी को अधिकार सौंपता है। थोड़ा संकलित ज्ञान इसपे ही हो जाये।रस्म पगड़ी - रस्म पगड़ी उत्तर भारत और पाकिस्तान के कुछ क्षेत्रों की एक सामाजिक रीति है, जिसका पालन हिन्दू, सिख और सभी धार्मिक समुदाय करते हैं। इस रिवाज में किसी परिवार के सब से अधिक उम्र वाले पुरुष की मृत्यु होने पर अगले सब से अधिक आयु वाले जीवित पुरुष के सर पर रस्मी तरीके से पगड़ी (जिस
Comments
Post a Comment