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पूरे साल बहुतायत में मिलने और पैदा होने वाली सब्ज़ी है शिमला मिर्च।खूब हरी कच्ची भी स्वादिष्ट।सलाद का अहम हिस्सा।आलू शिमला मिर्च के स्वाद का क्या कहना।प्याज़ के मसाले की भरवां मिर्च ।बेसन में बनी कुरकुरी सी मिर्च।कुछ न पूछो जी।एक खास स्वाद लिए होती है।सब्ज़ियों मैं राजा सी लगती है।आइये संकलित जानकारी आप से सांझा की जाये।
शिमला मिर्च, मिर्च की ही एक प्रजाति है जिसका प्रयोग भोजन में सब्जी की तरह किया जाता है। अंग्रेज़ी मे इसे कैप्सिकम (जो इसका वंश भी है) या पैपर भी कहा जाता है। मूलत: यह सब्जी दक्षिण अमेरिका महाद्वीप की है जहाँ ऐसे साक्ष्य मिलते हैं कि इसकी खेती लगभग पिछले 3000 सालों से की जा रही है। शिमला मिर्च एक ऐसी सब्जी है जिसे सलाद या सब्जी के रूप में खाया जा सकता है। बाजार में शिमला मिर्च लाल, हरी या पीले रंग की मिलती है। चाहे शिमला मिर्च किसी भी रंग की हो लेकिन उसमें विटामिन सी, विटामिन ए और बीटा कैरोटीन भरा होता है। इसके अंदर बिल्कुल भी कैलोरी नहीं होती इसलिये यह खराब कोलेस्ट्रॉल को नहीं बढ़ाती। साथ ही यह वजन को स्थिर बनाये रखने के लिये भी योग्य है।
लाल, हरे और पीले रंग में मिलनेवाली शिमला मिर्च स्वास्थ्य के लिहाज से बहुत फायदेमंद होती है. विटामिन सी से भरपूर ये मिर्च विटामिन ए और बीटा-कैरोटीन का भी एक प्रमुख सोर्स है.मुख्य रूप से सब्जी, नूडल्स और गार्निशिंग के लिए इस्तेमाल होने वाली शिमला मिर्च को कई लोग सलाद के रूप में भी खाना पसंद करते हैं. शिमला मिर्च में कैलोरी ना के बराबर होती है। जिससे कोलेस्ट्रॉल बढ़ नहीं पाता है. इसके अलावा शिमला मिर्च के और भी ढेरों फायदे हैं:
1. मेटाबॉलिज्म बढ़ाने में मददगार है।अगर आप वजन घटाने को लेकर फिक्रमंद हैं तो शिमला मिर्च आपके लिए बहुत ही अधिक फायदेमंद है. इसमें बहुत ही कम मात्रा में कैलोरी होती है जो वजन घटाने में मददगार है. इससे मेटाबोलिज्म की प्रक्रिया बढ़ती है. कैलोरीज बर्न करने के साथ ही ये कोलेस्ट्राल का स्तर बढ़ने नहीं देता है.
2. एंटी ऑक्सीडेंट गुण
विटामिन ए और सी से भरपूर शिमला मिर्च एंटीऑक्सीडेंट्स का एक बहुत अच्छा माध्यम है. साथ ही दिल से जुड़ी बीमारियों, अस्थमा और मोतियाबिंद से बचाव में भी ये काफी फायदेमंद है.
3. कैंसर से बचाव में
ऐसा माना जाता है कि शिमला मिर्च कैंसर से बचाव में भी काफी फायदेमंद है. ये कैंसर सेल्स को विकसित नहीं होने देता है. ऐसा माना जाता है कि हर रोज किसी न किसी रूप में शिमला मिर्च का सेवन करने से कैंसर होने के चांसेज बहुत कम हो जाते हैं.
4. दर्द में आराम
शिमला मिर्च में ऐसे तत्व पाए जाते हैं जो त्वचा से दर्द को स्पाइनल कॉर्ड तक जाने नहीं देता है. साथ ही इसमें मौजूद बहुत से तत्व नेचुरल पेनकिलर की तरह काम करते हैं.
5. इम्यूनिटी बढ़ाने में कारगर
विटामिन सी से भरपूर होने की वजह से संक्रामक रोगों से लड़ने में भी मदद करता है. ये रोग-प्रतिरक्षा को भी बढ़ाने में कारगर है. लंग इंफेक्शन, अस्थमा में भी ये फायदेमंद
मित्रो अपने सलाद टोस्ट आलू के परांठों में इसका प्रयोग कीजिये।सब्ज़ी बनाइये।और सप्ताह में हों सके तो एक बार जरूर खाइये।आप की सेहत का पिटारा भी हो सकती है ये शिमला मिर्च।
जय हिंद।
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शुभ रात्रि।
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🌹🙏🏼🎊🎊🎊😊🎊🎊🎊✍🏼🌹 आज एक रस्म पगड़ी में गया हमारे प्यारे गोपाल भैया की।बहुत अच्छे योगाभ्यासी थे।रोज सुबह योगा सेवा में योग की कक्षा भी लगाया करते थे।बहुत शुद्ध साफ निर्मल तबीयत के और बेहद अच्छे व्यक्तित्व के मालिक थे। उम्र रही तक़रीबन 56 साल।एक गम्भीर बीमारी ने एक जीवन असमया लील लिया।पारिवारिक संबंध है हमारे।उनके पुत्र को देख के मुझे 26 जुलाई 2009 की याद आ गयी।मेरे पिता जी की मृत्यु हुई और हमारे यहां रस्म पगड़ी तेहरवीं पे ही होती है।ये उत्तर भारत के रस्मों रिवाज का हिस्सा है।पिता के बाद घर मे ज्येष्ठ पुत्र को आधिकारिक रूप से परिवार का मुखिया बनाया जाता है।समाज के सामने और जो पगड़ी बांधी जाती है सारा समाज जो वहां उपस्थित होता है अपने स्पर्श से पगड़ी को अधिकार सौंपता है। थोड़ा संकलित ज्ञान इसपे ही हो जाये।रस्म पगड़ी - रस्म पगड़ी उत्तर भारत और पाकिस्तान के कुछ क्षेत्रों की एक सामाजिक रीति है, जिसका पालन हिन्दू, सिख और सभी धार्मिक समुदाय करते हैं। इस रिवाज में किसी परिवार के सब से अधिक उम्र वाले पुरुष की मृत्यु होने पर अगले सब से अधिक आयु वाले जीवित पुरुष के सर पर रस्मी तरीके से पगड़ी (जिस
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