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गुलाब मुझे बहुत भाते है ।आज परिवार के साथ कुछ पौधे लेने नर्सरी गया।वहां देसी गुलाब ढूंढे।बातों बातों में पता चला ये हमारी बिटिया को भी बहुत भाते है।गुलाब बहुत से रंगों में पाये जाते है।नये रंग ईजाद हो ही रहे है।चलो आज कुछ रंग के गुलाबों का मतलब या ये क्या कहते है बताया जाये....
रेड रोज : अगर आप रेड रोज पसंद करते है तो इसका मतलब है आप बहुत रोमांटिक हैं।अपने प्यार को दर्शाने का बेहतर जरिया रेड रोज ही है। आप किसी से सच्चा प्यार करते हैं और उसे इस बात का एहसास कराना चाहते हैं तो जरूर लाल गुलाब जरूर भेंट करें।
येलो रोज : यह गुलाब दोस्ती का चिन्ह माना जाता है। यदि आप किसी से दोस्ती करना चाहते हैं तो उसे पीला गुलाब दें। ये दोस्ती की शुरुआत करने के लिए अच्छाब माना जाता है। साथ ही ये खुशहाली लाता है और किसी को 'गेट वेल सून' कहने के लिए सबसे अच्छा तराका है।
व्हाइट रोज : व्हाइट रोज शुद्धता, मासूमियत और बिना शर्त प्यार को दर्शाता है। आप ने ब्राइड्स को सफेद गुलाब ले जाते हुये देखा होगा। ये प्रतीक है कि आप अगर आप अपने किसी प्रियजन को सॉरी कहना चाहते हैं तो वाइट रोज से अच्छा कुछ नहीं हो सकता है। अपने बेस्ट फ्रेंड को या नई दुल्हन को सफेद गुलाब दे सकते हैं।
पिंक रोज : पिंक रोज किसी की तारीफ और प्रशंसा के लिए दिया जाता है। वह आपका बेस्ट फ्रेंड, मंगेतर या कोई भी हो सकता है।
ग्रीन रोज : ग्रीन रोज सुख, संपत्ति, उपज का प्रतीक होता है। ये फूल आप उस करीबी को गिफ्ट कर सकते हैं, जिसे आप जीवन में कामयाबी की बुलंदी पर पहुंचाना चाहते हैं।
ऑरेंज रोज : ऑरेंज रोज आपके मोह और उत्साह को दर्शाता है। इसलिए अपने जज्बात को एक्सप्रेस करने का यह भी एक अच्छा मीडियम बनता है।
ब्लैक रोज : काले रंग का गुलाब भी आपकी फिलिंग दिखाता है। यह गुलाब आपकी दुश्मनी को दर्शाता है। इसलिए बेहतर होगा कि आप इसे अवॉइड करें।
ब्लू रोज : नीला गुलाब प्राकृतिक रूप से तैयार नहीं होता है। इसे बनाया जाता है। नीला रंग आप को शांति और सौम्यता प्रदान करता है।
बैंगनी रोज : बैंगनी गुलाब रॉयल्टी दर्शाता है। बैंगनी गुलाब के फूलब के साथ भ्रमित नहीं होना चाहिए। लैवेंडर गुलाब पहली नजर या आकर्षण पर प्यार का इजहार करने के लिए भी होता है। आप जिसे प्यार करते हैं और कह नहीं पा रहे हैं उसे बैंगनी रंग के गुलाब भेजीये वो आप की बात समझ जायेगी।
दोस्तो गुलाब भी जिंदगी के फ़लसफ़े लिखता है।ना मानो तो इस्तेमाल कर के देखो।
जय हिंद।
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शुभ रात्रि।
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🌹🙏🏼🎊🎊🎊😊🎊🎊🎊✍🏼🌹 आज एक रस्म पगड़ी में गया हमारे प्यारे गोपाल भैया की।बहुत अच्छे योगाभ्यासी थे।रोज सुबह योगा सेवा में योग की कक्षा भी लगाया करते थे।बहुत शुद्ध साफ निर्मल तबीयत के और बेहद अच्छे व्यक्तित्व के मालिक थे। उम्र रही तक़रीबन 56 साल।एक गम्भीर बीमारी ने एक जीवन असमया लील लिया।पारिवारिक संबंध है हमारे।उनके पुत्र को देख के मुझे 26 जुलाई 2009 की याद आ गयी।मेरे पिता जी की मृत्यु हुई और हमारे यहां रस्म पगड़ी तेहरवीं पे ही होती है।ये उत्तर भारत के रस्मों रिवाज का हिस्सा है।पिता के बाद घर मे ज्येष्ठ पुत्र को आधिकारिक रूप से परिवार का मुखिया बनाया जाता है।समाज के सामने और जो पगड़ी बांधी जाती है सारा समाज जो वहां उपस्थित होता है अपने स्पर्श से पगड़ी को अधिकार सौंपता है। थोड़ा संकलित ज्ञान इसपे ही हो जाये।रस्म पगड़ी - रस्म पगड़ी उत्तर भारत और पाकिस्तान के कुछ क्षेत्रों की एक सामाजिक रीति है, जिसका पालन हिन्दू, सिख और सभी धार्मिक समुदाय करते हैं। इस रिवाज में किसी परिवार के सब से अधिक उम्र वाले पुरुष की मृत्यु होने पर अगले सब से अधिक आयु वाले जीवित पुरुष के सर पर रस्मी तरीके से पगड़ी (जिस
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