🌹🙏🏼❣❣❣❣🇮🇳❣❣❣❣✍🏼🌹
तमाशा देखो दुनिया का ये दुनिया पूरी फरेबी बनी हुई है।
तमाशा देखो कुछ दोस्तों का ये बेहद मतलबी से हो गये है।।
तमाशा देखो कुछ अपनो का ये ईर्षा से पटे हुए है।
तमाशा देखो उस संतरी का जिसके रहते सब तरफ चोर लगे हुए है।।
तमाशा देखो आफिस में सहकर्मियों का बस टांग खींचने में ही लगे हुए है।
तमाशा देखो दुकानदार का आज ही सब लूटने का ख्याल लिए है।।
तमाशा देखो राजनेता का झूठ पे झूठ बोलने पे जोर शोर से लगे हुए है।
तमाशा देखो सरकारी बाबू का जेब लूट खसोट से भरने लगे हुए है।।
तमाशा देखो मंत्री का लाल बघी के लिए ही जैसे बस पैदा हुए है।
तमाशा देखो आज की फ़िल्मी अप्सराओं का उतारने के होड़ लगी हुई है।।
तमाशा देखो मी टू का आज कल तो सबकी वाट जोर शोर से लगी हुई है।
तमाशा देखो समाचार चैनलों का झूठ बकने की शर्त लगी हुई है।।
तमाशा देखो राजनीतिक भिखारियों का चंदा मांगने की होड़ लगी हुई है।
तमाशा देखो लखनऊ के नवाब का पीक फेकने की लगी हुई है।।
तमाशा देखो योगियों का भोग की सबसे ज्यादा लगी हुई है।
तमाशा देखो पत्रकारों का सब पे कालिख मल अपने चमकाने की लगी हुई है।।
तमाशा देखो पंडित का हर कुंडली अड़चन देने में लगी हुई है।
तमाशा देखो हरिजनों का बस नीचा रहने में ही भलाई नज़र आने लगी है।।
बहुत तमाशे है दुनिया मे देखने केे भाई जहां दिखे मजे लिए जाओ।
ख्याल रहे दुनिया बहुत खराब कल कहीं तुम ही तमाशा न बन जाओ।।
जय हिंद।
****🙏🏼****✍🏼
शुभ रात्रि।
🌹🌹🌹🌹🌹❣🌹🌹🌹🌹🌹
🌹🙏🏼🎊🎊🎊😊🎊🎊🎊✍🏼🌹 आज एक रस्म पगड़ी में गया हमारे प्यारे गोपाल भैया की।बहुत अच्छे योगाभ्यासी थे।रोज सुबह योगा सेवा में योग की कक्षा भी लगाया करते थे।बहुत शुद्ध साफ निर्मल तबीयत के और बेहद अच्छे व्यक्तित्व के मालिक थे। उम्र रही तक़रीबन 56 साल।एक गम्भीर बीमारी ने एक जीवन असमया लील लिया।पारिवारिक संबंध है हमारे।उनके पुत्र को देख के मुझे 26 जुलाई 2009 की याद आ गयी।मेरे पिता जी की मृत्यु हुई और हमारे यहां रस्म पगड़ी तेहरवीं पे ही होती है।ये उत्तर भारत के रस्मों रिवाज का हिस्सा है।पिता के बाद घर मे ज्येष्ठ पुत्र को आधिकारिक रूप से परिवार का मुखिया बनाया जाता है।समाज के सामने और जो पगड़ी बांधी जाती है सारा समाज जो वहां उपस्थित होता है अपने स्पर्श से पगड़ी को अधिकार सौंपता है। थोड़ा संकलित ज्ञान इसपे ही हो जाये।रस्म पगड़ी - रस्म पगड़ी उत्तर भारत और पाकिस्तान के कुछ क्षेत्रों की एक सामाजिक रीति है, जिसका पालन हिन्दू, सिख और सभी धार्मिक समुदाय करते हैं। इस रिवाज में किसी परिवार के सब से अधिक उम्र वाले पुरुष की मृत्यु होने पर अगले सब से अधिक आयु वाले जीवित पुरुष के सर पर रस्मी तरीके से पगड़ी (जिस
Comments
Post a Comment