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आप के आने से सारी बहार है।
आप के आने से सारी खुशियां बरकरार है।
आप के आने से सब ख्वाब हसीन है।
आप के आने से सब बागों में निखार है।
आप के आने से सब रिश्ते खुशगवार है।
आप के आने से रातें रंगीन है
आप के आने से सुबह हसीन है।
आप के आने से दिन बेहतरीन है।
आप के आने से मौसम बना हुआ है।
आप के आने से सब और महक छाई है।
आप के आने अब मन चंचल है।
आप के आने से सोच भी निर्मल है।
आप के आने से दिल का अदब कायम है।
आप के आने से दिमाग बेहद शांत है।
आप के आने से हरअंग में स्फूर्ति है।
आप के आने से आंखों में चमक आ गयी है।
आप के आने से दिल की धड़कन बढ़ गईं है।
आप के आने से सांसे कुछ तेज़ हो गयी है।
आप के आने से तस्सली बढ़ गयी है।
आप के आने से खुशी घर कर गयी है।
आप के आने से मदहोशी छाने लगी है।
आप के आने से कुछ गीत फूट रहे है।
आप के आने से अंदाज़ शायरी हो गयी है।
आप के आने से सारी दुनिया हसीन हुई है।
न सोची के तुम किंतनी एहमियत रखती हो।
कहूँ तो सारी दुनिया की नेमतें तुम से ही है।
जय हिंद।
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शुभ रात्रि।
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🌹🙏🏼🎊🎊🎊😊🎊🎊🎊✍🏼🌹 आज एक रस्म पगड़ी में गया हमारे प्यारे गोपाल भैया की।बहुत अच्छे योगाभ्यासी थे।रोज सुबह योगा सेवा में योग की कक्षा भी लगाया करते थे।बहुत शुद्ध साफ निर्मल तबीयत के और बेहद अच्छे व्यक्तित्व के मालिक थे। उम्र रही तक़रीबन 56 साल।एक गम्भीर बीमारी ने एक जीवन असमया लील लिया।पारिवारिक संबंध है हमारे।उनके पुत्र को देख के मुझे 26 जुलाई 2009 की याद आ गयी।मेरे पिता जी की मृत्यु हुई और हमारे यहां रस्म पगड़ी तेहरवीं पे ही होती है।ये उत्तर भारत के रस्मों रिवाज का हिस्सा है।पिता के बाद घर मे ज्येष्ठ पुत्र को आधिकारिक रूप से परिवार का मुखिया बनाया जाता है।समाज के सामने और जो पगड़ी बांधी जाती है सारा समाज जो वहां उपस्थित होता है अपने स्पर्श से पगड़ी को अधिकार सौंपता है। थोड़ा संकलित ज्ञान इसपे ही हो जाये।रस्म पगड़ी - रस्म पगड़ी उत्तर भारत और पाकिस्तान के कुछ क्षेत्रों की एक सामाजिक रीति है, जिसका पालन हिन्दू, सिख और सभी धार्मिक समुदाय करते हैं। इस रिवाज में किसी परिवार के सब से अधिक उम्र वाले पुरुष की मृत्यु होने पर अगले सब से अधिक आयु वाले जीवित पुरुष के सर पर रस्मी तरीके से पगड़ी (जिस
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