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दिल की आवाज़।

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ख्याल आते ही उनके यू गुनगुनाते है हम।
दिल की आवाज़ तुमको यू सुनाते है हम।।
तेरे दीदार की चाह में ये ख्वाब लेते है हम।
आवाज़ दिल से निकलती गुनगुनाते हम।।
तेरे आने की महक महसूस कर लेते हम।
तेरी आहट से कुछ इस तरह रूबरू है हम।।
रूह से आवाज़ निकलती सुन लेती हो तुम।
दिल से दिल की आवाज़ पकड़ लेती हो तुम।।
क्या कहें दिल में कितने करीब बसी हो तुम।
वहां हल्की सी आहट होते सुन लेते है हम।।
ये मंजर भी कुछ हसीन है लुत्फ लेते है हम।
हर पल दिल में नज़रों से जी लेते हैं हम।।
मंज़िलें में तेरी जरूरत से बाबस्ता में है हम।
राहें मुश्किल हो तेरे साथ पा ही लेँगे हम।।
तुम महसूस कर रही हो जो कह रहे है हम।
पता है बोल नही पाते बस जता पाते है हम।।
ख्वाइशों की लंबी फेरिस्त तुमको दे रहें हम।
सोचते है नहीं ठुकराए जाएंगे कभी हम ।।
बहुत बार दिल मे आया कह पाएंगे क्या हम।
ये सोचते सोचते आज लिख ही डाले हम।।
ये शब्द नही दिल की आवाज़ है हमदम।
सोचते इस राह ही सही तेरे पास पहुंचे हम।।
ख्याल आते ही तुम्हारा यू गुनगुनाते है हम।
दिल की आवाज़ तुझे कुछ यू सुनाते है हम।

दोस्तो ये शब्द बहुत से खूबसूरत लम्हे संजोय है इसलिए कभी कभी आप को कुछ कवित के माध्यम से कह लेते है हम।अच्छा लगे तो आगे कुछ अपने खास को बढ़ाइए वरना डिलीट मार भूल जाइए।

जय हिंद।
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शुभ रात्रि।
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