🌹🙏🏼❣❣❣❣🇮🇳❣❣❣❣✍🏼🌹
ये होश बहुत बदतमीज है कमबख्त गुमते खो जाते है।
जब भी किसी खूबसूरत बला को देखते खो जाते है।
जब भी कोई गलती से तारीफ कर दे खो जाते है।
जब कोई सफलता हाथ लगे बेचारे खोने लगते है।
जब भी कोई प्यार दे कमबख्त खोने को होते है।
जब कभी खुशियाँ अनायास बरस जाये ससुरे खो जाते है।
जब कभी तनहाइयों में कोई साथ मिल जाये खो जातेे है।
बीवी डांट जाये तो बस होश भागने को होते है।
बॉस से उलझ डांट खाये तो होश पैदल हो लेते है।
जीवन में पहला पुरस्कार मिलते ही खोने को होते है।
जैसे ही प्रसिद्धि हाथ लगती है जाने कहाँ घांस चरने चले जाते है।
फिर मंदिर के ढोल मंजीरे बजते है और ये फिर कही गुम हो जाते है।
जब कभी सुंदरता से मुलाकात होती है ये लंबे समय गुमें रहते है।
जब कभी उत्कृष्ट कार्य सम्पन्न होता है ये भागने को होते है।
बहुत से लम्हे है जहां इन्हें गुमने का बहुत शौक होता है।
फिर माँ का एक तमाचा आता है और अक्ल कमबख्त ठिकाने आ लगती है।
रही सही कसर पिता के सर्राटे दार थपड से पूरी होती है।
ऐसे में होश गुमना तो दूर अक्ल भी ठिकाने पे आ रहती है।
फिर भी कभी कभी ये होश बहुत बदतमीज है कमबख्त गुमते खो जाते है।
जय हिंद।
💫****🙏🏼****✍🏼
शुभ रात्रि।
🌹🌹🌹🌹🌹❣🌹🌹🌹🌹🌹
🌹🙏🏼🎊🎊🎊😊🎊🎊🎊✍🏼🌹 आज एक रस्म पगड़ी में गया हमारे प्यारे गोपाल भैया की।बहुत अच्छे योगाभ्यासी थे।रोज सुबह योगा सेवा में योग की कक्षा भी लगाया करते थे।बहुत शुद्ध साफ निर्मल तबीयत के और बेहद अच्छे व्यक्तित्व के मालिक थे। उम्र रही तक़रीबन 56 साल।एक गम्भीर बीमारी ने एक जीवन असमया लील लिया।पारिवारिक संबंध है हमारे।उनके पुत्र को देख के मुझे 26 जुलाई 2009 की याद आ गयी।मेरे पिता जी की मृत्यु हुई और हमारे यहां रस्म पगड़ी तेहरवीं पे ही होती है।ये उत्तर भारत के रस्मों रिवाज का हिस्सा है।पिता के बाद घर मे ज्येष्ठ पुत्र को आधिकारिक रूप से परिवार का मुखिया बनाया जाता है।समाज के सामने और जो पगड़ी बांधी जाती है सारा समाज जो वहां उपस्थित होता है अपने स्पर्श से पगड़ी को अधिकार सौंपता है। थोड़ा संकलित ज्ञान इसपे ही हो जाये।रस्म पगड़ी - रस्म पगड़ी उत्तर भारत और पाकिस्तान के कुछ क्षेत्रों की एक सामाजिक रीति है, जिसका पालन हिन्दू, सिख और सभी धार्मिक समुदाय करते हैं। इस रिवाज में किसी परिवार के सब से अधिक उम्र वाले पुरुष की मृत्यु होने पर अगले सब से अधिक आयु वाले जीवित पुरुष के सर पर रस्मी तरीके से पगड़ी (जिस
Comments
Post a Comment