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कभी कभी फूलों से ये मन महक जाता है।
सुंदरता उनकी बस निहारने को मन कर जाता है।
क्या खूबसूरत कृतियों का सृजन प्रकृति से होता है।
हर एक पंखुड़ी कुछ नायाब खूबसूरत सी होती है।
तराशी भी ऐसी की बिल्कुल बराबर होती है।
न जाने कितने रंगों से ये पुष्पों की प्रकृति रँगी है।
हर एक पुष्प कुछ नायाब सा दिखता है।
मन मेरा उसमे छुपी नायाब आकृतियां ढूंढता है।
रंगों में संवरी खूबसूरत खुशबुओं से भरी अमृत थाली ये है।
आज का मौसम इनसे कुछ खुशगवार हुआ जाता है।
कुछ रात मे महके कुछ भोर को महके कुछ दिन में चहके।
सब अपनी अपनी जिंदगी खूबसूरती से जी रहे है हसीन होकर।
कुछ घर मे सजते कुछ मंदिर में चढ़ते कुछ बारात में लगते।
हर त्योहार इनको है भाता इनके बिना ना खुदा ना दिन खुश होता।
जब मलिन इसको तोड़ती गूंथती माला का रूप देती देवो के गले जा बसती।
ये कभी नेता कभी अभिनेता कभी जवान कभी शहीद तो कभी शिक्षक को शोभा देते।
ये कभी शामियाने में सजते कभी इमारतें सजती इनकी खूबसूरती अपना करती।
न जाने ईश्वर ने कब इनकी ईजाद कर डाली।
क्या वो मंजर होगा जब खुदा इनको बनाने का ख्वाब देखता होगा।
हम इंसानों में खूबसूरती महकाने का जरिया ढूंढता होगा।
और एक खूबसूरत भांति भांति के फूलों की माला पिरोकर हमे सौंपता होगा।
येही महक सुंदरता समरसता जीवन दर्शाती है।
क्यों न महके सजे और खूबसूरत लगे ये समझाती है।
जय हिंद।
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शुभ रात्रि।
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🌹🙏🏼🎊🎊🎊😊🎊🎊🎊✍🏼🌹 आज एक रस्म पगड़ी में गया हमारे प्यारे गोपाल भैया की।बहुत अच्छे योगाभ्यासी थे।रोज सुबह योगा सेवा में योग की कक्षा भी लगाया करते थे।बहुत शुद्ध साफ निर्मल तबीयत के और बेहद अच्छे व्यक्तित्व के मालिक थे। उम्र रही तक़रीबन 56 साल।एक गम्भीर बीमारी ने एक जीवन असमया लील लिया।पारिवारिक संबंध है हमारे।उनके पुत्र को देख के मुझे 26 जुलाई 2009 की याद आ गयी।मेरे पिता जी की मृत्यु हुई और हमारे यहां रस्म पगड़ी तेहरवीं पे ही होती है।ये उत्तर भारत के रस्मों रिवाज का हिस्सा है।पिता के बाद घर मे ज्येष्ठ पुत्र को आधिकारिक रूप से परिवार का मुखिया बनाया जाता है।समाज के सामने और जो पगड़ी बांधी जाती है सारा समाज जो वहां उपस्थित होता है अपने स्पर्श से पगड़ी को अधिकार सौंपता है। थोड़ा संकलित ज्ञान इसपे ही हो जाये।रस्म पगड़ी - रस्म पगड़ी उत्तर भारत और पाकिस्तान के कुछ क्षेत्रों की एक सामाजिक रीति है, जिसका पालन हिन्दू, सिख और सभी धार्मिक समुदाय करते हैं। इस रिवाज में किसी परिवार के सब से अधिक उम्र वाले पुरुष की मृत्यु होने पर अगले सब से अधिक आयु वाले जीवित पुरुष के सर पर रस्मी तरीके से पगड़ी (जिस
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