🌹🙏🏼❣❣❣❣🇮🇳❣❣❣❣✍🏼🌹
आज कल सेल्फी लेने का जबरदस्त दौर है।
जिसे देखो जिधर देखो सेल्फी ले रहा है।
कोई मोटर साईकल चलाते कोई कार में।
कोई स्टाइल लेने के लिये सेल्फी ले रहा है।
खूब ठंड हो रही है और शादियों की महफिलें सजी है।
कैमरे भी चालू है परवाह किसको पड़ी है।
एक दौर था फोटू खिंचवाने को लाइन लगती थी।
दस्तक की गवाह फोटू ही बस होती थी।
एल्बम बनती थी कई दिन देखी जाती थी।
क्या दौर आया है इनकी जैसे विदाई सी हो गयी है।
हर एक यहां अपनी सेल्फी अपने अंदाज में ले रहा है।
कुछ तो सर्दी में भी मौसम जरा गर्म मौसम का लुत्फ ले रहे है।
तरह तरह के पोज़ बनाके सब सेल्फी ले रहे है।
क्या बच्चे क्या जवान क्या अधेड़ क्या बूढ़े सब सेल्फी के क्रेजी लग रहे है।
दूल्हा दुल्हन अपनी मौज बाकी सब अपनी मौज ले रहे है।
ये तो शादी की बात थी आज कल तो हर पल सेल्फी हो रहा है।
जहां तहां फेसबुक इंस्टा पे लोड हो रहा है।
लोग लाइको को लाइन लगा रहे है।
वो अलग बात है औरतों को ज्यादा मर्दो को कम आ रहे है।
सेल्फी के लिए लोग बेहद क्रेजी हो रहे है।
हर खतरा अपना जीवन दाव पर लगा मोल ले रहे है।
कोई पुल पे कोई पटरी पे जिंदगी के खतरों से खेल रहे है।
सेल्फी का जबरदस्त क्रेज है भाई सब लुत्फ ले रहे है।
हर पल कैमरे में कैद कर रहे है कल हो न हो ये समझ रहे है।
कुछ यादें सदा ले लिये किसी कोने में लोड कर रहे है।
जब मन आये तब आप पाएं ऐसी व्यवस्था अपने लिए कर रहे है।
आज कल सेल्फी का जबरदस्त दौर है।
जिसे देखो जिधर देखो सेल्फी ले रहा हैं।
आप भी लीजिये लीजिये भाई..
जय हिंद।
💫****🙏🏼****✍🏼
शुभ रात्रि।
🌹🌹🌹🌹🌹❣🌹🌹🌹🌹🌹
🌹🙏🏼🎊🎊🎊😊🎊🎊🎊✍🏼🌹 आज एक रस्म पगड़ी में गया हमारे प्यारे गोपाल भैया की।बहुत अच्छे योगाभ्यासी थे।रोज सुबह योगा सेवा में योग की कक्षा भी लगाया करते थे।बहुत शुद्ध साफ निर्मल तबीयत के और बेहद अच्छे व्यक्तित्व के मालिक थे। उम्र रही तक़रीबन 56 साल।एक गम्भीर बीमारी ने एक जीवन असमया लील लिया।पारिवारिक संबंध है हमारे।उनके पुत्र को देख के मुझे 26 जुलाई 2009 की याद आ गयी।मेरे पिता जी की मृत्यु हुई और हमारे यहां रस्म पगड़ी तेहरवीं पे ही होती है।ये उत्तर भारत के रस्मों रिवाज का हिस्सा है।पिता के बाद घर मे ज्येष्ठ पुत्र को आधिकारिक रूप से परिवार का मुखिया बनाया जाता है।समाज के सामने और जो पगड़ी बांधी जाती है सारा समाज जो वहां उपस्थित होता है अपने स्पर्श से पगड़ी को अधिकार सौंपता है। थोड़ा संकलित ज्ञान इसपे ही हो जाये।रस्म पगड़ी - रस्म पगड़ी उत्तर भारत और पाकिस्तान के कुछ क्षेत्रों की एक सामाजिक रीति है, जिसका पालन हिन्दू, सिख और सभी धार्मिक समुदाय करते हैं। इस रिवाज में किसी परिवार के सब से अधिक उम्र वाले पुरुष की मृत्यु होने पर अगले सब से अधिक आयु वाले जीवित पुरुष के सर पर रस्मी तरीके से पगड़ी (जिस
Comments
Post a Comment