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कुछ दोस्त खास होते है उनके अंदाज़ बेहद खास होते है।
उनकी पसंद नपसंद के बहुतेरे राज होते है।
उनकी मर्जी के ख्याल भी बेहिसाब होते है।
उनके अंदाज़े बयां भी बेमिसाल होते है।
उनके रूठने के तरीके भी लाजवाब होते है।
उनके मूड के भी कुछ खास मूड होते है।
उनके चलने के अंदाज़ में भी कुछ खास होता है।
उनकी बहस और वो बेहद खासम खास होते है।
उनसे जुड़े हर सवाल कुछ बेहतरीन तर्क लिये होते है।
उनकी दस्तक हमेशा ही मुस्कुराहट लिए होती है।
उनसे मिले रिश्ते सदा वजन लिये रहते है।
उनसे जुड़ी कहानियां जिंदगी से लबरेज होती है।
उनसे बहुत से मर्जों को आराम आता है।
कुछ दोस्त खास होते है उनके अंदाज़ बेहद खास होते है।
ये हम सोचते है इसमे तुम्हारा क्या जाता है।
दोस्ती ऐसी ही ये मेरा तकाज़ा है।
इसमे किसी का या मेरा क्या जाता है।
जय हिंद।
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शुभ रात्रि।
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🌹🙏🏼🎊🎊🎊😊🎊🎊🎊✍🏼🌹 आज एक रस्म पगड़ी में गया हमारे प्यारे गोपाल भैया की।बहुत अच्छे योगाभ्यासी थे।रोज सुबह योगा सेवा में योग की कक्षा भी लगाया करते थे।बहुत शुद्ध साफ निर्मल तबीयत के और बेहद अच्छे व्यक्तित्व के मालिक थे। उम्र रही तक़रीबन 56 साल।एक गम्भीर बीमारी ने एक जीवन असमया लील लिया।पारिवारिक संबंध है हमारे।उनके पुत्र को देख के मुझे 26 जुलाई 2009 की याद आ गयी।मेरे पिता जी की मृत्यु हुई और हमारे यहां रस्म पगड़ी तेहरवीं पे ही होती है।ये उत्तर भारत के रस्मों रिवाज का हिस्सा है।पिता के बाद घर मे ज्येष्ठ पुत्र को आधिकारिक रूप से परिवार का मुखिया बनाया जाता है।समाज के सामने और जो पगड़ी बांधी जाती है सारा समाज जो वहां उपस्थित होता है अपने स्पर्श से पगड़ी को अधिकार सौंपता है। थोड़ा संकलित ज्ञान इसपे ही हो जाये।रस्म पगड़ी - रस्म पगड़ी उत्तर भारत और पाकिस्तान के कुछ क्षेत्रों की एक सामाजिक रीति है, जिसका पालन हिन्दू, सिख और सभी धार्मिक समुदाय करते हैं। इस रिवाज में किसी परिवार के सब से अधिक उम्र वाले पुरुष की मृत्यु होने पर अगले सब से अधिक आयु वाले जीवित पुरुष के सर पर रस्मी तरीके से पगड़ी (जिस
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