🌹🙏❣❣❣❣❣🇮🇳❣❣❣❣❣✍🌹
कुछ यूं बीती कुछ यूं गुजरी कुछ कही कुछ सुनी।
जिंदगी बहुत नायाब ही निकली जितनी समझी और सुनी।
हर मोड़ पे इक शख्स उम्र से तजुर्बा लिए खड़ा है।
हम उनसे मुखातिब होते है यहां उम्र जुड़ जाती है।
कुछ आदायें दुनिया की हमपे भी मेहरबां होती है।
हम उनके बहकावे में आते वो हमारी हो जाती है।
वक़्त बे वक़्त दुनिया की हस्तियों से उलझते रहे।
कुछ वो खुद से सुलझ गये बाकी हमे सुलझा गये।
नादान परिंदे भी बहुत मिले नादानियां करते हमे।
हम खुद से नादां हो उन्हें समझदार कहलवा गये।
कुछ तो बेहतरीन मंजरों का भी हमे एहसास हुआ।
कुछ हमने जी लिये बाकी उनके लिए छोड़ आये।
बहुत से गरूर मिले बहुत गरूर टकराये भी हमसे।
कुछ तो हमने गुजरने दिये कुछ की राह बदल दिये।
मोहबतें भी टकराती रही जिंदगी चोट खाती रही।
हम भी मलहम लगाते रहे जिंदगी तुझे संवारते रहे।
वक़्त बहुत जाया हुआ खूबसूरती को समझने में।
खोजी तो भीतर ही छुपी थी जरा धूल में पड़ी थी।
बात बहुत सालों में समझ आयी दुनिया रही पराई।
मोह को लगे हैं सभी प्रेम की किसे कब याद आयी।
कुछ यूं बीती कुछ यूं गुजरी कुछ कही कुछ सुनी।
जिंदगी बहुत नायाब ही निकली जितनी समझी और सुनी।
जय हिंद।
****🙏****✍
शुभ रात्रि।
🌹🌹🌹🌹🌹❣🌹🌹🌹🌹🌹
🌹🙏🏼🎊🎊🎊😊🎊🎊🎊✍🏼🌹 आज एक रस्म पगड़ी में गया हमारे प्यारे गोपाल भैया की।बहुत अच्छे योगाभ्यासी थे।रोज सुबह योगा सेवा में योग की कक्षा भी लगाया करते थे।बहुत शुद्ध साफ निर्मल तबीयत के और बेहद अच्छे व्यक्तित्व के मालिक थे। उम्र रही तक़रीबन 56 साल।एक गम्भीर बीमारी ने एक जीवन असमया लील लिया।पारिवारिक संबंध है हमारे।उनके पुत्र को देख के मुझे 26 जुलाई 2009 की याद आ गयी।मेरे पिता जी की मृत्यु हुई और हमारे यहां रस्म पगड़ी तेहरवीं पे ही होती है।ये उत्तर भारत के रस्मों रिवाज का हिस्सा है।पिता के बाद घर मे ज्येष्ठ पुत्र को आधिकारिक रूप से परिवार का मुखिया बनाया जाता है।समाज के सामने और जो पगड़ी बांधी जाती है सारा समाज जो वहां उपस्थित होता है अपने स्पर्श से पगड़ी को अधिकार सौंपता है। थोड़ा संकलित ज्ञान इसपे ही हो जाये।रस्म पगड़ी - रस्म पगड़ी उत्तर भारत और पाकिस्तान के कुछ क्षेत्रों की एक सामाजिक रीति है, जिसका पालन हिन्दू, सिख और सभी धार्मिक समुदाय करते हैं। इस रिवाज में किसी परिवार के सब से अधिक उम्र वाले पुरुष की मृत्यु होने पर अगले सब से अधिक आयु वाले जीवित पुरुष के सर पर रस्मी तरीके से पगड़ी (जिस
Comments
Post a Comment