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लेते लेते हम बहुदा देना भूल जाते है।
जिससे देखो उससे बस लेते जाते है।
माँ से लिया इस संसार तक का श्रम विश्राम।
माँ से लिया इस संसार तक लाने का सौभाग्य।
मां से लिया प्रथम सांसारिक जीवन रस पान।
माँ से ही समझा ममता का प्रथम ज्ञान।
माँ से ही लिया सानिध्य में होने का भान।
माँ से ही लिया प्रेम भाव अभिमान स्वाभिमान।
पिता ने प्रशस्त किया संसार में आने का मार्ग।
पिता से सीखा बहुत व्यवहारिक ज्ञान।
पिता से ही लिया श्रम कार्यकुशलता प्रथम ज्ञान।
ईश्वर के माध्यम से जाना आस्था का परिणाम।
भाई बहनों से लिया रिश्तों का बेहतर ज्ञान।
अपने शिक्षक गुरु से लिया विद्या का महादान।
बंधु बांधवो से संग हो लिया सामाजिक ज्ञान।
पत्नी ने पूरा किया असली पुरुष का पोरष ज्ञान।
अपने बचने ने फिर दिया ममता का सुलभ ज्ञान।
जीवनचक्र हर वक़्त हर समय कुछ कुछ देता रहा।
मैं भी नादान सा होकर लेता और लेता ही रहा।
लेने की आदत ही बुरी पड़ गयी देखो दोस्तो ।
अब हर रिश्तों के बीच समृद्ध होती आदत देखो।
लेते लेते देना शायद मैं भूल रहा था।
ये वो सफा है जिसे शायद मैं भूल चुका था।
आज दोस्त के शब्दों ने ये भाव याद करा दिया।
देने का जो मजा है उससे रूबरू करा दिया।
फिर सोचा कितना सही कहा
लेते लेते हम बहुदा देना भूल जाते है।
आज याद आयी सोचा बंधु बांधवो से सांझा कर लूं।
कुछ उनमे भी देने की इक अलख जगा दु।
जय हिंद।
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शुभ रात्रि।
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🌹🙏🏼🎊🎊🎊😊🎊🎊🎊✍🏼🌹 आज एक रस्म पगड़ी में गया हमारे प्यारे गोपाल भैया की।बहुत अच्छे योगाभ्यासी थे।रोज सुबह योगा सेवा में योग की कक्षा भी लगाया करते थे।बहुत शुद्ध साफ निर्मल तबीयत के और बेहद अच्छे व्यक्तित्व के मालिक थे। उम्र रही तक़रीबन 56 साल।एक गम्भीर बीमारी ने एक जीवन असमया लील लिया।पारिवारिक संबंध है हमारे।उनके पुत्र को देख के मुझे 26 जुलाई 2009 की याद आ गयी।मेरे पिता जी की मृत्यु हुई और हमारे यहां रस्म पगड़ी तेहरवीं पे ही होती है।ये उत्तर भारत के रस्मों रिवाज का हिस्सा है।पिता के बाद घर मे ज्येष्ठ पुत्र को आधिकारिक रूप से परिवार का मुखिया बनाया जाता है।समाज के सामने और जो पगड़ी बांधी जाती है सारा समाज जो वहां उपस्थित होता है अपने स्पर्श से पगड़ी को अधिकार सौंपता है। थोड़ा संकलित ज्ञान इसपे ही हो जाये।रस्म पगड़ी - रस्म पगड़ी उत्तर भारत और पाकिस्तान के कुछ क्षेत्रों की एक सामाजिक रीति है, जिसका पालन हिन्दू, सिख और सभी धार्मिक समुदाय करते हैं। इस रिवाज में किसी परिवार के सब से अधिक उम्र वाले पुरुष की मृत्यु होने पर अगले सब से अधिक आयु वाले जीवित पुरुष के सर पर रस्मी तरीके से पगड़ी (जिस
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