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आत्मा का आनंद ही परम आनंद है।
आत्मा से आती अंतर्ध्वनी ही सत्य है।
आत्मा ही संसार में सबसे पवित्र है।
आत्मा ही अमर है मृत्यु शरीर की होती है।
आत्मा सुंदर है इसकी सुंदरता का एहसास करें।
आत्मा ही आनंद रूप में ध्यानावस्था है प्राप्त करें।
आत्मा ही जीवन का संगीत है इसे सुने।
आत्मा ही निर्विकार है इस सत्य को समझे।
आत्मा ही मन की स्वामी है इस से संवाद साध लें।
आत्मा एक शुद्ध विचार रूप है इससे ज्ञान लें।
आत्मा प्रेम से पूर्ण है इससे ही प्रेम करें।
आत्मा ज्योति पुंज है इससे अपने को रोशन करें।
आत्मा कर्म से बंधी है इसे सदा स्वच्छ रखें।
आत्मा सदा सुख में रहती है सुखी रहना सीखें।
आत्मा शरीर व्याधियों का पार है इसकी आवाज सुने।
आत्मा ही सबसे मजबूत शस्त्र है इसपे विश्वास रखें।
आत्मा ही हर वक्त आपके साथ है ख्याल रखें।
आत्मा से बड़ा कोई दोस्त नहीं इसका एतबार रखें।
आत्मा ही परम आनंद की स्वामी है आनंद हमेशा बनाए रखें।
आत्मा संग आनंद और बस आनंद है इससे ही हर वक्त राब्ता रखें।
धन्यवाद।
शुभ रात्रि।
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जय हिंद।
"निर्गुणी"
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