Skip to main content

दीपावली की शुभकामनाएं २०२३।

🌹🙏🏿🔥❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️🇮🇳❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️🔥🌹🙏🏿
आज बहुत शुभ दिन है। कार्तिक मास की अमावस की रात है। आज की रात दीपावली की रात है। अंधेरे को रोशनी से मिटाने का समय है।
दीपावली की शुभकानाओं के साथ दीपवाली शब्द की उत्पत्ति भी समझ लेते है।
दीपावली शब्द की उत्पत्ति  संस्कृत के दो शब्दों 'दीप' अर्थात 'दिया' व 'आवली' अर्थात 'लाइन' या 'श्रृंखला' के मिश्रण से हुई है। कुछ लोग "दीपावली" तो कुछ "दिपावली" ; वही कुछ लोग "दिवाली" तो कुछ लोग "दीवाली" का प्रयोग करते है । स्थानिक प्रयोग दिवारी है और 'दिपाली'-'दीपालि' भी। इसके उत्सव में घरों के द्वारों, घरों व मंदिरों पर लाखों प्रकाशकों को प्रज्वलित किया जाता है। दीपावली जिसे दिवाली भी कहते हैं उसे अन्य भाषाओं में अलग-अलग नामों से पुकार जाता है जैसे : 'दीपावली' (उड़िया), दीपाबॉली'(बंगाली), 'दीपावली' (असमी, कन्नड़, मलयालम:ദീപാവലി, तमिल:தீபாவளி और तेलुगू), 'दिवाली' (गुजराती:દિવાળી, हिन्दी, दिवाली,  मराठी:दिवाळी, कोंकणी:दिवाळी,पंजाबी), 'दियारी' (सिंधी:दियारी‎), और 'तिहार' (नेपाली) मारवाड़ी में दियाळी।[11]
कथा के कुछ पहलू सब जानते ही है। आज बस शुभकामनाएं ले लीजिए।
दीपज्योतिः परंब्रह्म दीपज्योतिर्जनार्दनः।
दीपो हरतु मे पापं दीपज्योतिर्नमोऽस्तु ते।।
भावार्थ: दीपक का प्रकाश महान ब्रह्म का प्रतीक है, दीपक का दीपक अर्दानार्ड (ब्रह्मांड के भगवान)।
(प्रार्थना) इस दीपक की रोशनी हमारे पापों को धो देती है। मैं इस प्रकाश (जीवन देने वाली) को सलाम करता हूं।

सिद्धिबुद्धिप्रदे देवि भुक्तिमुक्तिप्रदायिनि।
मन्त्रपूते सदा देवि महालक्ष्मि नमोस्तु ते।।
भावार्थ: हे मंत्रपुट भगवती महालक्ष्मी जो सफलता, ज्ञान, सुख और मोक्ष प्रदान करती हैं! आपको हमेशा धन्यवाद।

सर्वज्ञे सर्ववरदे सर्वदुष्टभयंकरि।
सर्वदुःखहरे देवि महालक्ष्मि नमोऽस्तुते।।
भावार्थ: सब कुछ जानने वाला, सब वरदान देने वाला, सब दुष्टों को डराने वाला,
मैं आपको नमन करता हूं, देवी महालक्ष्मी, जो सभी दुखों का नाश करने वाली हैं।

हिरण्यवर्णां हरिणीं सुवर्णरजतस्रजाम्।
चन्द्रां हिरण्मयीं लक्ष्मीं जातवेदो म आवह।।
शुभ दीपावलिः
भावार्थ: हे वीतवेद (जो सब कुछ जानता है) अग्निदेव! स्वर्ण (महालक्ष्मी),
थोड़ा हरा-भरा, सोने-चांदी की माला (महालक्ष्मी) धारण करना,चंद्रावत प्रसन्नकांति ने स्वर्ण देवता लक्ष्मीदेव को मेरे पास आमंत्रित किया।
दीपावली की भी शुभ कामनाएं हैं।

सत्यं च येन निरतं रोगं विधूतं, अन्वेषितं च सविधिं आरोग्यमस्य।
गूढं निगूढं औषध्यरूपम्, धन्वन्तरिं च सततं प्रणमामि नित्यं।।
शुभ दीपावलिः
भावार्थ: जिसने सभी रोगों को लगातार ठीक किया, जिसने (अच्छे) स्वास्थ्य का मार्ग सिखाया,मैं भगवान धनुंतरि को नमन करता हूं, जिन्होंने चिकित्सा की छिपी प्रकृति को प्रकट किया।
दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं।

दीपस्य प्रकाशः न केवलं भवतः गृहम् उज्ज्वालयतु जीवनम् अपि।
भावार्थ: दीयों की रोशनी न केवल आपके घर को बल्कि आपके जीवन को भी रोशन करे।

शुभम करोति कल्याणम,
अरोग्यम धन संपदा,
शत्रु-बुद्धि विनाशायः,
दीपःज्योति नमोस्तुते।
भावार्थ: मैं आपको और आपके परिवार को छुट्टियों की शुभकामनाएं देता हूं।
और दीपोत्सव आपके जीवन को सुख, समृद्धि, सुख और शांति प्रदान करे,विश्व सद्भाव और शाश्वत सुख के प्रकाश से प्रकाशित हो।मैं आपको दीपावली की बहुत-बहुत शुभकामनाएं देता हूं।

दीपावल्याः सहस्रदीपाः भवतः जीवनं सुखेन,
सन्तोषेण, शान्त्या आरोग्येण च प्रकाशयन्तु।
भावार्थ: दिवाली के हजारों के दीपक आपके जीवन में ख़ुशी,
शांति और आनंद से रोशन करें
और आपके स्वास्थ्य को लाभ दें।
इन्ही सब शुभकामनाओं के साथ आपको दीपावली की बहुत बहुत बधाई ।
जय हिंद।
🌹🔥❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️🌹❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️🔥🙏🏿
शुभ रात्रि।
"निर्गुणी"

Comments

Popular posts from this blog

रस्म पगड़ी।

🌹🙏🏼🎊🎊🎊😊🎊🎊🎊✍🏼🌹 आज एक रस्म पगड़ी में गया हमारे प्यारे गोपाल भैया की।बहुत अच्छे योगाभ्यासी थे।रोज सुबह योगा सेवा में योग की कक्षा भी लगाया करते थे।बहुत शुद्ध साफ निर्मल तबीयत के और बेहद अच्छे व्यक्तित्व के मालिक थे। उम्र रही तक़रीबन 56 साल।एक गम्भीर बीमारी ने एक जीवन असमया लील लिया।पारिवारिक संबंध है हमारे।उनके पुत्र को देख के मुझे 26 जुलाई 2009 की याद आ गयी।मेरे पिता जी की मृत्यु हुई और हमारे यहां रस्म पगड़ी तेहरवीं पे ही होती है।ये उत्तर भारत के रस्मों रिवाज का हिस्सा है।पिता के बाद घर मे ज्येष्ठ पुत्र को आधिकारिक रूप से परिवार का मुखिया बनाया जाता है।समाज के सामने और जो पगड़ी बांधी जाती है सारा समाज जो वहां उपस्थित होता है अपने स्पर्श से पगड़ी को अधिकार सौंपता है। थोड़ा संकलित ज्ञान इसपे ही हो जाये।रस्म पगड़ी - रस्म पगड़ी उत्तर भारत और पाकिस्तान के कुछ क्षेत्रों की एक सामाजिक रीति है, जिसका पालन हिन्दू, सिख और सभी धार्मिक  समुदाय करते हैं। इस रिवाज में किसी परिवार के सब से अधिक उम्र वाले पुरुष की मृत्यु होने पर अगले सब से अधिक आयु वाले जीवित पुरुष के सर पर रस्मी तरीके से पगड़ी (जिस

भारतीय संविधान भाग 5 अनुच्छेद 112 से 117 तक।

🌹🙏❣❣❣❣❣❣🇮🇳❣❣❣❣❣❣✍🌹 भारतीय संविधान भाग 5 अनुच्छेद 112 से 117 वित्तीय विषयों के संबंध में प्रक्रिया का वर्णन करता है। ये  सरकार की वित्तीय प्रणाली का महत्वपूर्ण अंग है।हमारे संघ प्रमुख हमारे माननीय राष्ट्रपति इस हर वर्ष संसद के पटल पर रखवाते है।प्रस्तुति।बहस और निवारण के साथ पास किया जाता है।चलो जरा विस्तार से जाने। यहां अनुच्छेद 112. वार्षिक वित्तीय विवरण--(1) राष्ट्रपति प्रत्येक वित्तीय वर्ष के संबंध में संसद के दोनों सदनों के समक्ष भारत सरकार की उस वर्ष के लिए प्राक्कलित  प्राप्ति यों और व्यय  का विवरण रखवाएगा जिसे इस भाग में “वार्षिक  वित्तीय विवरण”कहा गया है । (2) वार्षिक  वित्तीय विवरण में दिए हुए व्यय के प्राक्कलनों में-- (क) इस संविधान में भारत की संचित निधि पर  भारित व्यय के रूप में वार्णित व्यय की पूर्ति के लिए अपेक्षित   राशियां, और (ख) भारत की संचित निधि में से किए जाने के लिए प्रस्थाफित अन्य व्यय की पूर्ति के लिए अपेक्षित राशियां, पृथक –पृथक दिखाई जाएंगी और राजस्व लेखे होने वाले व्यय का अन्य व्यय से भेद किया जाएगा   । (3) निम्नलिखित व्यय भारत की संचित निधि पर भार