💐🙏🏾********************✍🏼💐
एक शब्द है 'जीत'। बड़ा महत्व रखती है जीवन में।एक जीत आप का होंसला काफी बढ़ा देती है। एक हार आप को अपने सबसे निचले स्तर पे ले जाने में सक्षम है। एक जीत दूसरी जीत को जन्म देती है। और फिर ये एक सिलसिला बन जाती है। जो इसका स्वाद एक बार चख लेते है उन्हें वक़्त के साथ इसकी आदत पड़ने लगती है। ये आदत जब तक बहुत अच्छी है जब तक ये आप को आप की 'मैं' से दूर रखें। आप का अहम तो बरकरार रहे परंतु घमंड न आये। ये बहुत ही आवश्यक है। जीतने की कला जीवन की सफलता की कुंजी है ही। आप के साथ आप के इलावा आप का परिवार जुड़ा है। जो आपसे प्रेरणा लेता है। कहीं आप आश्रित है तो कोई आप पे आश्रित है। जो आप पे आश्रित है वो आप की विजय के यश को देखना चाहता है। ये विजय आप के काम में हो। आप में छुपी किसी प्रतिभा मैं हो। ये विजय आप की सामाजिक प्रतिष्ठा में हो। ये विजय आप की रिश्तेदारी में आप के रसूख को लेकर हो। या ये विजय आप के अध्यात्म में हो। ऐसी बहुत सी जीत आप को साहसी बनाने में सहायक होती है। जब आप साहस के साथ किसी भी क्षेत्र में अपनी ताकत की परख करते हो तोआप को परिणाम अपेक्षा के समीप मिलतें है। सफलता जीत आप की सोच के दायरे को बढ़ाने में सक्षम है। हर जीत आप को एक नया आयाम देती है। ये आयाम आप को एक ऊँचाई से सब देखने का मौका देते है। ऊँचाई बढ़ती जाती है आप अधिक दूर तक देखने के काबिल हो जाते हो। जैसे जैसे ये दायरा बढ़ता है आप की अपनी और आप के नज़रिये की कीमत दुनिया की नज़र में बढ़ती है। इसलिये एक जीत या कहें पहली जीत आप की सफलता की पहली सीढ़ी होती है। इसके बाद आप पे रहा जीवन में किंतनी सीढ़ियां आप चढ़ते हो। क्षेत्र कुछ भी हो सकता है। मेहनत ईमानदारी और आत्मविश्वास आप को जीत की तरफ ले जाने में सक्षम है। जैसे जैसे आप जीतते है आप के आत्मविश्ववास में बेइंतिहा इज़ाफ़ा होता है। ये इज़ाफ़ा आपको सफलता के चरम पे लेे जाता है। येही आप की जरूरत है। इसे खोजीये और जीवन में आगे बढ़िये। एक बात याद रहे घमंड आप के दिमाग को काबू न करे। जीत आप को घमंडी नही बनायेे। इसके साथ ही आप की जीत की शुभकामनाओं के साथ आप का जीवन आनंदमय बना रहे।
जय हिंद।
****🙏🏾****✍🏼
शुभ रात्रि।
💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐
🌹🙏🏼🎊🎊🎊😊🎊🎊🎊✍🏼🌹 आज एक रस्म पगड़ी में गया हमारे प्यारे गोपाल भैया की।बहुत अच्छे योगाभ्यासी थे।रोज सुबह योगा सेवा में योग की कक्षा भी लगाया करते थे।बहुत शुद्ध साफ निर्मल तबीयत के और बेहद अच्छे व्यक्तित्व के मालिक थे। उम्र रही तक़रीबन 56 साल।एक गम्भीर बीमारी ने एक जीवन असमया लील लिया।पारिवारिक संबंध है हमारे।उनके पुत्र को देख के मुझे 26 जुलाई 2009 की याद आ गयी।मेरे पिता जी की मृत्यु हुई और हमारे यहां रस्म पगड़ी तेहरवीं पे ही होती है।ये उत्तर भारत के रस्मों रिवाज का हिस्सा है।पिता के बाद घर मे ज्येष्ठ पुत्र को आधिकारिक रूप से परिवार का मुखिया बनाया जाता है।समाज के सामने और जो पगड़ी बांधी जाती है सारा समाज जो वहां उपस्थित होता है अपने स्पर्श से पगड़ी को अधिकार सौंपता है। थोड़ा संकलित ज्ञान इसपे ही हो जाये।रस्म पगड़ी - रस्म पगड़ी उत्तर भारत और पाकिस्तान के कुछ क्षेत्रों की एक सामाजिक रीति है, जिसका पालन हिन्दू, सिख और सभी धार्मिक समुदाय करते हैं। इस रिवाज में किसी परिवार के सब से अधिक उम्र वाले पुरुष की मृत्यु होने पर अगले सब से अधिक आयु वाले जीवित पुरुष के सर पर रस्मी तरीके से पगड़ी (जिस
Comments
Post a Comment