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नीयत।

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एक रोज़मर्रा में बोले जाने वाला शब्द है 'नीयत'। ज्यादातर इसे हम नकारात्मक रूप में ही देखते सुनते आए है। और ज्यादातर नीयत का नाम लेते ही कहते मिल जाएंगे अरे आप की नीयत ठीक नहीं। नीयत एक तरह का आकर्षण है जो आप को अच्छे बुरे के भेद में ले जाता है।आप के शक करने की प्रवृति को जागृत रखता है। शक हमेशा आप के  दिमाग को सतर्क रखता है। और ये आप को दो तरह से प्रभावित कर सकता है। एक आप हर समय अनहोनी के लिए सतर्क और तैयार रहते हो। वक़्त पे आप चीजों को भांप लेने में सक्षम हो जाते हो। सतर्कता आप को हर दम खड़े पैर रखती है। और ये भाव आप को अच्छे लग सकते हैं पर हो सकता है दूसरों को न लगें। कहने का मतलब साफ है नीयत भांपने में आपको क्षण भो नही लगता पर सामने वाला संकोची तो हो ही जाता है। और नीयत नकरात्मकता का अंश बनाये रहती है। और दूसरा अत्यधिक सतर्कता आप को शक्की बना देती है। गाहे बगाहे आप दुनिया से उलझते रहते हो। जो सतर्कता का नकारत्मक पहलू है। और ये नीयत को बदनीयत करने में भी सक्षम है।' नीयत अगर अच्छी हो तो व्यक्ति सफल हो सकता है' ऐसा हमे सुनने को मिलता ही रहता है। ध्यान से देखें इन शब्दों को तो ये भी नकारत्मकता का अंश लिए है। नीयत अच्छी हो या बुरी आप को कुछ गलत नज़र से देख ही लेती है। नीयत भ्रम पैदा कर सकती है।ये तब होता है जब सामने वाले की आंकलन क्षमता सही न हो। सही गलत में भेद से दूर ही। ऐसे में आप सही होकर भी सही नही है। एयर एक चीज़ नीयत आप के भाव में भी समाहित होती है। दुनिया में बहुत लोग आप को आप के चेहरे से पकड़ लेते है। बहुत से बातों से पकड़ लेते है। ये नीयत भांपने की शक्तियां है जो इसी मानव को दी गयी है । आप जितना साफ सुथरे होंगे आप पे शक की गुंजाइश उतनी ही कम होगी। लोग आप पे विश्वास कर सकने में चैन महसूस कर सकेंगे। साफ नीयत साफ व्यक्तित्व का आईना है। इसे जितना साफ रखेंगे पिक्चर उतनी साफ और उजली नज़र आयेगी। नीयत की नियति समझिये ये आप के निर्माण में अहम है। मित्रो साफ नीयत साफ दिल साफ आचरण साफ बात ये सब आप के चरित्र के हिस्से है। जितना साफ रखेंगे उतने आप सुखी होंगे। नीयत पे विशेष ध्यान दीजिये क्योंकि ये नकारत्मकता का अंश हर समय लिए है। मित्रो इसी आशा के साथ के आप अपनी नीयत का आइना साफ सुथरा रखेंगे आप सब को•••••
जय हिंद।
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शुभ रात्रि।
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