Skip to main content

चिलगोजे।

🌹🙏🏼🎊🎊🎊🎊🎊🎊🎊✍🏼🌹
दिवाली पे सूखे मेवे देने का प्रचलन उत्तर भारत मे काफी समय से है।मेवों की बात बादाम से शुरू हुई थी तो सोचा और आगे बढ़ाई जाये।चकरी आज से कुछ 25 30 वर्ष पीछे ले जाते है।डॉयफ्रूइट के डब्बे मैं ज्यदातर चार खाने होते थे।एक खाना बादाम दूसरा काजू तीसरा किशमिश और चौथा चिल्गोज़ों का।सर्दिया बड़े मजे से कटती थी।जितने डब्बे आते सब के डॉयफ्रूइट अलग कर पैकेट बना फ्रिज में रख देते।फिर इस्तेमाल होता हलवे में गाजर के हलवे में खीर में और चिलगोजे खाये जाते धूप में बैठ कर छील छील के।बड़ा मजा आता था भुने चिलगोजे खाने में।आज का संकलन चिल्गोज़ों पे ही है आप की नज़र....
चिलगोजा का नाम आपने बहुत कम सुना होगा, लेकिन यह आपके शरीर के लिए बहुत ही फायदेमंद है| चिलगोजा चीड़ फल का बीज होता है, जिसका रंग लाल भूरा होता है| भारत में इसका प्रयोग एक मेवे के तरह किया जाता है|
यह बहुत ही शक्तिवर्धक है, इसलिए इसकी तुलना बादाम से की जाती है| औषधियों गुणों से भरपूर चिलगोजा ना केवल अच्छे स्वास्थ्य बल्कि सौन्दर्य में भी मदद करता है|
अंग्रेजी में चिलगोजा को पाइन नट्स कहा जाता है| इसका सेवन बहुत समय पहले से किया जा रहा है| रोमन सैनिक इसे खाया करते थे| ग्रीक लेखकों द्वारा इसे 300 ईसा पूर्व वर्णित किया गया है|
पाइन नट्स में, सूखे मेवे की तरह हेल्दी मोनो सैचुरेटेड फैट और एंटीऑक्सीडेंट मौजूद होता है| लेकिन यह वास्तव में सूखा मेवा नहीं है|  यह खाने में हल्का मीठा होता है, आइये जानते है Chilgoza Benefits, शायद इसके फायदों को जानकर आप भी इसे खाना चाहे|
यह ह्रदय के लिए अच्छा होता है।
चिलगोजे में ओइलिक एसिड असंतृप्त वसा अम्ल मौजूद होता है| इससे रक्त में अच्छा कोलेस्ट्रॅाल बढ़ता है और खराब कोलेस्ट्रॅाल का स्तर कम होता है। चिलगोजे का सेवन करके कोरोनरी धमनी संबंधी बीमारियों जैसे स्ट्रोक, दिल का दौरा ओर कोनोनरी धमनियों का सख्त हो जाना जैसी चीज़ो से बचाव होता है|
आपकी भूख को कम करे
यदि आप वजन घटाना चाहते है, तो पाइन नट खाने से आपको मदद मिल सकती है| कुछ शोधो से पता चला है कि यदि आप अच्छी मात्रा में पाइन नट्स खाते है तो इससे प्राप्त फैटी एसिड प्यूलेसीस्टोकिनिन रिलीज़ होता है, जो की भूख को दबाने वाला हॉर्मोन है|
आँखों के स्वास्थ्य को सुधारे
पाइन नट्स में बीटा – कैरोटीन और एंटीऑक्सीडेंट मौजूद होता है| यह आँखों के अच्छे स्वास्थ्य के लिए बहुत फायदेमंद है| पाइन नट्स में मौजूद लूटीइन आँखों को युवी किरणों से बचाता है साथ ही डैमेज होने से भी रोकता है| यदि आप अपने बच्चे को भी इसे खाने के लिए देते है तो इससे उनकी आँखों की रौशनी तेज होती है|
एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर
पाइन नट्स में बहुत सारे एंटीऑक्सीडेंट होते है| इसके अलावा इसमें विटामिन ऐ, बी, सी, डी और इ भी शामिल है| एंटीऑक्सीडेंट, आपको नुकसान पहुंचाने वाले फ्री रेडिकल्स का खात्मा करते है| जो लोग जंवा दिखना चाहते है, उन्हें पाइन नट्स खाने से बहुत फायदा मिलता है|  यह आपके बच्चे को इन्फेक्शन और वायरस से लड़ने में भी मदद करते है|
यदि आप इस विटामिन के बारे में ज्यादा नहीं जानते है तो हम आपको बतादे की यह विटामिन आपके शरीर की हड्डियों को मजबूत बनाता है, साथ ही साथ इससे खून का जमना भी रुकता है|
यह औरतो के लिए भी बहुत फायदेमंद है, क्योंकि विटामिन के, मासिक धर्म के दौरान होने वाली ऐंठन को कम करते है| 70 एमसीजी की एक कप सर्विंग लेने से विटामिन के की दैनिक जरुरत का 90% हिस्सा मिल जाता है|
पाइन नट्स में मौजूद अन्य विटामिन:-
विटामिन
फोलेट्स 34 µg 9%
नियासिन 4.387 mg 27%
पैंटोथैनिक एसिड 0.313 mg 6%
पाइरिडोक्सीन 0.094 mg 7%
रिबोफ़्लिविन 0.227 mg 17%
थियामीन 0.364 mg 30%
विटामिन ए 29 IU 1%
विटामिन सी 0.8 mg 1%
विटामिन ई 9.33 mg 62%
Pine Nuts Benefits in Hindi: एक नजर में देखे इसके फायदे
पाइन नट्स विटामिन ए और ल्यूटिन में समृद्ध है, यह दोनों दृष्टि को बढ़ाने में मदद करते है|
इसमें हृदय-अनुकूल मोनोअनसैचुरेटेड वसा शामिल है।
यह हड्डियों को मजबूत बनांते है, इसमें बहुत ज्यादा विटामिन डी मौजूद होता है|
इससे रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, क्योंकि वे विटामिन सी में समृद्ध हैं।
पाइन नट्स में पोनीलिक एसिड होता है, इससे आपको पेट भरा हुआ महसूस होने लगता है और वजन घटाने में सहायता मिलती है|
यह लोह तत्व का अच्छा स्रोत हैं, इसलिए इसका सेवन तंत्रिका तंत्र के लिए काफी अच्छा है|
पाइन नट्स में प्रोटीन तथा मैग्नीशियम मौजूद होता है जो उन्हें ऊर्जा का एक उत्कृष्ट स्रोत बनाता है| इसलिए जब भी आप थका हुआ महसूस करे, पाइन नट का सेवन करे|
पाइन नट्स जैसे है उन्हें वैसे ही भी खा सकते है| और आप चाहे तो इसे भून कर भी खा सकते है|
आप इसका इस्तेमाल बिस्कुट, कुकी, चॉकलेट और एनर्जी बार बनाते वक्त भी कर सकते है|
इसका इस्तेमाल सलाद के रूप में भी किया जाता है| इसे आप फ्रूट्स या वेजिटेबल किसी के ऊपर भी दाल सकते है|
पाइन नट्स का इस्तेमाल डेसर्ट में भी किया जाता है| इसे खासतौर पर सन्देश मिठाई और आइस क्रीम में इस्तेमाल किया जाता है|
सलाद की ड्रेसिंग और कुकिंग में भी Pine Nut Oil का इस्तेमाल किया जाता था|
चिलगोजा (पाइन नट्स) खाते वक्त ध्यान दे यह बाते:-
पाइन नट्स खाते वक्त सबसे सामान्य साइड इफ़ेक्ट यदि कोई है तो वो है पाइन माउथ सिंड्रोम| यदि आप रोजाना पाइन नट्स का सेवन करते है तो यह मुँह में हल्का कड़वा टेस्ट छोड़ देती है| आपको ऐसा कुछ दिनों तक इसे लगातार खाने के बाद लगता है और कड़वा टेस्ट एक हफ्ते तक रहता है| यह साइड इफ़ेक्ट हार्मफुल नहीं रहता है और इससे पाइन नट्स के नुट्रिएंट्स में कोई फर्क नहीं पड़ता है| अति संवेदनशील लोगो में पाइन नट्स से एलर्जी हो सकती है| इससे एलर्जी होने पर मतली आना, पेट में दर्द, त्वचा में खुजली आदि समस्याए हो सकती है|
यदि आप पाइन नट्स को अपने बेबी को देना चाहते है, तो पहले बाल-चिकित्सक से राय जरूर ले| क्योकि यह नट्स हर किसी को सूट नहीं करते है|
चिलगोजे बड़े काम का मेवा है।सर्दियां अक्टूबर तक आयेंगी।सर्दियों में धूप का मजा चिलगोजे खाते हुए लीजिये।आनंद मैं राहिये आनंद कीजिये।
जय हिंद।
****🙏🏼****✍🏼
शुभरात्रि।

Comments

  1. बहुत ही अच्छी जानकारी.जानकारी के लिए सुक्रिया. चिलगोज़ा के फायदे सेहत के लिए बहुत अधिक होते हैं.

    ReplyDelete

Post a Comment

Popular posts from this blog

रस्म पगड़ी।

🌹🙏🏼🎊🎊🎊😊🎊🎊🎊✍🏼🌹 आज एक रस्म पगड़ी में गया हमारे प्यारे गोपाल भैया की।बहुत अच्छे योगाभ्यासी थे।रोज सुबह योगा सेवा में योग की कक्षा भी लगाया करते थे।बहुत शुद्ध साफ निर्मल तबीयत के और बेहद अच्छे व्यक्तित्व के मालिक थे। उम्र रही तक़रीबन 56 साल।एक गम्भीर बीमारी ने एक जीवन असमया लील लिया।पारिवारिक संबंध है हमारे।उनके पुत्र को देख के मुझे 26 जुलाई 2009 की याद आ गयी।मेरे पिता जी की मृत्यु हुई और हमारे यहां रस्म पगड़ी तेहरवीं पे ही होती है।ये उत्तर भारत के रस्मों रिवाज का हिस्सा है।पिता के बाद घर मे ज्येष्ठ पुत्र को आधिकारिक रूप से परिवार का मुखिया बनाया जाता है।समाज के सामने और जो पगड़ी बांधी जाती है सारा समाज जो वहां उपस्थित होता है अपने स्पर्श से पगड़ी को अधिकार सौंपता है। थोड़ा संकलित ज्ञान इसपे ही हो जाये।रस्म पगड़ी - रस्म पगड़ी उत्तर भारत और पाकिस्तान के कुछ क्षेत्रों की एक सामाजिक रीति है, जिसका पालन हिन्दू, सिख और सभी धार्मिक  समुदाय करते हैं। इस रिवाज में किसी परिवार के सब से अधिक उम्र वाले पुरुष की मृत्यु होने पर अगले सब से अधिक आयु वाले जीवित पुरुष के सर पर रस्मी तरीके से पगड़ी (जिस

भारतीय संविधान भाग 5 अनुच्छेद 112 से 117 तक।

🌹🙏❣❣❣❣❣❣🇮🇳❣❣❣❣❣❣✍🌹 भारतीय संविधान भाग 5 अनुच्छेद 112 से 117 वित्तीय विषयों के संबंध में प्रक्रिया का वर्णन करता है। ये  सरकार की वित्तीय प्रणाली का महत्वपूर्ण अंग है।हमारे संघ प्रमुख हमारे माननीय राष्ट्रपति इस हर वर्ष संसद के पटल पर रखवाते है।प्रस्तुति।बहस और निवारण के साथ पास किया जाता है।चलो जरा विस्तार से जाने। यहां अनुच्छेद 112. वार्षिक वित्तीय विवरण--(1) राष्ट्रपति प्रत्येक वित्तीय वर्ष के संबंध में संसद के दोनों सदनों के समक्ष भारत सरकार की उस वर्ष के लिए प्राक्कलित  प्राप्ति यों और व्यय  का विवरण रखवाएगा जिसे इस भाग में “वार्षिक  वित्तीय विवरण”कहा गया है । (2) वार्षिक  वित्तीय विवरण में दिए हुए व्यय के प्राक्कलनों में-- (क) इस संविधान में भारत की संचित निधि पर  भारित व्यय के रूप में वार्णित व्यय की पूर्ति के लिए अपेक्षित   राशियां, और (ख) भारत की संचित निधि में से किए जाने के लिए प्रस्थाफित अन्य व्यय की पूर्ति के लिए अपेक्षित राशियां, पृथक –पृथक दिखाई जाएंगी और राजस्व लेखे होने वाले व्यय का अन्य व्यय से भेद किया जाएगा   । (3) निम्नलिखित व्यय भारत की संचित निधि पर भार

दीपावली की शुभकामनाएं २०२३।

🌹🙏🏿🔥❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️🇮🇳❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️🔥🌹🙏🏿 आज बहुत शुभ दिन है। कार्तिक मास की अमावस की रात है। आज की रात दीपावली की रात है। अंधेरे को रोशनी से मिटाने का समय है। दीपावली की शुभकानाओं के साथ दीपवाली शब्द की उत्पत्ति भी समझ लेते है। दीपावली शब्द की उत्पत्ति  संस्कृत के दो शब्दों 'दीप' अर्थात 'दिया' व 'आवली' अर्थात 'लाइन' या 'श्रृंखला' के मिश्रण से हुई है। कुछ लोग "दीपावली" तो कुछ "दिपावली" ; वही कुछ लोग "दिवाली" तो कुछ लोग "दीवाली" का प्रयोग करते है । स्थानिक प्रयोग दिवारी है और 'दिपाली'-'दीपालि' भी। इसके उत्सव में घरों के द्वारों, घरों व मंदिरों पर लाखों प्रकाशकों को प्रज्वलित किया जाता है। दीपावली जिसे दिवाली भी कहते हैं उसे अन्य भाषाओं में अलग-अलग नामों से पुकार जाता है जैसे : 'दीपावली' (उड़िया), दीपाबॉली'(बंगाली), 'दीपावली' (असमी, कन्नड़, मलयालम:ദീപാവലി, तमिल:தீபாவளி और तेलुगू), 'दिवाली' (गुजराती:દિવાળી, हिन्दी, दिवाली,  मराठी:दिवाळी, कोंकणी:दिवाळी,पंजाबी),