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बादाम।

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हम बादाम का सेवन भिन्न भिन्न तरीकों से करते है।हमारे यहां तो ये रोज रात को भिगो के रख दिये जाते है और सुबह भीगे बादाम का सेवन दूध के साथ किया जाता है।इसका गर्मियों मैं शर्बत भी बनाया जा सकता है।भून के तल के भी खाये जा सकते है।इसकी बर्फी भी बनाई जा सकती है।हरे बादाम भी खाए जा सकते है।बेहद शक्ति वर्धक होते है बादाम।इसके बहुत से गुण मनुष्य के शरीर के लिए लाभकारी है।आज इसी से जुड़ी जानकारी आप के समक्ष है।बादाम आप के खाने का हिस्सा होना चाहिये ये महसूस होता है।
बादाम (अंग्रेज़ी:ऑल्मंड, वैज्ञानिक नाम: प्रूनुस डल्शिस, प्रूनुस अमाइग्डैलस) मध्य पूर्व का एक पेड़ होता है। यही नाम इस पेड़ के बीज या उसकी गिरि को भी दिया गया है। इसकी बड़े तौर पर खेती होती है। बादाम एक तरह का मेवा होता है। संस्कृत भाषा में इसे वाताद, वातवैरी आदि, हिन्दी, मराठी, गुजराती व बांग्ला में बादाम, फारसी में बदाम शोरी, बदाम तल्ख, अंग्रेजी में आलमंड और लैटिन में एमिग्ड्रेलस कम्युनीज कहते हैं।[आयुर्वेद में इसको बुद्धि और नसों के लिये गुणकारी बताया गया है। भारत में यह कश्मीर का राज्य पेड़ माना जाता है। एक आउंस (२८ ग्राम) बादाम में १६० कैलोरी होती हैं, इसीलिये यह शरीर को उर्जा प्रदान करता है।लेकिन बहुत अधिक खाने पर मोटापा भी दे सकता है। इसमें निहित कुल कैलोरी का ¾ भाग वसा से मिलता है, शेष कार्बोहाईड्रेट और प्रोटीन से मिलता है। इसका ग्लाईसेमिक लोड शून्य होता है। इसमें कार्बोहाईड्रेट बहुत कम होता है। इस कारण से बादाम से बना केक या बिस्कुट, आदि मधुमेह के रोगी भी ले सकते हैं। बादाम में वसा तीन प्रकार की होती है: एकल असंतृप्त वसीय अम्ल और बहु असंतृप्त वसीय अम्ल। यह लाभदायक वसा होती है, जो शरीर में कोलेस्टेरोल को कम करता है और हृदय रोगों की आशंका भी कम करता है। इसके अलावा दूसरा प्रकार है ओमेगा – ३ वसीय अम्ल। ये भी स्वास्थवर्धक होता है। इसमें संतृप्त वसीय अम्ल बहुत कम और कोलेस्टेरोल नहीं होता है। फाईबर या आहारीय रेशा, यह पाचन में सहायक होता है और हृदय रोगों से बचने में भी सहायक रहता है, तथा पेट को अधिक देर तक भर कर रखता है। इस कारण कब्ज के रोगियों के लिये लाभदायक रहता है। बादाम में सोडियम नहीं होने से उच्च रक्तचाप रोगियों के लिये भी लाभदायक रहता है। इनके अलावा पोटैशियम, विटामिन ई, लौह, मैग्नीशियम, कैल्शियम, फास्फोरस भी होते हैं।
वैज्ञानिक वर्गीकरण
Kingdom:पादप
विभाग:मैग्नोलियोफाइटा
वर्ग:मैग्नोलियोप्सीडा
गण:रोज़ालेस
कुल:रोज़ेशी
वंश:प्रुनुस
उपवंश:अमाइग्डैलस
जाति:P. dulcis
द्विपद नाम
Prunus dulcis
(मिलर) D.A.Webb
बादाम, गिरि, कच्ची
पोषक मूल्य प्रति 100 ग्रा.(3.5 ओंस)
उर्जा 580 किलो
कैलोरी 2420kJ
- कार्बोहाइड्रेट    20 g
- शर्करा 5 g
- आहारीय रेशा  12 g 
- वसा 51 g
- संतृप्त  4 g
- एकल असंतृप्त  32 g 
- बहुअसंतृप्त  12 g 
- प्रोटीन 22 g
- थायमीन (विट. B1)  0.24 mg  18%
- राइबोफ्लेविन (विट. B2)  0.8 mg  53%
- नायसिन (विट. B3)  4 mg  27%
- पैंटोथैनिक अम्ल (B5)  0.3 mg 6%
- विटामिन B6  0.13 mg 10%
- फोलेट (Vit. B9)  29 μg 7%
- विटामिन C  0.0 mg 0%
- विटामिन E  26.22 mg 175%
- कैल्शियम  248 mg 25%
- लोहतत्व  4 mg 32%
- मैगनीशियम  275 mg 74%
- फॉस्फोरस  474 mg 68%
- पोटेशियम  728 mg  15%
- जस्ता  3 mg 30%
मस्तिष्क को सक्रिय और शारीरिक दुर्बलता को दूर करने के लिए बादाम का सेवन बहुत ही गुणकारी होता है। मिठाई और दूसरे व्यंजनों में इस्तेमाल किये जाने वाला बादाम उर्जा का सबसे अच्छा स्रोत है। लेकिन बहुत अधिक खाने पर मोटापा भी बढ़ सकता है। इसमें मौजूद वसा आपकी चर्बी को बढ़ा सकता है। बादाम में सोडियम नहीं होने से हाई बल्डप्रेशर के रोगियों के लिये भी लाभदायक रहता है। इसके अलावा इसके सेवन से खांसी, डायबिटीज़, एनीमिया, पथरी जैसी समस्याओं से भी निजात मिलता है।
आस्ट्रेलिया, कैलिफोर्निया, अफ्रीका और भारत में सबसे ज्यादा पाये जाने वाला बादाम प्रोटीन, वसा, विटामिन और मिनेरल का सबसे बड़ा स्रोत हैं। यह न केवल आपके व्यंजन के स्वाद को बढ़ाता है बल्कि इसके औषधीय फायदे भी हैं।
बादाम के औषधीय फायदे
1. रात को चार-पांच बादाम पानी में डालकर रख दें। सुबह उनके छिलके उतारकर पांच छोटी इलायची के साथ पीसकर उसमें थोडी-सी मिश्री मिला लें और पानी में मिलाकर पीने से पेशाब में जलन की समस्या दूर होती है।
2. पांच बादाम रात को पानी में डालकर रखें, सुबह उठकर उन बादामों का छिलका अलग करके उन्हें पीसकर मिश्री मिलाकर चाटकर खाने से सूखी खांसी में बहुत फायदा होता है।
3. बादाम की चार-पांच गिरी के छिलके उतारकर घी में भूनें। जब गिरी गुलाबी हो जाए तो उन्हें दूध में डालकर उबालें, फिर चीनी मिलाकर पीने से गर्भावस्था में शारीरिक शक्ति मिलती है। श्वेत-प्रदर रोग भी दूर होता है।
4. तीन-चार बदामों की गिरी पानी में डालकर, छिलके उतारकर लहसुन की एक कली और मिश्री के साथ पीसकर बच्चों को दिन में दो-तीन बार चटाने से काली खांसी का प्रकोप दूर होता है।
5. भीगे हुए बादामों की गिरी के छिलके उतारकर काली मिर्च के साथ पीसकर मिश्री मिलाकर सेवन करने से भूलने की बीमारी दूर होती है।
6. बादाम की पांच गिरी रात को पानी में डालकर रखें और सुबह उठकर उनके छिलके अलग करके काली मिर्च और सोंठ के साथ पीसकर, मिश्री मिलाकर सुबह-शाम खाली पेट सेवन करने से शीघ्रपतन की समस्या दूर होती है।
7. फास्फोरस, लौह और कैल्शियम से भरपूर बादाम की गिरी पीसकर दूध में मिलाकर पिलाने से बच्चों की हड्डियां मजबूत होती है।
8. बच्चों के दांत निकलते समय पानी में भिगोकर रखी गिरी के छिलके उतारकर और उसे पीसें। फिर दूध में मिलाकर रोजाना पिलाने से बहुत लाभ होता है, दांत आसानी से निकलते हैं।
9. बच्चों के तुतलाने की समस्या पर उन्हें रोजाना तीन गिरी पानी में भिगोकर, छिलके उतारकर पीसकर, थोड़ा-सा मक्खन मिलाकर चाटने से कुछ दिनों में उनकी तुतलाहट की समस्या दूर होने लगती है।
10. बादाम की दो गिरी और एक छुहारा रात को पानी में डालकर रखें। सुबह गिरी के छिलके उतारकर, छुहारे के साथ पीसकर, मक्खन और मिश्री मिलाकर सेवन करने से ऋतुश्राव के अवरोध और अल्प मात्रा में श्राव होने की समस्या दूर होती है।
11. आंख ज्योति की दुर्बलता होने पर बादामों की पांच-छह गिरी पानी में भिगोकर, छिलके उतारकर, पीसकर मक्खन और मिश्री मिलाकर रोजाना सेवन करने से बहुत लाभ होता है।
12. बादाम के छिलके को जलाकर, उसमें थोड़ी-सी फिटकरी मिलाकर खूब बारीक पीसें। इस मिश्रण से मंजन करने पर दांत स्वच्छ, चमकीले और निरोग होते हैं।
13. बादाम की पांच गिरी पानी में भिगोकर रखें और सुबह छिलके उतारकर पीसकर सेवन कराने से चेचक रोग के दाने जल्दी ठीक हो जाते हैं।
14 . बादाम खाने से गाल भी गुलाबी होते हैं।
बादाम के भूरे छिलके में टैनिन नाम का तत्व पाया जाता है, जिसकी वजह से पोषक तत्व पूर्ण रूप से अवशोषित नहीं हो पाते हैं. इसलिए बादाम को भिगोकर और उसका छिलका उतारकर खाना चाहिए। इससे शरीर को पूरा पोषण मिलता है।
दिमाग को हल्का और ठंडा रखना है तो आप बादाम का तेल लगाइए। इसका तेल निकालने के लिए आपको सबसे पहले बादाम को पानी में रखना चाहिए। उसके बाद उसका छिलका उतारकर पीस लीजिए। बादाम के तेल से चेहरा सुंदर और चमकदार हो जाता है।
इन बीमारियों में फायदेमंद है बादाम।जिन लोगों को दिल की बीमारी की समस्या है उन्हें नियमित रूप से बादाम खाना चाहिए। एक शोध से पता चला है कि हर दिन मुट्ठीभर बादाम दिल की बीमारियों के खतरे को कम करता है। शोध में दावा किया गया है कि बादाम खाने से हृदय की रक्त वाहिकाएं स्वस्थ रहती हैं। ऐसा माना जाता है कि बादाम खाने से रक्त में एंटीऑक्सिडेंट की मात्रा में बढ़ोत्तरी होती है जिसके कारण रक्त प्रवाह में सुधार होता है। यही नहीं, वजन को कम करने की इच्छा रखने वाले भी अगर बादाम का सेवन करते हैं तो उनका वजन कम हो सकता।
रोज बादाम खायें नियमित रहें उत्तम स्वास्थ्य पायें।
जय हिंद।
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शुभ रात्रि।
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