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कभी कभी बस यूं ही कुछ शब्द कौंध जाते है।ऐसे ही आज कौंधा ।शब्द था "सरल"। तीन अक्षरों का शब्द पूरा जीवन बदलने की संभावना रखता है।सरल से सरलता सुगमता आसानी निष्कपटता सीधापन जुड़ा हुआ है।जो सरल है वो ही सुगम है।इंसान का जीवन रोजमर्रा की लड़ाई से झूंझता आगे बढ़ता है।शांत वही रह पाता है जो सरल हो।बाकी सब बोझ ढोने लग जाते है।दिमाग को बेवजह भार दे देते है।अपने आस पास जो घटित हो रहा है वो कुछ ही आप के हाथ मे है सब कुछ नही।सो बोझ क्यूं डालना? कल कुछ ऐसे ही कुछ फालतू बातों से सामना हुआ। पहले पहल कुछ बोझ बड़ा फिर उतार फेंका अपने काम पे लग गये।रात बहुत बेहतर नींद आयी।जम के आयी।सोचा आप से सरलता का कुछ हिस्सा सांझा करूँ। हमे जीवन को खुशगवार बनाने के लिये अपने जीवन मे सरलता का भाव पैदा करना होता है।आप जितने आसान होंगे आप के आस पास के आड़े तिरछे बुद्धि वाले आप से पार पाने में उतनी ही सहजता रखेंगे।उन्हें खाली दिमाग शैतान नही बनाना पड़ेगा आप के लिये।एक आप सीधे है अगर सरल है।दूसरा सीधी बात करते है।जो भीतर है काफी हद तक बाहर है।आप से संवाद साधना आसान है।आप सकरात्मक सरलता के चलते रहते है।आप के आस पास का माहौल सदा खुशगवार से रहता है।झूठ बोलने लगोगे तो तुरंत पकड़े जाओगे क्योंकि सत्य आप से दूर नही रह सकता।ये सब सरलता के लक्षण है।तो आड़े तिरछें मुश्किल लोग आप के सीधेपन से ज्यादा देर झूझ नही सकते।बहुल जल्दी उनका नकाब आप के सामने अपने आप उतर जाता है।अब आप सरल हो तो उनसे लाख दर्जे हर मायनो में बेहतर हो।आप सब के लिए हर वक़्त मौजूद हैं। अगर आप है और सरल है।जो आप के साथ रह रहे होते है वो आप को आप की सरलता के चलते आत्मिक सम्मान दे रहे होते है और जो नये मित्र या जीवनसाथी आप के जीवन में शामिल होते है उनका आप मे समावेश बिना रुकावट होता है।और ये तुरन्त होता है।क्योंकि एक आप को जानना समझना मुश्किल नही दूसरा आप से संवाद साधना मुश्किल नही तीसरा आप के भीतर की शुद्धता में अपनापन मिलाना एकदम आसान।ये सरल व्यक्तित्व को सबसे बड़ी पहचान है।जो सरल है वो साध्य है जो साध्य है वो समावेशी है जहां समावेश है वहां आत्मीयितता है और यहीं प्रेम का वास है।जहां प्रेम पनप सकता है वहां एक दूसरे के प्रति समझ तुरन्त पैदा होती है।और जहां समझ पनप सकती है वहां रिश्तों में निर्मलता पैदा हो जाती है।जहां निर्मलता रहती है वहां पारदर्शिता हर वक़्त अपना स्थान बनाये रखती है।जहां पारदर्शिता है उससे बेहतर रिश्ता भला क्या होगा? सरलता प्रेम और प्रेम से भरे रिश्तों की कुंजी है।जो कठिन असहज वक्र जटिल है वो बेहद बुरे रिश्तों के दौर को भोगता और गुजरता है।सदा बोझ लिये घूमता है।असुरक्षित और डरा रहता है।शक्की कान का कच्चा और कपटी रहता है।सरल व्यक्ति आज के युग मे विशेष है और थोड़ा मुश्किल से मिलने वाला।मगर आप को सरल होना बनना कोई मुश्किल नही।कोई एक भी रिश्ते में सरल होगा और सरल व्यक्तित्व का स्वामी होगा दूसरा देर सवेर सरल आप के साथ अपने आप हो जायेगा।ये लेख पूर्णयता अपने विश्वास और गुजरे समय के भिन्न भिन्न अनुभवों से सीख कर लिखा गया है।आप इसका अनुभव कर सकते है और जीवन को खुशनुमा बनाने के लिए अग्रसर हो सकते है।सबसे जरूरी आप खुश रह सकते है।अगर आप खुश हो गये तो आस पास खुशी खुशबू सी फैल ही जायेगी।सरल बनिये खुश रहिये।
जय हिंद।
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शुभ रात्रि।
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