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खसखस।

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खसखस बहुत प्राचीन समय से भारतीय व्यंजनों का हिस्सा रहा है। गर्मियों में शीतल पेय में बहुत लंबे समय से उपयोग में है। इसका शर्बत आपको सब जगह मिल जाएगा।ये चमत्कारिक रूप से बादाम अखरोठ नारियल गरी के साथ पीस कर दूध के साथ सेवन करने से आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है। मैं भी बाजार से सामान ले आया। सोचा आज इसी पे लिखे शोधों को पढ़ा और पढ़ाया जाये।
खसखस का वानस्पतिक नाम वेटिवेरिया जिजनियोइडिस है, और यह पोएसी (Poaceae) कुल से है। इसके अन्य नाम ये हैंः-
हिंदी में– खस, गनरार, खस-खस, वीरन मूल, बेना
अंग्रेज़ी में–  खस-खस ग्रास 
संस्कृत में– वीरण, वीर, बहुमूलक, उशीर, नलद, सेव्य, अमृणाल, समगन्धक, जलवास
उर्दू में– खस 
कन्नड़ में– मुडिवाल , वेट्टीवेरू 
गुजराती में– सुगन्धिवालो 
तेलगु में – कुरूवेरू ,
तमिल में -उशीरम, वेट्टिवेर 
बंगाली में– वेणर मूल , खसखस 
नेपाली में – खस 
पंजाबी में – पनी 
मराठी में – वाला 
मलयालम में – रमाच्हम 
पर्शियन – खसदाना रेशा , बीखीवाला , खस 
अरेबिक में– इजेखिर 
पॉपी सीड यानी खसखस मूल रूप से एक तिलहन है जो खसखस के पौधे (पैपर सोम्नीफेरम) से प्राप्त होता है। 3,000 से भी अधिक वर्षों से इसकी खेती होती आ रही है। कई यूरोपीय राष्ट्रों के अलावा ऑस्ट्रेलिया, भारत और तुर्की जैसे देशों में इसकी खेती की जा रही है। भारत में इसकी खेती मुख्य रूप से उत्तर प्रदेश, पंजाब के होशियारपुर, राजस्थान और मध्य प्रदेश में की जाती है।आम तौर पर लोगों को खसखस के पौधे के मादक गुणों के कारण खसखस के सेवन को लेकर चिंता होती है। यह सच है कि इसके कच्चे बीजों में मॉर्फिन जैसे अल्फ़ाइड होता है, एक दर्द निवारक जिससे नशे की आदत भी लग सकती है लेकिन इसके पके बीजों में ये न की मात्रा में होता है जिससे किसी भी प्रकार की लत नहीं लगती है। 
खसखस में कैल्शियम, पोटेशियम, मैग्नीशियम और आयरन जैसे खनिजों की अच्छी मात्रा होती है।  साथ ही यह फाइबर और आवश्यक फैटी एसिड से समृद्ध होता है जो हमारे सम्पूर्ण स्वास्थ्य को अच्छा रखने में मदद करते हैं। आमतौर पर इसका उपयोग खाने के स्वाद को बढ़ाने के लिए किया जाता है। 
खसखस में मौजूद पौष्टिक तत्व 
की जानकारी कुछ इस तरह से है– 
पोषक तत्व मात्रा ( प्रति 100 ग्राम)
 जल (g) 5.95
ऊर्जा (kcal) 525
प्रोटीन (g) 17.99
कुल फैट(g) 41.56
कार्बोहाइड्रेट (g) 28.13
फाइबर (g) 19.5
कुल शुगर (g) 2.99
मिनरल्स
कैल्शियम (mg) 1438
आयरन (mg) 9.76
मैग्नीशियम (mg) 347
फास्फोरस (mg) 870
पोटैशियम (mg) 719
सोडियम (mg) 26
 जिंक (mg) 7.90
विटामिन
विटामिन सी (mg) 1.0
थियामिन (mg) 0.854
राइबोफ्लेविन (mg) 0.100
नियासिन (mg) 0.896
विटामिन बी – 6 (mg) 0.247
फोलेट, भोजन (μg) 82
 विटामिन बी -12 (μg) 0.00
 विटामिन ए (μg RAE) 0
 विटामिन ए (IU) 0
विटामिन ई (अल्फा-टोकोफेरॉल), mg 1.77
विटामिन डी (डी2 + डी3) 0.0
विटामिन डी (IU) 0
विटामिन K1 (फाइलोक्विनोन) (μg) 0.0
लिपिड
फैटी एसिड कुल सैचुरेटेड  (g) 4.517
फैटी एसिड, कुल मोनोअनसैचुरेटेड (g) 5.982
फैटी एसिड, कुल पॉलीअनसैचुरेटेड (g) 28.569
फैटी एसिड, कुल ट्रांस 0.000
कोलेस्ट्रॉल (मिलीग्राम) 0.000
खसखस भारतीय व्यंजनों में कई प्रकार के गुणकारी खाद्य पदार्थ शामिल हैं। ये न सिर्फ पेट भरने का काम करते हैं, बल्कि इनका प्रयोग चिकित्सीय समस्याओं के इलाज में भी किया जाता है। खसखस भी ऐसा ही खाद्य पदार्थ है, जो पकवानों का जायका बढ़ाने के अलावा अपने औषधीय गुणों के लिए भी लोकप्रिय है। 
खसखस के प्रकार
खसखस के विषय में जानने के बाद आगे जानिए खसखस के प्रकारों के बारे में :
नीले खसखस – इसे यूरोपीय खसखस भी कहा जाता है, क्योंकि ये ज्यादातर ब्रेड और कन्फेक्शनरी (स्वीट एंड चॉकलेट) में देखे जाते हैं।
सफेद खसखस – इसे भारतीय या एशियाई खसखस भी कहा जाता है। इसका इस्तेमाल अधिकतर व्यंजनों में किया जाता है।
ओरिएंटल खसखस – इसे ओपियम पॉपी भी कहा जाता है, जिससे अफीम पैदा की जाती है।
खसखस के फायदे
शरीर के लिए खसखस के बहुत फायदे हैं। इसका इस्तेमाल कब्ज जैसी समस्या से लेकर कैंसर जैसी घातक बीमारियों के इलाज के लिए किया जा सकता है। छोटे-छोटे बीजों वाला यह खाद्य पदार्थ कैलोरी, प्रोटीन, फैट, फाइबर, कैल्शियम, आयरन, पोटैशियम व फोलेट जैसे पोषक तत्वों से समृद्ध होता है । इसका इस्तेमाल आंतरिक स्वास्थ्य से लेकर त्वचा और बालों के लिए भी किया जा सकता है। चलिये जानिए खसखस के शारीरिक फायदों के बारे में :
पेट संबंधी परेशानियों के लिए खसखस का उपयोग किया जा सकता है। यह खाद्य पदार्थ फाइबर जैसे खास पोषक तत्व से समृद्ध होता है , जो पेट से जुड़ी परेशानियों जैसे कब्ज व गैस आदि से छुटकारा दिलाने का काम करता है । इसके अलावा, फाइबर कोलन कैंसर से भी रोकथाम करने का काम कर सकता है । नियमित रूप से किया गया इसका सेवन पेट स्वास्थ्य को बनाए रखने में मदद करेगा।
मुह के छाले किसी भी व्यक्ति को परेशान कर सकते हैं। ये छाले कष्टदायक होते हैं, जो जीभ व होंठ आदि को निशाना बनाते हैं। इससे प्रभावित व्यक्ति को खाने, दांत साफ करने में और बात करने में दिक्कत का सामना करना पड़ता है। खसखस एंटीबैक्टीरियल गुणों से समृद्ध होता है , इसलिए यह मुंह के छालों पर सकारात्मक प्रभाव डाल सकता है। 
नींद की समस्या से परेशान लोग खसखस का इस्तेमाल कर सकते हैं। खसखस के अफीम प्रकार में एल्कलॉइड मौजूद होता है। एक शोध के अनुसार, एल्कलॉइड में दर्द निवारक और नींद को बढ़ावा देने वाला तत्व नारकोटिक पाया जाता है ।
खसखस के लाभ यहीं समाप्त नहीं होते, इसके प्रयोग से महिला की प्रजनन क्षमता में सुधार हो सकता है।  नीदरलैंड और ऑस्ट्रेलिया में शोधकर्ताओं के अनुसार पॉपी सिड्स के तेल से फैलोपियन ट्यूब को फ्लश करने से फर्टिलिटी में मदद मिल सकती है । फैलोपियन ट्यूब वो मार्ग होता है, जिससे अंडे अंडाशय से गर्भाशय तक जाते हैं।
हड्डियों के लिए भी पॉपी सिड्स के फायदे बहुत हैं। खसखस कैल्शियम, जिंक और कॉपर जैसे पोषक तत्वों से भरपूर होता है। ये दोनों तत्व हड्डियों को मजबूत करने और इनके विकास में मदद करते हैं। एक अध्ययन के अनुसार, कैल्शियम सप्लीमेंट के साथ कॉपर और जिंक मिलकर रीढ़ की हड्डी के नुकसान को रोकने में प्रभावी भूमिका अदा कर सकते हैं ।
हड्डियों के स्वास्थ्य के लिए कैल्शियम और फास्फोरस दोनों की सही मात्रा की आवश्यकता होती है। खसखस फास्फोरस से समृद्ध होता है, जो कैल्शियम के साथ मिलकर हड्डियों को लाभ पहुंचाता है ।
मस्तिष्क के विकास के लिए भी खसखस के फायदे बहुत हैं। यह कैल्शियम, आयरन व कॉपर जैसे पोषक तत्वों से समृद्ध होता है , जो दिमागी क्षमता बढ़ाने के लिए जाने जाते हैं। इसमें मौजूद कैल्शियम न्यूरोनल फंक्शन को संतुलित करने के साथ-साथ याददाश्त को भी बढ़ाने का काम करता है । मस्तिष्क की कार्यप्रणाली में सुधार के लिए आप खसखस को अपने आहार में शामिल कर सकते हैं।
खसखस में मौजूद जिंक और आयरन आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करने का काम कर सकते हैं। आयरन शरीर में ऑक्सीजन ले जाने और प्रतिरक्षा प्रणाली में सुधार करने में मदद करता है । वहीं, जिंक नई कोशिकाओं की वृद्धि और विकास  में भूमिका निभाता है ।
खसखस डाइटरी फाइबर से भरपूर होता है, जो कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम कर हृदय को हानि होने से बचाता है। एक अध्ययन के अनुसार, खाद्य पदार्थों में कोलेस्ट्रॉल की मात्रा खसखस तेल  के साथ कम की जा सकती है । इससे यह साबित होता है कि पॉपी तेल को आहार में शामिल कर हृदय को स्वस्थ रखा जा सकता है। इसके अलावा, खसखस में मौजूद ओमेगा -6 फैटी एसिड भी हृदय रोग से बचाव कर सकता हैं।
में ऊर्जा के प्रवाह को बढ़ाने के लिए खसखस आपकी मदद कर सकता है। यह खाद्य पदार्थ कार्बोहाइड्रेट जैसे पोषक तत्वों से समृद्ध होता है , जिसे आहार में ऊर्जा का जरूरी स्रोत माना जाता है । शरीर में ऊर्जा की पूर्ति और ऊर्जा के संतुलन के लिए आप खसखस का सेवन कर सकते हैं।
खसखस जिंक का अच्छा स्रोत है। एक अध्ययन के अनुसार उम्र बढ़ने के साथ-साथ होने वाले मैक्यूलर डीजेनेरेशन (नेत्र रोग) के जोखिम को जिंक कम कर सकता है। इसके अलावा, खसखस में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट आंखों के स्वास्थ्य को बढ़ावा दे सकते हैं ।
किडनी स्टोन से पीड़ित मरीजों के लिए खसखस प्रभावी विकल्प हो सकता है। यह पोटैशियम से समृद्ध होता है, इसलिए यह पथरी का इलाज करने में सहायक हो सकता है। इसके अलावा, खसखस में कैल्शियम भी पाया जाता है, जो किडनी स्टोन की समस्या से आपको निजात दिला सकता है  ।
कब्ज जैसी पेट संबंधी दिक्कतों को दूर करने के लिए भी खसखस का सेवन किया जा सकता है। खसखस फाइबर से समृद्ध होता और फाइबर पाचन तंत्र के लिए सबसे सहायक पोषक तत्व माना जाता है। फाइबर स्टूल को मुलायम बना मल त्याग में मदद करता है ।
दर्द से राहत पाने के लिए भी खसखस का उपयोग किया जा सकता है। खसखस नर्वस सिस्टम से आने वाले पेन सिग्नल्स को प्रभावित कर दर्द से निजात दिलाने में मदद करता है ।
खसखस में मौजूद जिंक की यहां अहम भूमिका देखी जा सकती है। यह श्वास नलिका  में सूजन और विषाक्त पदार्थों के खिलाफ साइटो प्रोटेक्टिव  के रूप में कार्य करता है। जिंक फेफड़ों के स्वास्थ्य के लिए एक महत्वपूर्ण तत्व माना जाता है, जो अस्थमा के इलाज में प्रभावी भूमिका निभा सकता है ।
एक रिपोर्ट के अनुसार खसखस कार्सिनोजेन-डिटॉक्सिफाइंग एंजाइम की गतिविधि को 78 प्रतिशत तक बढ़ा सकता है, जिसे ग्लूटाथिओन-एस-ट्रांसफरेज (जीएसटी) कहा जाता है। खसखस की यह गतिविधि कैंसर से रोकथाम का कार्य कर सकती है ।
एक रिपोर्ट के अनुसार खसखस को कैंसर की पारंपरिक दवा के रूप में भी जाना गया है। रिपोर्ट बताती है कि खसखस को त्वचा, पेट, गर्भाशय व योनि के कैंसर जैसी स्थितियों के लिए कारगर दवा के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है ।
खसखस में सेलेनियम होता है, जो थायराइड फंक्शन को बेहतर करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, जिससे हाइपो और हाइपर थायराइड के लक्षण समाप्त हो सकते हैं ।
मधुमेह से पीड़ित लोग खसखस का सेवन कर सकते हैं। यह फाइबर से समृद्ध होता है, जो टाइप 2 डायबिटीज पर प्रभावी रूप से काम कर सकता है। हालांकि, इस पर अभी और शोध की आवश्यकता है।
खसखस मैग्नीशियम से भी समृद्ध होता है । एक रिपोर्ट के अनुसार मैग्नीशियम की कमी से मधुमेह बढ़ने का खतरा बढ़ सकता है। अध्ययन बताते हैं कि मैग्नीशियम की खुराक लेने से उन लोगों को मदद मिली है, जिन्हें मधुमेह है या जिन्हें इसका खतरा है ।
नोट – मैग्नीशियम की अत्यधिक खुराक से पेट में ऐंठन और डायरिया हो सकता है।
खसखस का इस्तेमाल लंबे समय से एनाल्जेसिक (दर्द निवारक दवा) के रूप में किया जा रहा है। एक रिपोर्ट के मुताबिक पॉपी सिड्स की चाय दर्द को दूर करने काम करती है (।
आंतरिक स्वास्थ्य के लिए खसखस के फायदे जानने के बाद अब जान लेते हैं कि त्वचा के लिए खसखस कितना लाभकारी है।
आंतरिक स्वास्थ्य के साथ-साथ त्वचा के लिए भी खसखस के बहुत फायदे हैं। नीचे जानिए त्वचा के लिए पॉपी सिड्स किस प्रकार लाभदायक है-
खसखस लिनोलिक एसिड से समृद्ध होता है, जो एक्जिमा और सूजन से निजात दिलाने में मदद कर सकता है। नीचे जानिए किस प्रकार करें खसखस का इस्तेमाल –
दो-तीन चम्मच खसखस को तीन-चार घंटे पानी में भिगोकर रखें।
बाद में आधा चम्मच नींबू के रस के साथ अच्छी तरह ग्रांइड कर पेस्ट बना लें।इस पेस्ट को प्रभावित जगह पर लगाएं।यह पेस्ट त्वचा की खुजली और दर्द से निजात दिलाने में मदद करेगा। यह त्वचा को भी करता है साफ।त्वचा को साफ करने के लिए भी खसखस का इस्तेमाल किया जा सकता है। इसके लिए आप खसखस के बीजों का स्क्रब इस्तेमाल में ला सकते हैं। नीचे जानिए कैसे बनाएं खसखस स्क्रब –
दो चम्मच खसखस के बीजों को चार चम्मच दही में अच्छी तरह मिला लें।
अब इस मिश्रण को चेहरे और गर्दन पर धीरे-धीरे रगड़ें।
लगभग दस मिनट तक स्क्रबिंग करें और बाद में ठंडे पानी से चहरा धो लें।
 करता है मॉइश्चराइज
खसखस से बना पेस्ट एक अच्छे।मॉइस्चराइजर की तरह काम करता है, जिससे आपको एक चमकती और मुलायम त्वचा मिल सकती है। नीचे जानिए कैसे बनाएं खसखस से मॉइस्चराइजर :
दो चम्मच खसखस को कप के एक चौथाई दूध के साथ अच्छी तरह ग्राइंड कर लें।
ध्यान रहे कि पेस्ट के चिकना होने तक इसे ग्राइंड करें।अब इस पेस्ट को चेहरे पर दस मिनट के लिए लगाएं और बाद में ठंडे पानी से चेहरा धो लें।त्वचा के लिए खसखस के लाभ जानने के बाद आगे जानिए खसखस बालों को किस प्रकार लाभ पहुंचाता है।
बालों के लिए खसखस के फायदे –
सेहत और त्वचा के अलावा खसखस बालों के लिए भी फायदेमंद है। नीचे जानिए बालों के लिए किस प्रकार करें खसखस का प्रयोग :बालों के विकास में भी खसखस आपकी मदद कर सकता है। खसखस, विटामिन-ई से समृद्ध होता है, जो बाल झड़ने की समस्या से निजात दिला बालों के विकास में मदद करता है । बालोंं के लिए आप पॉपी सिड्स हेयर पैक बना सकते हैं। नीचे जानिए किस प्रकार बनाएं बालों के लिए खसखस का हेयर पैक :
कप का एक चौथाई नारियल दूध लें और उसमें एक छोटा चम्मच प्याज का पेस्ट मिला दें।इसमें दो चम्मच खसखस डालें और कुछ घंटे भिगोकर रखें।अब इस मिश्रण को अच्छी तरह ब्लेंड कर लें।पेस्ट को स्कैल्प और बालों पर एक घंटे के लिए लगाएं और बाद में शैंपू से धो लें।बालों के विकास के लिए आप हफ्ते में दो-तीन बार इस प्रक्रिया को दोहरा सकते हैं। 
रूसी से निजात पाने के लिए भी आप खसखस का उपयोग कर सकते हैं। खसखस, विटामिन, मिनरल्स और प्रोटीन से समृद्ध होता है, जो बालों को स्वस्थ बनाने का काम करते हैं । रूसी से निजात पाने के लिए आप पॉपी सिड्स का इस प्रकार इस्तेमाल कर सकते हैं -एक चम्मच भीगे हुए खसखस के बीज, दो चम्मच दही और आधा चम्मच सफेद मिर्च को अच्छी तरह ब्लेंड कर पेस्ट बना लें।
इस मिश्रण को आधे घंटे के लिए स्कैल्प पर लगाएं और फिर शैंपू कर लें।अच्छे परिणाम के लिए आप हफ्ते में दो से तीन बार यह उपाय कर सकते हैं।आगे हम खसखस में मौजूद पौष्टिक तत्वों के बारे में बता रहे हैं।
इसके और भी बहुत सारे स्वास्थ्य लाभ हैं ।पर इसके परिणाम अधिक सेवन से गलत भी हो सकते है।
द फ़ेडरल इंस्टिट्यूट फॉर रिस्क असेसमेंट के डॉक्टर एंड्रेअस हेंसल के अनुसार खसखस का अधिक मात्रा में सेवन करने से श्वसन और कार्डियोवास्कुलर सिस्टम में परेशानी हो सकती है, साथ ही चेतना  बिगड़ सकती है और चक्कर भी आ सकता हैं।  भौगोलिक और कटाई को प्रभावित करने वाली चीज़ों के आधार पर खसखस में मॉर्फिन की मात्रा काफी भिन्न हो सकती है जिससे खसखस के ये दोष प्रभाव काम या तीव्र हो सकते हैं।
खसखस की चाय में हल्के और घातक दोनों प्रकार के साइड इफेक्ट होते हैं। इसके चाय की थोड़ी मात्रा से बेहोशी, चक्कर, मतली, त्वचा की खुजली, कब्ज या मूत्र प्रतिधारण जैसी समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैँ। इसका अधिक सेवन करने से श्वास लेने में  समस्या और हृदय की गति कम हो सकती है। अगर आप शराब पीते हैं और खसखस की चाय का सेवन भी कर रहे हैं, तो यह आपके लिए काफी घातक सिद्ध हो सकता है।
इस जानकारी के बाद ये ही कहूंगा। खस खरीद लाइये और घरेलू उपचार के इलावा अपनी प्रतिरोधक क्षमता भी बढाइये।
जय हिंद।
****🙏****✍️
शुभ रात्रि।

"निर्गुणी"
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