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हरा धनिया या कोथमीर भारतीय रसोई में प्रयोग की जाने वाली एक सुंगंधित हरी पत्ती है। मारवाडी भाषा में इसे धोणा या धणा कहा जाता है। सामान्यतः इसके पत्तो का उपयोग सब्ज़ी की सजावट और ताज़े मसाले के रूप में किया जाता है। इसके बीज को सुखाकर सूखे मसाले की तरह प्रयोग किया जाता है। धनिया दो तरह की होती हैं देशी धनिया इसमें स्वाद और खुशबू ज्यादा होती है ये बाजारों में दिसम्बर से फरवरी तक ही खाने के लिए उपलब्ध होती है । दूसरा हायब्रीड धनिया ये बाजारों में ज्यादा देखने को मिलती है लेकिन स्वाद ओर खुशबू में ज्यादा अच्छी नहीं होती।
धनिया के कच्चे पत्तों में विटामिन A, C और K के गुण मौजूद है और इसके बीज में - फाइबर, कैल्शियम, कॉपर, आयरन की मात्रा पाई जाती है।
भारतीय व्यंजनों में धनिये का बहुत ज्यादा इस्तेमाल किया जाता है। इसे डायटरी फाइबर (पौधों से मिलने वाला एक प्रकार का कार्बोहाइड्रेट) का अच्छा स्रोत माना जाता है। इसके अलावा धनिये में कई तरह के औषधीय गुण भी पाए जाते हैं। पारंपरिक उपचार और खाने का स्वाद बढ़ाने के लिए विभिन्न सभ्यताओं के लोग धनिये का इस्तेमाल किया करते थे। धनिये का पूरा पौधा लिपिड का अच्छा स्रोत माना जाता है क्योंकि इसमें पेट्रोसेलिनिक एसिड और एसेंशियल ऑयल (जड़ी बूटियों से तैयार तेल) होता है।दक्षिणी यूरोप और उत्तरी और दक्षिण-पश्चिमी अफ्रीका के क्षेत्रों में पाया जाने वाला धनिया एक मुलायम जड़ी बूटी है जिसका पौधा 50 से.मी की लंबाई तक बढ़ सकता है। आयुर्वेद में धनिये को त्रिशोधक (तीन लाभ देने वाला) मसाले के रूप में अत्यधिक महत्व दिया गया है। इसके तीन फायदों में भूख बढ़ाना, पाचन में सुधार और संक्रमण से लड़ना शामिल है।
धनिये में अनेक जैव घटक पाए जाते हैं जिनके कारण इस जड़ी बूटी के विभिन्न भागों में कई तरह के औषधीय गुण मौजूद हैं। धनिये में डायबिटीज-रोधी, एंटीऑक्सीडेंट, मिर्गी-रोधी, अवसाद-रोधी, सूजन कम करने वाले, खून में लिपिड को कम करने वाले, दिमाग की कोशिकाओं को सुरक्षा देने वाले, हाई ब्लड प्रेशर कम करने वाले और मूत्रवर्द्धक गुण होते हैं।धनिये के बारे में वैज्ञानिक तथ्य इस तरह है-
वानस्पतिक नाम: कोरिएंडर सैटाइवम
कुल: एपिएसी
सामान्य नाम: धनिया, सिलैंट्रो, चीनी पार्सले
संस्कृत नाम: धनिया
उपयोगी भाग: पत्तियां, जड़, बीज
भौगोलिक विवरण: दक्षिणी यूरोप, उत्तरी अफ्रीका, दक्षिण-पश्चिमी अफ्रीका।
धनिया की तासीर ठंडी होती है। इसलिए इसका उपयोग पेट की समस्याओं के लिए भी किया जाता है। धनिया काफी स्वस्थ लाभ प्रदान करता है पर ध्यान रखें की इसका अधिक सेवन भी सेहत के लिए नुकसानदायक साबित हो सकता है।
धनिये के फायदे इस तरह है-
धनिया का पानी वजन घटाने के लिये-
यदि आप मेटाबोलिज्म बढ़ाने और वसा को जलने वाले खाद्य पदार्थ का उपभोग करते हैं तो आपका वजन कम हो सकता है। इसलिए अगर आप अपना वजन कम करने की कोशिश कर रहे हैं तो धनिये के बीज का उपयोग करें जो आपके लिए काफी फायदेमंद होगा। इसके लिए आप तीन बड़े चम्मच धनिये के बीज को एक गिलास पानी में उबालें। जब पानी आधे से कम हो जाए तो इसे छान लें और प्रतिदिन दो बार इसका सेवन करें। आयुर्वेद के अनुसार, धनिया के बीज से बना काढ़ा रक्त में लिपिड के स्तर को कम कर देता है। इसके बीज और पत्तियों में मौजूद स्टेरोल शरीर में कोलेस्ट्रॉल के अवशोषण को रोकते हैं, जिससे वजन नहीं बढ़ता है।
धनिया का पानी थाइरोइड संतुलन के लिए-
यदि आपको हाइपोथायरायडिज्म और हाइपरथायराइडिज्मज जैसी थाइरोइड की समस्याएं हैं तो आप धनिये के बीज का सेवन करें। इसका उपयोग हार्मोन को नियमित करता है। इसमें उच्च प्रकार के विटामिन, खनिज, और एंटीऑक्सीडेंट्स पाए जाते हैं जो थायराइड की समस्या में बहुत लाभदायक होते हैं। इसके लिए आप धनिया का काढ़ा, धनिया की स्मूदी या धनिया का पानी अपने आहार के रूप में उपयोग करें।
धनिया खाने के फायदे पाचन के
लिए -
यदि आपको पाचन सम्बंधित समस्या है तो आप धनिया का सेवन करें। यह सूजन को भी कम करने में मदद करता है। धनिया पाचन तंत्र के अन्य लक्षण जैसे गैस, सूजन और चिड़चिड़ापन आदि से छूटकारा दिलाने में मदद करता है। इसका उपयोग आंतों को पोषक तत्वों को बेहतर ढंग से अवशोषित करने में मदद करता है। इसके लिए आप नारियल के दूध और ककड़ी या तरबूज जैसे अन्य ठंडे पदार्थों के साथ एक बड़ा चम्मच धनिये के बीज को मिलाकर स्मूदी बना लें और सेवन करें।
धनिया पाउडर के फायदे एलर्जी में -
धनिया ठंडा होता है इसलिए एलर्जी को शांत करने के लिए बहुत ही अच्छा होता है। यह एलर्जी के आम लक्षणों जैसे पित्ती , खुजली और सूजन को दूर करने में मदद करता है। इसे त्वचा पर उपयोग करने के लिए एक चम्मच शहद और आधा चम्मच पिसे हुए धनिये को मिलाकर पेस्ट बना लें। इस पेस्ट को प्रभावित क्षेत्र पर लगाएं और 5 से 10 मिनट के बाद धो लें।
यदि आपके मुंह या गले में सूजन है तो धनिये के बीज की चाय आपके लिए बहुत ही लाभदायक होगी। इसके लिए आप एक कप पानी में एक छोटा चम्मच पइसे हुए धनिये का बीज उबालें। अब इसको गर्म गर्म पी लें आप चाहें तो इसमें स्वाद के लिए शहद भी डाल सकते हैं। आप धनिये के बीज को ठंडे खीरे या अजवायन के डंठल के रस में मिलाकर भी सेवन कर सकते हैं।
धनिया का तेल दे गठिया से राहत -
धनिया के एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण के कारण इसका उपयोग गठिया से राहत पाने के लिए भी किया जाता है। इसके लिए आप शीया मक्खन , नारियल का तेल या फिर अपने पसंदीदा खुशबू रहित लोशन में आधा छोटा चम्मच धनिया के बीज का पाउडर मिलकार लेप लगाएं। यह बहुत ही फायदेमंद होगा।
धनिया के बीज का तेल भी गठिया के लिए लाभ होता है। इसके लिए आप एक बड़ा चमचा नारियल तेल, जैतून का तेल या अंगूर के बीज के तेल में 5 बूंद धनिये के तेल को मिलाकर अपने जोड़ों पर मालिश करें या फिर आप दूसरे एंटी-इंफ्लेमेटरी तेल जैसे लोबान का तेल , टी ट्री आयल, तेजपत्ते का तेल, नींबू का तेल भी मिला सकते हैं।
धनिया के औषधीय गुण मासिक धर्म के लिए -
अत्यधिक मासिक धर्म के प्रवाह से पीड़ित महिलाओं को उबले धनिये के बीज के पानी का सेवन करना चाहिए। यह रक्तस्राव को नियंत्रित करता है। धनिया में मौजूद आयरन रक्त की कमी को पूरा करने में मदद करता है। यह शरीर में ऊर्जा के स्तर में भी सुधार करता है।
धनिया मासिक धर्म चक्र के दौरान गर्भाशय की ऐंठन से राहत दे सकता है। और इस समय के दौरान होर्मोनेस को भी नियंत्रित करने में मदद करता है। यह मासिक धर्म चक्र की नियमितता में सुधार करता है।
धनिया के बीज के फायदे डायबिटिक के लिए -
धनिया का बीज इंसुलिन की गतिविधि को बनाए रखते हैं और रक्त में ग्लूकोज के स्तर को कम करता है। अंत: स्रावी ग्रंथियों पर धनिया के उत्तेजक प्रभाव के कारण अग्न्याशय में इंसुलिन का स्राव बढ़ता है। यह अन्य सामान्य चयापचय कार्यों के ठीक से होने के लिए रक्त शर्करा के स्तर को तेजी से कम करता है।
इसके लिए आप धनिया पाउडर या धनिया बीज का उपयोग करी, सूप, अचार, रस में कर सकते हैं। आप धनिया के पानी का भी उपयोग कर सकते हैं। इसके लिए आप 10 ग्राम कुटे हुए धनिया के बीज को पूरी रात पानी में भिगोने के लिए रख दें और सुबह उठ कर उस पानी को पी लें।
हरे धनिये के बीज के लाभ आंखों में खुजली के लिए -
धनिया के बीज में उच्च एंटीऑक्सीडेंट गुण होतें हैं जो आंखों में खुजली, लालिमा और सूजन को कम करने में मदद करते हैं। धनिया के बीज में एंटीबैक्टीरियल गुण पाएं जाते हैं जो नेत्रश्लेष्मलाशोथ कैसे संक्रामक रोगों से आंखों की रक्षा करते हैं।
अगर आपको कंजंक्टिवाइटिस की समस्या है तो इसके लिए धनिया के बीज के काढ़े (धनिया के बीज पीनी में उबाल लें) से अपनी आंखों को धोएं। इसके अलावा आंखों की विभिन्न समस्याओं से छुटकारा पाने के लिए प्रतिदिन खाली पेट धनिये का सेवन करें।साबुत धनिया के फायदे त्वचा के लिए -
धनिया में कीटाणुनाशक, विषहरण, एंटीसेप्टिक, एंटिफंगल और एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं जो एक्जिमा, सूखेपन और फंगल संक्रमण जैसे त्वचा विकारों को साफ करने में मदद करते हैं।जैसा कि पहले कहा गया है कि धनिया कई एंटीऑक्सिडेंटों में समृद्ध है जो त्वचा की कोशिकाओं को नुकसान पहुंचाने से फ्री रेडिकल्स को रोकते हैं। विटामिन ए एक महत्वपूर्ण घुलनशील विटामिन और एंटीऑक्सिडेंट है जो बलगम झिल्ली और त्वचा स्वस्थ बनाए रखने के लिए महत्वपूर्ण है। विटामिन सी एक शक्तिशाली प्राकृतिक एंटीऑक्सिडेंट है जो फ्री रेडिकल्स से लड़ता है जो उम्र बढ़ने के लक्षणों को रोकने में मदद करते है जैसे लूज स्किन, झुर्रियों, रंजकता आदि।
धनिये का रस बालों के लिए -
धनिया का रस नए बालों के विकास में मदद करती हैं और बालों के झड़ने की समस्या से छुटकारा दिलाती हैं। क्योंकि इसमें आवश्यक विटामिन और प्रोटीन होते हैं जो बालों के विकास में मदद करते हैं। आप पानी की कुछ बूंदों का उपयोग कर के धनिया के ताजे पत्तों का पेस्ट बना लें। शैम्पू करने से एक घंटे पहले इस पेस्ट को अपने सिर पर लगाएं। प्रभावी परिणाम पाने के लिए 2 से 3 सप्ताह में इसका दो बार इस्तेमाल करें। आप पानी में धनिया के पत्तों को उबाल कर उसे ठंडा करके अपने बालों को भी धो सकते हैं।
धनिया की पत्ती के फायदे उच्च रक्तचाप में -
एलडीएल (LDL) कोलेस्ट्रॉल को कम करने के अलावा धनिया हाई ब्लड प्रेशर को कम करने में मदद करता है। यह जड़ी बूटी पोटेशियम, मैग्नीशियम, कैल्शियम, मैंगनीज और लोहे का अच्छा स्रोत है। यह उच्च पोटेशियम और कम सोडियम के कारण हृदय की दर और रक्तचाप को नियंत्रित करने में मदद करता है।
लोगों में अधिक रक्तचाप विभिन्न कारणों की वजह से हो सकता है। और उनमें से एक कारण है तनाव। धनिया के खाने से चिंता और तनाव कम होता है जो आपके ब्लड प्रेशर को भी नियंत्रित रखने में मदद करता है। इस प्रकार, यह आपके ब्लड प्रेशर को काबू में रखता है।
धनिये के नुकसान -
धनिया के बहुत ही कम नुकसान हैं। पर इसके अधिक मात्रा में सेवन से एलर्जी की समस्या हो सकती है जो त्वचा पर देखी जा सकती है।
धनिया के अधिक मात्रा में सेवन करने से हमारी त्वचा के सनबर्न होने की सम्भावना बढ़ जाती है जो लंबे समय में त्वचा के कैंसर का कारण बन सकती है।गर्भवती महिलाओं को धनिया का सेवन नहीं करना चाहिए जब तक इसके ऊपर पूरी तरह रिसर्च ना हो जाए। हालांकि कुछ महिलाओं ने दावा किया है कि धनिये के सेवन से स्तन के दूध में बृद्धि होती है।
आज कल हरा धनिया बहुतायत में मिलता है। जितना उपयोग हो सके तो करें। चटनी बनाएं रोटी बनाएं सब्जी में डालें और स्वास्थ्य लाभ पाएं।
जय हिंद।
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शुभ रात्रि।
"निर्गुणी"
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