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प्रेम शब्द बहुत ही भावनाओं से भरा शब्द है।ये आंतरिक खुशी के समृद्ध रहने का सबसे बड़ा कारक है। इसका एहसास हमे युगों युगों से अलग अलग कथाओं और किवदंतियों के द्वारा कराया जाता रहा है। प्रेम का एहसास एक ही है और रूप अनेक। आज का दिन भी विशेष और इसमें भी रूप अनेक। वो है वैलेंटाइन डे। वैलेंटाइन का नाम सुनकर आपके दिल में कुछ-कुछ नहीं, बल्कि बहुत कुछ होने लगा होगा। आज हम यहां वैलेंटाइन डे का मतलब ही नहीं बल्कि इसकी शुरुआत से लेकर अभी तक के बारे में सब कुछ बताने जा रहे है।
14 फरवरी को मनाया जाने वाला दिन वैलेंटाइन डे, जिसे सेंट वेलेंटाइन के दिवस के रूप में भी जाना जाता है। इस दिन कई प्रेमी जोड़े अपने प्यार का इजहार करते पाए जाते हैं। जो पहले से ही किसी के साथ प्रेम बंधन से बंधे है वो इस दिन अपने प्यार को और गहरा बनाने के लिए उपहारों का आदान-प्रदान करते है। विदेशों में इस दिन छुट्टी होती है। इस छुट्टी की शुरुआत असल में बेबीलोनियाई लुपरकेलिया त्योहार से ली गई है, जो फरवरी के मध्य मनाया जाता है। यह कार्निवल बसंत मौसम के आगमन भी सूचना देता है। इसके साथ ही इसमें स्पिनिंग अनुष्ठान और प्यार का जश्न मनाने वाले लोग शामिल होते हैं।
मगर वैलेंटाइन डे के इतिहास के पीछे की कहानी थोड़ी नाटकीय है। ऐसा कहा जाता है कि संत वेलेंटाइन ने रोमन जेलों रह रहे ईसाइयों को बचाने में सहायता की थी। इस बीच, उन्हें जेलर की बेटी से प्यार हो गया, जो कारावास के दौरान उनसे मिलने आती थी। 14 फरवरी को, अपनी मृत्यु से पहले, उन्होंने अपने प्रेमिका को एक पत्र लिखा, जिस पर ‘फ्रॉम योर वेलेंटाइन’ पर हस्ताक्षर किए।
आपको यह कहानी थोड़ी सुनी हुई सी लगती है, यह सही भी है। आज भी यह वेलेंटाइन डे मेसेज एक साइन-ऑफ है। आज भी कई लोगों द्वारा उपयोग किया जाता है। रोम में आज भी बेहतरीन वैलेंटाइन नोट के लिए तरह-तरह की प्रतियोगिताएं होती हैं।
वेलेंटाइन डे को आज संयुक्त राज्य अमेरिका, यूनाइटेड किंगडम, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया, अर्जेंटीना, फ्रांस, मैक्सिको और दक्षिण कोरिया में व्यापक रूप से मनाया जाता है। फिलीपींस वासी इस दिन को सबसे लोकप्रिय शादी की सालगिरह के रूप मनाते है। इस दिन बड़ी संख्या लोग शादी के बंधन में बंधते है। इस दिन लोग अपने मित्रों और परिवार के लिए एक दूसरे के प्रति अपने प्यार को साझा करने के रूप में मनाते है। इस दिन, कई प्राथमिक विद्यालय के बच्चे एक दूसरे के साथ थैंक्सगिविंग की अदला-बदली करते हैं।
वेलेंटाइन डे पर लोग एक दूसरे को प्यार और उपहार का तोहफा देते हैं। एक अनुमान के अनुसार पूरे अमेरिका में, एक मिलियन से अधिक के गुलदस्ते हर साल वितरित किए जाते है। क्या आप जानते है कि यह दिन सिर्फ प्यार और उपहार के लिए नहीं बल्कि जुनून, बलिदान और भक्ति की कहानी है। यही वेलेंटाइन डे का वास्तविक उद्देश्य है। एक कथा के अनुसार कहा जाता है कि क्राउन प्रिंस क्लॉडियस द्वीतीय गोथिकस ने तीसरी शताब्दी में रोमन गणराज्य को नियंत्रित किया। क्लॉडियस एक अमानवीय शासक था। उसने कई सारे युद्ध लड़े। जिसकी वजह से उसके सैनिक धीरे-धीरे कम होने लगे। तीसरी शताब्दी के दौरान, कई संघर्षों में शामिल होने के लिए उसे अच्छे सैनिकों को खोजने में कठिनाई हो रही थी।
क्लॉडियस ने देखा की जब लोग अपने प्यार और परिवार को छोड़कर सेना में भर्ती नहीं होना चाहते, तो उसने एक फरमान जारी कर रोम के सभी विवाह और शादियों को रद्द कर दिया। जिसकी वजह से कई लोगों के सपने चकनाचूर हो गए। कोई भी इस राजा के तानाशाही के विरुद्ध आवाज नहीं उठा रहा था।
उस समय लोगों के लिए आवाज उठाने को एक नेक दिल रोमन कैथोलिक पादरी वैलेंटाइन आगे बढ़े। शासक के आदेशों के विरुद्ध जाकर उन्होंने गुप्त रूप से लोगों की शादी करवाई। उसने युद्ध में शामिल होने वाले सैनिकों की भी इन्होने शादी करवाई। जूलियस सीजर को 269 ईस्वी में पादरी वैलेंटाइन, के बारे में जानकारी हुई। उसके बाद इनको कैद कर लिया गया और मौत की सजा सुनाई गई।
पादरी वैलेंटाइन ने जेल में रहते हुए एक बहरी महिला के साथ रिलेशनशिप में जुड़ गए। इस महिला को जेलर की बेटी के रूप में भी जाना जाता है। कहा जाता है कि वैलेंटाइन ने अपनी कैद की अंतिम शाम को आत्मभाषण की रचना की थी, क्योंकि उनके पास जेल में लिखने के लिए कुछ नहीं था। कहा जाता है कि उनके भाषणों ने उस बहरी महिला के कानों को ठीक कर दिया। जिसकी वजह से अगले ही दिन रोमन अत्याचारियों ने पादरी वेलेंटाइन को पीटा जिसकी वजह से मृत्यु हो गई।
सेंट वेलेंटाइन ने अपने जीवन काल में हमेशा विवाह के लिए युवा जोड़ों को एकजुट करने के लिए अपनी सेवाएं दीं। व्यक्तियों ने भले ही इस आदमी को मार डाला हो, लेकिन लोगों ने कभी इनके महान कर्मों को नहीं भुलाया। प्रेम के प्रति वैलेंटाइन की आत्म-बलिदान भक्ति पुरे यरूशलेम में प्रसिद्ध हो गई थी। अब पीढ़ी दर पीढ़ी उनके महान कार्यों को लोग उनकी मृत्यु के बाद भी याद करते हैं। बाद में कैथोलिक चर्च उनके नाम पर एक फेस्ट आयोजित करने के लिए सहमत हो गया। लोगों ने इस वैलेंटाइन डे फेस्ट को मनाने के लिए 14 फरवरी को चुना।
आपको जानकर हैरानी होगी कि वैलेंटाइन डे का मुख्य उद्देश्य वैवाहिक जीवन के लिए लोगों को जोड़ने का था। इस वैलेंटाइन डे पर अपनी शादी में प्यार बनाए रखने के लिए आप जो कुछ भी करते हैं, वह आपके लिए हमेशा यादगार बन जाता है। कुछ लोग इस दिन अपने प्यार का इजहार करने के लिए कैम्प फायर में डाइनिंग और लव मेसेज का आदान-प्रदान करते है। यह सब करना भी आवश्यक है, पर इसे सिर्फ एक दिन के लिए नहीं बल्कि पुरे साल अपने प्यार को किसी न किसी रूप में अभिव्यक्ति करते रहना चाहिए।
कैथोलिक चर्च ने कम से कम तीन अलग-अलग शहीद संत वैलेंटाइन को सम्मानित किया है। इस त्योहार को किस की याद में मनाया जाता है, ये पता कर पाना काफी चुनौतीपूर्ण लगता है। कहा जाता है कि यह परंपरा रोमन सम्राट क्लॉडियस द्वितीय ने 14 फरवरी, 278 ईस्वी को टर्नी के संत वैलेंटाइन को फांसी दी थी। उनकी हत्या के दिन को उनकी याद में मनाया जाता है, क्योंकि इन्होने क्लॉडियस II के आदेश के खिलाफ जाकर गुप्त विवाह समारोहों को बनाए रखने का फैसला लिया था। कहा जाता है कि वैलेंटाइन ने एक अलविदा पत्र लिखा था, “थ्रू योर वैलेंटाइन” ।
वेलेंटाइन डे पर करीबी दोस्तों को गुलाब देने का रिवाज 17 वीं शताब्दी का है, जब स्कैंडिनेविया के राजा चार्ल्स द्वितीय ने “the word of flowering” को लोकप्रिय बनाने का प्रयास किया। प्रेम की ग्रीक देवी, एफ्रोडाइट को, वेलेंटाइन डे के दिन गुलाब देना बहुत अच्छा माना जाता है। धीरे-धीरे यह लोकप्रिय होता गया। तब से यह परंपरा लोकप्रिय होती गई। दोनों फाइनेंशियल मार्केट्स एसोसिएशन ने अनुमान लगाया है कि हर साल वेलेंटाइन डे गुलाब के दिन फूलों का कारोबार लगभग 2 अरब डॉलर तक पहुच जाता है।
उन्नीसवीं सदी में वेलेंटाइन डे अविश्वसनीय रूप से सभी के लिए आम हो गया। इसके व्यवसाय ने भी बड़ा रूप धारण कर लिया। 1840 के दशक में, एस्तेर ए हाउलैंड (“मदर ऑफ़ द वैलेंटाइन”) के रूप में जाना जाने लगा। संयुक्त राज्य में पहले बड़े पैमाने पर कार्ड की बिक्री शुरू की। इसके साथ ही हॉलमार्क कार्ड्स की शुरुआत 1913 में हुई। ग्रीटिंग कार्ड समूह के अनुसार, परिवार के सदस्य लगभग 1 बिलियन कार्ड पूरी दुनिया में निमंत्रण के लिए भेजे जाते है।
कुल मिला कर अपने प्रेम को इजहार करने का खास दिन है दोस्तो। समय के संग इसके रूप बदलते गए। जिस जिस समाज में ये राज के जरिए पहुंचा वहीं का रूप धारण कर प्रेम की पताका फेरा दी।
प्रेम का दुश्मन जमाना सदियों से रहा है
जब इकबाल को वतन से प्रेम का एहसास कराना था तो उसने भी लिखा
"कुछ बात है कि हस्ती, मिटती नहीं हमारी। सदियों रहा है दुश्मन, दौर-ए-ज़माँ हमारा"
बहुत है दुश्मन इस दिन के भी सदियां गुज़र गई लोग जुड़ते गए कारवां बनता गया।
धन्यवाद
शुभ रात्रि।
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जय हिंद।
"निर्गुणी"
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ज्ञानवर्धक
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